नई दिल्ली: नगालैंड में बिगड़ते हालात को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वहां पर असम राइफल्स को तैनात करने का फैसला लिया है. लोकल बॉडी इलेक्शन में महिलाओं को 33% आरक्षण दिए जाने पर राज्य में तनाव चरम पर है. प्रदर्शनकारी सीएम टीआर जेलियांग और उनकी कैबिनेट के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. बिगड़े हालात में राज्य के मुख्यमंत्री को भी खतरा बताया जा रहा है.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि "नगालैंड के डीजीपी एलएल दंगेल ने पैरमिलिट्री, यानी सुरक्षा टुकड़ियों की मांग की थी, लेकिन चुनाव होने के कारण सब व्यस्त हैं इसीलिए असम राइफल्स को तैनात किया जा रहा है." वैसे तो असम राइफल्स की नगालैंड में मौजूदगी रहती है क्योंकि वहां आईजी नॉर्थ बैठते हैं लेकिन मामला कानून व्यवस्था से जुड़ा है इसलिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी जरूरी थी.
मंत्रालय के मुताबिक नगालैंड के डीजीपी ने जो रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी है उसके मुताबिक वहां हालात खराब हो रहे हैं. किरेन रिजीजू ने असम राइफल्स के डीजीपी शोकीन चौहान से बात भी की. उन्होंने बताया कि "राज्य के मुख्यमंत्री को भी खतरा हो रहा है इसलिए खास निर्देश उनके घर की सुरक्षा को लेकर दिए गए हैं." नगालैंड के मुख्यमंत्री के ठिकानों को दीमापुर में भी टारगेट किया गया है.
नगालैंड में तनाव पिछले कुछ दिनों से लोकल बॉडी इलेक्शन में महिलाओं को दिए जा रहे 33% आरक्षण को लेकर बना हुआ है. राज्य सरकार की रिपोर्ट जो मंत्रालय आई है उसके मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को सरकारी दफ्तरों और गाड़ियों में आग लगा दी. कोहिमा के कई इलाकों से हिंसा की खबरें आईं. साथ ही हजारों प्रदर्शनकारियों ने सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग तक मार्च निकाला. पहले म्युनिसिपल कॉरपोरेशन और डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर के दफ्तर में आग लगा दी गई थी. प्रदर्शनकारियों ने सीएम टीआर जेलियांग और उनकी कैबिनेट के इस्तीफे की मांग की है.
मंगलवार को नगालैंड के दीमापुर और लोंगलेंग जिलों में पुलिस और भीड़ के बीच हुई झड़पों में दो लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे.
नगालैंड ट्राइब्स एक्शन कमेटी (एनटीएसी ) ने युवकों की मौत को लेकर सीएम टीआर जेलियांग और उनकी कैबिनेट से गुरुवार चार बजे तक इस्तीफा मांगा था. एनटीएसी ने गवर्नर पीबी आचार्य को एक मेमोरेंडम में कहा कि चीफ मिनिस्टर और उनकी कैबिनेट ने अर्बन लोकल बॉडीज के इलेक्शन टालने की मांग के खिलाफ जाने का फैसला किया, इसकी वजह से हिंसा के हालात बने.
फायरिंग के दौरान मारे गए लोगों के नाम खरिएसाविजो अवीजो मेहता और बेंदंगनुंगसांग बताए जा रहे हैं. इन्हें नगा शहीदों का दर्जा दिया गया है. एनटीएसी के प्रवक्ता ने कहा कि इन लोगों ने नगा अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी जान दी. एनटीएसी ने उन पुलिस अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड करने की मांग की है जो इस फायरिंग के दौरान मौजूद थे.
