रांची : स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग में शिक्षा मंत्री व सचिव के बीच की तनातनी अब खुल कर सामने आ गयी है. शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की सचिव आराधना पटनायक पर उनकी अनदेखी करने का आरोप लगाया है. शिक्षा मंत्री ने प्रभात खबर से कहा : वह कब तक झूठ बोलती रहेंगी. सचिव उन्हें विभागीय कार्यक्रम की जानकारी तक नहीं देतीं.
पिछले माह मोरहाबादी में हुए कार्यक्रम के दौरान भी नहीं बुलाये जाने पर मीडियावालों ने पूछा, तब कह दिया कि काेई बात नहीं. शामिल नहीं हुईं, तो क्या हुआ, कार्यक्रम तो हुआ. पर अब कब तक झूठ बोलूंगी कि सब कुछ ठीक-ठाक है. लोग इस संबंध में उनसे पूछते हैं, पर कुछ बोलते नहीं बनता.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि है कि सचिव अपने स्तर से विभागीय फैसले लेती हैं. उनसे (मंत्री से) इस सबंध में काेई विचार-विमर्श तक नहीं किया जाता है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि सचिव ने विगत ढाई से तीन माह से उनसे कोई बात तक नहीं की है. सचिव बैठक में बुलाये जाने पर भी नहीं आती हैं.
मंत्री ने कहा कि स्थिति यह है कि विभागीय कार्यक्रम की भी उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जाती. विभागीय सचिव द्वारा हमेशा ऐसे समय कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जब उन्हें बाहर जाना होता है.
इस बात का कभी ध्यान नहीं रखा जाता कि मंत्री भी कार्यक्रम में शामिल हो सकें, उसके अनुरूप कार्यक्रम की तिथि निर्धारित की जाये. मंत्री ने कहा कि ऐसा लगता है कि जानबूझ कर कार्यक्रम के लिए ऐसी तिथि का चयन किया जाता है, ताकि वह (शिक्षा मंत्री) इसमें भाग नहीं ले सकें. शिक्षा मंत्री ने कहा कि पहले विभाग में कोई कार्यक्रम होता था, तो मुख्यमंत्री को आमंत्रण देने वे भी जाती थीं, पर अब उन्हें बताया तक नहीं जाता.
स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा सोमवार को विद्यालय चलें अभियान का शुभारंभ किया जाना है. इसके लिए मोरहाबादी में राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. शिक्षा मंत्री का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गयी. ऐसे में वे कार्यक्रम में कैसे भाग ले सकती हैं.
स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने कहा कि विभाग शिक्षा मंत्री का है. वह विभाग की मंत्री हैं. ऐसा कैसे हो सकता है कि उन्हें कार्यक्रम की जानकारी नहीं दी जाये. उन्हें जानकारी दी गयी थी, उन्होंने 10 अप्रैल को दिल्ली जाने की बात कही थी, इस कारण वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रही हैं. स्कूल चले अभियान में सभी मंत्री को जिलाें का प्रभार दिया गया है. शिक्षा मंत्री भी आगे के कार्यक्रम में भाग लेंगी. शिक्षा सचिव ने मंत्री काे कार्यक्रम की जानकारी नहीं देने की बात को पूरी तरह से खारिज कर दिया.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बैठक में शामिल होने की लिखित जानकारी सचिव काे दी गयी, इसके बाद भी वह बैठक में शामिल नहीं हुई.
गत दो बैठकों का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि वे शाम सात से आठ बजे तक सचिव का इंतजार करती रहीं. आकर मिलना तो दूर, सचिव उनसे दूरभाष पर बात तक करना उचित नहीं समझती. किसी से कोई सूचना तक नहीं भिजवायी. करीब ढाई - तीन माह से सचिव से काेई बातचीत नहीं है. ऐसा लगता है कि सचिव ही पूरा विभाग चलाती हैं.
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