टोरेंट का बैन होना नया नहीं है. आए दिन दुनियाभर में इसे बंद करने की मुहिम चलती रहती है, लेकिन इन्हें बंद करना नामुमकिन सा लगता है, क्योंकि जितनी भी टोरेंट साइट्स को बंद किया गया है वो दूसरे तरीके से अभी भी यूज की जाती हैं.
उदाहरण के तौर पर मशहूर टोरेंट वेबसाइट द पायरेट बे को ले सकते हैं. अमेरिकी सरकार ने इसके लगभग सभी सर्वर्स को निशाना बनाया और पूरी तरह से बैन किया. इतना ही नहीं इसके को फाउंडर को भी गिरफ्तार कर लिया गाया.
इन सब के बावजूद आज भी द पायरेट बे से लोग फिल्में, सॉफ्टवेयर, गाने और वीडियोज डाउनलोड कर रहे हैं. हालांकि अब ये पहले जैसा आसान नहीं है, लेकिन फिर भी ऐसा हो रहा है. द पायरेट बे के अलावा किकऐस और एक्स्ट्रा टोरेंट वेबसाइट्स भी हैं जिन्हें समय समय पर बंद किया जाता है. भारत में भी डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को इन टोरेंट वेबसाइट्स को सख्ती से ब्लॉक करने को कहा है और इन्हें ब्लॉक भी किया जा चुका है.
कहते हैं इंटरनेट पर हर चीज की काट मौजूद है, ठीक ऐसे ही ब्लॉक टोरेंट वेबसाइट को खोलने के तरीके भी हैं. जिन्हें थोड़ी इंटरनेट और प्रॉक्सी की इल्म है वो आसानी से टोरेंट से डाउनलोडिंग करते हैं.
किसी भी ब्लॉक वेबसाइट जैसे टोरेंट की किसी भी URL को खोलने के लिए बेसिक टूल प्रॉक्सी है. प्रॉक्सी सर्वर क्या है इसे समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं. मान लीजिए आपके ऑफिस में फेसबुक को ब्लॉक किया गया है यानी इंटरनल नेटवर्क की आईपी से फेसबुक ओपन करने के लिए आप रिक्वेस्ट करेंगे तो वेबसाइट नहीं खुलेगी. लेकिन अगर आप फेसबुक खोलने के लए पॉक्सी सर्वर यूज करेंगे तो खुल जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि आपकी आईपी बदल जाती है और बदली हुई आईपी से फेसबुक ओपन करने का रिक्वेस्ट जाता है.
ऐसे ही टोरेंट के साथ भी है. वेबसाइट ब्लॉक होने के बावजूद प्रॉक्सी के जरिए दूसरी आईपी से उस वेबसाइट को खोला जा सकता है. हालांकि प्रॉक्सी के जरिए खुलने वाली वेबसाइट ओरिजनल के मुकाबले स्लो होती हैं.
कई देशों की सरकार टोरेंट की वेबसाइट को बैन करने के साथ उसे इंटरनेट से हटा देती हैं. ऐसे में उन टोरेंट वेबसाइट को चलाने वाले हैकर्स उसे किसी दूसरे डोमेन पर शिफ्ट कर देते हैं. टोरेंट की मशहूर वेबसाइट्स इन दिनों दूसरे नाम से चल रही हैं. हालांकि ये नाम ऑरिजनल से मिलता जुलता ही होता है इसलिए जो टोरेंट से लगातार डाउनलोडिंग करते हैं उन्हें इसका अंदाजा हो जाता है.
इसके अलावा कई ऐसे प्रॉक्सी टूल्स भी हैं जो आपके कंप्यूटर और ब्राउजर में इंस्टॉल हो कर आईपी बाइपास करने का काम करते हैं. इससे भी लोग टोरेंट वेबसाइट आसानी से खोलकर डाउनलोडिंग करते हैं. आपको बता दें कि टोरेंट से डाउनलोडिंग अवैध है और इसके लिए सजा का भी प्रावधान है.
उदाहरण के तौर पर मशहूर टोरेंट वेबसाइट द पायरेट बे को ले सकते हैं. अमेरिकी सरकार ने इसके लगभग सभी सर्वर्स को निशाना बनाया और पूरी तरह से बैन किया. इतना ही नहीं इसके को फाउंडर को भी गिरफ्तार कर लिया गाया.
इन सब के बावजूद आज भी द पायरेट बे से लोग फिल्में, सॉफ्टवेयर, गाने और वीडियोज डाउनलोड कर रहे हैं. हालांकि अब ये पहले जैसा आसान नहीं है, लेकिन फिर भी ऐसा हो रहा है. द पायरेट बे के अलावा किकऐस और एक्स्ट्रा टोरेंट वेबसाइट्स भी हैं जिन्हें समय समय पर बंद किया जाता है. भारत में भी डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को इन टोरेंट वेबसाइट्स को सख्ती से ब्लॉक करने को कहा है और इन्हें ब्लॉक भी किया जा चुका है.
कहते हैं इंटरनेट पर हर चीज की काट मौजूद है, ठीक ऐसे ही ब्लॉक टोरेंट वेबसाइट को खोलने के तरीके भी हैं. जिन्हें थोड़ी इंटरनेट और प्रॉक्सी की इल्म है वो आसानी से टोरेंट से डाउनलोडिंग करते हैं.
किसी भी ब्लॉक वेबसाइट जैसे टोरेंट की किसी भी URL को खोलने के लिए बेसिक टूल प्रॉक्सी है. प्रॉक्सी सर्वर क्या है इसे समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं. मान लीजिए आपके ऑफिस में फेसबुक को ब्लॉक किया गया है यानी इंटरनल नेटवर्क की आईपी से फेसबुक ओपन करने के लिए आप रिक्वेस्ट करेंगे तो वेबसाइट नहीं खुलेगी. लेकिन अगर आप फेसबुक खोलने के लए पॉक्सी सर्वर यूज करेंगे तो खुल जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि आपकी आईपी बदल जाती है और बदली हुई आईपी से फेसबुक ओपन करने का रिक्वेस्ट जाता है.
ऐसे ही टोरेंट के साथ भी है. वेबसाइट ब्लॉक होने के बावजूद प्रॉक्सी के जरिए दूसरी आईपी से उस वेबसाइट को खोला जा सकता है. हालांकि प्रॉक्सी के जरिए खुलने वाली वेबसाइट ओरिजनल के मुकाबले स्लो होती हैं.
कई देशों की सरकार टोरेंट की वेबसाइट को बैन करने के साथ उसे इंटरनेट से हटा देती हैं. ऐसे में उन टोरेंट वेबसाइट को चलाने वाले हैकर्स उसे किसी दूसरे डोमेन पर शिफ्ट कर देते हैं. टोरेंट की मशहूर वेबसाइट्स इन दिनों दूसरे नाम से चल रही हैं. हालांकि ये नाम ऑरिजनल से मिलता जुलता ही होता है इसलिए जो टोरेंट से लगातार डाउनलोडिंग करते हैं उन्हें इसका अंदाजा हो जाता है.
इसके अलावा कई ऐसे प्रॉक्सी टूल्स भी हैं जो आपके कंप्यूटर और ब्राउजर में इंस्टॉल हो कर आईपी बाइपास करने का काम करते हैं. इससे भी लोग टोरेंट वेबसाइट आसानी से खोलकर डाउनलोडिंग करते हैं. आपको बता दें कि टोरेंट से डाउनलोडिंग अवैध है और इसके लिए सजा का भी प्रावधान है.
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