ट्राइबल ग्रुप लोकल इलेक्शन में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि ऐसा करने से महिलाओं और पुरुषों के बीच चली आ रही पारंपरिक व्यवस्था पर असर पड़ेगा. ट्राइबल ग्रुप्स का कहना है कि नगालैंड में जनजातियों को विशेषाधिकार मिले हैं और ऐसा फैसला उनके मामलों में दखल की तरह है. रिजर्वेशन के विरोध मे पूरे नगालैंड में प्रदर्शन किए जा रहे हैं.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि "नगालैंड के डीजीपी एलएल दंगेल ने पैरमिलिट्री, यानी सुरक्षा टुकड़ियों की मांग की थी, लेकिन चुनाव होने के कारण सब व्यस्त हैं इसीलिए असम राइफल्स को तैनात किया जा रहा है." वैसे तो असम राइफल्स की नगालैंड में मौजूदगी रहती है क्योंकि वहां आईजी नॉर्थ बैठते हैं लेकिन मामला कानून व्यवस्था से जुड़ा है इसलिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी जरूरी थी.
मंत्रालय के मुताबिक नगालैंड के डीजीपी ने जो रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी है उसके मुताबिक वहां हालात खराब हो रहे हैं. किरेन रिजीजू ने असम राइफल्स के डीजीपी शोकीन चौहान से बात भी की. उन्होंने बताया कि "राज्य के मुख्यमंत्री को भी खतरा हो रहा है इसलिए खास निर्देश उनके घर की सुरक्षा को लेकर दिए गए हैं." नगालैंड के मुख्यमंत्री के ठिकानों को दीमापुर में भी टारगेट किया गया है.
नगालैंड में तनाव पिछले कुछ दिनों से लोकल बॉडी इलेक्शन में महिलाओं को दिए जा रहे 33% आरक्षण को लेकर बना हुआ है. राज्य सरकार की रिपोर्ट जो मंत्रालय आई है उसके मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को सरकारी दफ्तरों और गाड़ियों में आग लगा दी. कोहिमा के कई इलाकों से हिंसा की खबरें आईं. साथ ही हजारों प्रदर्शनकारियों ने सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग तक मार्च निकाला. पहले म्युनिसिपल कॉरपोरेशन और डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर के दफ्तर में आग लगा दी गई थी. प्रदर्शनकारियों ने सीएम टीआर जेलियांग और उनकी कैबिनेट के इस्तीफे की मांग की है.
मंगलवार को नगालैंड के दीमापुर और लोंगलेंग जिलों में पुलिस और भीड़ के बीच हुई झड़पों में दो लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे.
नगालैंड ट्राइब्स एक्शन कमेटी (एनटीएसी ) ने युवकों की मौत को लेकर सीएम टीआर जेलियांग और उनकी कैबिनेट से गुरुवार चार बजे तक इस्तीफा मांगा था. एनटीएसी ने गवर्नर पीबी आचार्य को एक मेमोरेंडम में कहा कि चीफ मिनिस्टर और उनकी कैबिनेट ने अर्बन लोकल बॉडीज के इलेक्शन टालने की मांग के खिलाफ जाने का फैसला किया, इसकी वजह से हिंसा के हालात बने.
फायरिंग के दौरान मारे गए लोगों के नाम खरिएसाविजो अवीजो मेहता और बेंदंगनुंगसांग बताए जा रहे हैं. इन्हें नगा शहीदों का दर्जा दिया गया है. एनटीएसी के प्रवक्ता ने कहा कि इन लोगों ने नगा अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी जान दी. एनटीएसी ने उन पुलिस अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड करने की मांग की है जो इस फायरिंग के दौरान मौजूद थे.
ट्राइबल ग्रुप लोकल इलेक्शन में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि ऐसा करने से महिलाओं और पुरुषों के बीच चली आ रही पारंपरिक व्यवस्था पर असर पड़ेगा. ट्राइबल ग्रुप्स का कहना है कि नगालैंड में जनजातियों को विशेषाधिकार मिले हैं और ऐसा फैसला उनके मामलों में दखल की तरह है. रिजर्वेशन के विरोध मे पूरे नगालैंड में प्रदर्शन किए जा रहे हैं.
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