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    Tuesday 14 February 2017

    देहात सीट पर इस बार बड़े उलटफेर के आसार - Chance big undoing in village



     * ‘आजाद‘ तेवर में सब पर भारी पड़ रहे साद अली खान  * मुश्किलों से घिरी कांग्रेस और भाजपा की चुनावी मुहिम * बसपा के आगे भी अपना मजबूत गढ़ बचाने की चुनौती 

    जन लीडर न्यूज़
    सहारनपुर। बसपा के मजबूत गढ़ की पहचान रखने वाली सहारनपुर देहात सीट पर इस बार बड़े ‘उलटफेर‘ के आसार नजर आ रहे हैं। यहां सपा से गठबंधन के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी का पूरा चुनाव अभियान कुल मिलाकर ‘फ्लॉप शो‘ में तब्दील होता नजर आ रहा है तो, एड़ी-चोटी का जोर लगाने के बावजूद भाजपा उम्मीदवार भी इस सीट पर ‘गियर अप‘ करने में नाकाम ही साबित हुए हैं। ऐसे में पूरा मुकाबला बेहद सधे अंदाज में समाज के सभी वर्गों के बीच अपनी गहरी ‘पैठ‘ जमा चुके आजाद उम्मीदवार साद अली खान और बसपा के सिटिंग विधायक जगपाल सिंह के बीच ही सिमटता दिख रहा है।

    एक दौर में बसपा प्रमुख मायावती की विधानसभा सीट होने के चलते अलग ही ‘वीवीआईपी‘ रुतबा रखने वाले सहारनपुर देहात क्षेत्र का चुनावी सफर इस बार नया मोड़ ले सकता है। यहां एक तरफ, बसपा के तजुर्बेकार नेता और मौजूदा विधायक जगपाल सिंह चुनाव मैदान में डटे हैं तो दूसरी ओर, सियासत में अलग ही मुकाम रखने वाले पूर्व सांसद मंसूर अली खान के बेटे साद अली खान एक नौजवान चेहरे के रूप में अवाम के बीच खासी लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं। इससे पूरा मुकाबला, बेहद दिलचस्प रंगत में ढलता नजर आने लगा है। जबकि, देश की दोनों प्रमुख पार्टियों यानी भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों का चुनाव अभियान शुरुआत से ही तमाम किस्म के संकट से घिरा रहा है। बात भाजपा के मनोज चौधरी की करें तो वे भरसक प्रयासों के बावजूद खुद पर लगे ‘बाहरी‘ प्रत्याशी के टैग से छुटकारा नहीं पा सके हैं तो, इसी तरह लंबे उतार-चढ़ाव के बाद कांग्रेस से टिकट हासिल करने वाले मसूद अख्तर के प्रति भी क्षेत्रीय मतदाता अधिक गंभीरता नहीं दर्शा रहे। दरअसल, टिकट तय करने में नामांकन प्रक्रिया तक चली लंबी उठापटक के चलते मसूद को सपा से गठबंधन का लाभ तो मिला ही नहीं, वहीं उनके जनसंपर्क की मुहिम पर भी शुरुआत से आखिर तक ‘संकट‘ के बादल लगातार मंडराते रहे। चुनाव प्रचार के अंतिम क्षणों में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद ने हवा का रुख उनकी ओर करने की खातिर पूरी ताकत झोंक दी लेकिन, इससे भी उनकी स्थिति में किसी किस्म के बड़े बदलाव के संकेत सामने नहीं आए हैं। नतीजतन, इन दोनों प्रत्याशियों की अपेक्षाकृत ‘कमजोर‘ स्थिति के चलते अब इस सीट पर पूरा चुनावी मुकाबला आजाद उम्मीदवार साद अली खान और बसपा के सिटिंग विधायक जगपाल सिंह के बीच ही सिमट जाने की संभावना बढ़ गई है।

    काबिल-ए-गौर पहलू यह है कि, आजाद उम्मीदवार होने के साथ ही साद जहां पूरी तरह अलग ही तेवर में अपने सियासी विरोधियों पर खुलकर निशाना साध रहे हैं तो वहीं, चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में उन्हें सुनने के लिए तमाम इलाकों में तगड़ा जन सैलाब भी उमड़ रहा है। इसी सिलसिले के बीच बीते रविवार को जनता रोड पर आयोजित अपनी विशाल जनसभा में उन्होंने समाज के सभी तबकों का समर्थन जुटाकर बखूबी ताकत भी दर्शाई, जिससे उनके विरोधियों की नींद उड़ गई है। खासकर, कांग्रेस उपाध्यक्ष इमरान मसूद पर बेहद तल्ख तेवर में सीधा हमला बोलकर साद ने देहात सीट के बाशिंदों में अपनी छवि एक ऐसे नौजवान चेहरे की बना ली है, जो न सिर्फ ‘आक्रामक‘ शैली अपनाने में माहिर है बल्कि माहौल की नब्ज भांपने में भी उसका कोई सानी नहीं। शायद यही कारण है कि चुनाव प्रचार के आखिरी दौर तक पहुंचते-पहुंचते चुनाव में साद की पकड़ खासी मजबूत नजर आने लगी है, जिसे देखते हुए राजनीति की अच्छी समझ रखने वाले तक एक मत से मान रहे हैं कि, यह क्षेत्र इस बार किसी बडे़ उलटफेर का गवाह बन सकता है। हालांकि, सही मायने में ऐसा तभी मुमकिन होगा, जब अर्से से बसपा का मजबूत ‘गढ़‘ होने के नाते खुद भी सहारनपुर देहात सीट के ‘क्षत्रप‘ बन चुके पार्टी के सिटिंग विधायक व प्रत्याशी जगपाल सिंह के परंपरागत और बेहद मजबूत वोट बैंक में बड़ी सेंध लगे, जो दर-हकीकत इतना भी आसान नहीं है। 
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    Item Reviewed: देहात सीट पर इस बार बड़े उलटफेर के आसार - Chance big undoing in village Rating: 5 Reviewed By: Sonali
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