नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के मानहानि केस में अब फिर एक नया ट्विस्ट आ गया है. मीडिया से बात करते हुए जाने माने वकील राम जेठमलानी ने कहा है कि वह केवल पैसे वालों से ही फीस लेते हैं जबकि गरीबों के लिए वह मुफ्त में काम करते हैं. उन्होंने एक बार फिर आरोप लगाया कि यह सब अरुण जेटली का कराया हुआ है जो केस में उनके द्वारा किए गए क्रॉस इक्जामिनेशन से डर गए हैं.
राम जेठमलानी ने कहा कि अगर दिल्ली सरकाय या फर वह (अरविंद केजरीवाल) फीस नहीं दे पाते हैं, मैं इस केस में मुफ्त में आऊंगा. उन्होंने यह भी कहा कि वह उनको (अरविंद केजरीवाल) को एक गरीब क्लाइंट के हिसाब से ट्रीट करेंगे.
जानकारी के लिए बता दें कि राम जेठमलानी इस केस में अरविंद केजरीवाल की ओर से लड़ाई लड़ रहे हैं. पहले कहा गया था कि वह इस केस में कोई फीस नहीं लेंगे. लेकिन हाल ही जो दिसंबर माह के पहले हफ्ते में लिखी चिट्ठी से खुलासा हुआ है कि राम जेठमलानी ने अपनी फीस के तौर पर अब तक 3.86 करोड़ रुपये की मांग की है. राम जेठमलानी के इस कदम पर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा कि जेठमलानी ने पहले तो फीस नहीं लेने की बात कही थी. लेकिन अब उन्होंने बिल भेज दिया है.
उधर, इस पूरे मामले में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार सवालों के घेरे में आ गई है. दिसंबर की चिट्ठी अप्रैल में मीडिया के सामने आई है. इस पूरे प्रकरण में यह भी सामने आया है कि दिल्ली सरकार की ओर से उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने राम जेठमलानी को फीस का भुगतान करने की पूरी तैयारी कर ली थी. यहां तक उन्होंने एक चिट्ठी में यह भी लिखा कि इस मामले को एलजी के पास स्वीकृति के लिए नहीं भेजा जाए. इसी चिट्ठी में वह यह भी कह रहे हैं कि बिलों का भुगतान कर दिया जाए और यह भी ध्यान रखा जाए कि आगे भी जो बिल आएं उनका भी भुगतान कर दिया जाए.
बता दें कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली पर अरविंद केजरीवाल कई डीडीसीए को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए थे. केजरीवाल के इन आरोपों के बाद अरुण जेटली ने इस मामले में निजी तौर पर केजरीवाल उनपर हमला करने वालों से अपने बयान वापस लेने के लिए कहा और माफी मांगने के लिए कहा. ऐसा न करने पर अरुण जेटली ने इन लोगों पर मानहानि का केस दर्ज करने की बात कही थी. अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेताओं द्वारा ऐसा नहीं करने पर जेटली ने केजरीवाल समेत पार्टी के छह नेताओं पर 10 करोड़ रुपये मानहानि का केस दर्ज किया था.
राम जेठमलानी ने कहा कि अगर दिल्ली सरकाय या फर वह (अरविंद केजरीवाल) फीस नहीं दे पाते हैं, मैं इस केस में मुफ्त में आऊंगा. उन्होंने यह भी कहा कि वह उनको (अरविंद केजरीवाल) को एक गरीब क्लाइंट के हिसाब से ट्रीट करेंगे.
जानकारी के लिए बता दें कि राम जेठमलानी इस केस में अरविंद केजरीवाल की ओर से लड़ाई लड़ रहे हैं. पहले कहा गया था कि वह इस केस में कोई फीस नहीं लेंगे. लेकिन हाल ही जो दिसंबर माह के पहले हफ्ते में लिखी चिट्ठी से खुलासा हुआ है कि राम जेठमलानी ने अपनी फीस के तौर पर अब तक 3.86 करोड़ रुपये की मांग की है. राम जेठमलानी के इस कदम पर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा कि जेठमलानी ने पहले तो फीस नहीं लेने की बात कही थी. लेकिन अब उन्होंने बिल भेज दिया है.
उधर, इस पूरे मामले में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार सवालों के घेरे में आ गई है. दिसंबर की चिट्ठी अप्रैल में मीडिया के सामने आई है. इस पूरे प्रकरण में यह भी सामने आया है कि दिल्ली सरकार की ओर से उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने राम जेठमलानी को फीस का भुगतान करने की पूरी तैयारी कर ली थी. यहां तक उन्होंने एक चिट्ठी में यह भी लिखा कि इस मामले को एलजी के पास स्वीकृति के लिए नहीं भेजा जाए. इसी चिट्ठी में वह यह भी कह रहे हैं कि बिलों का भुगतान कर दिया जाए और यह भी ध्यान रखा जाए कि आगे भी जो बिल आएं उनका भी भुगतान कर दिया जाए.
बता दें कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली पर अरविंद केजरीवाल कई डीडीसीए को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए थे. केजरीवाल के इन आरोपों के बाद अरुण जेटली ने इस मामले में निजी तौर पर केजरीवाल उनपर हमला करने वालों से अपने बयान वापस लेने के लिए कहा और माफी मांगने के लिए कहा. ऐसा न करने पर अरुण जेटली ने इन लोगों पर मानहानि का केस दर्ज करने की बात कही थी. अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेताओं द्वारा ऐसा नहीं करने पर जेटली ने केजरीवाल समेत पार्टी के छह नेताओं पर 10 करोड़ रुपये मानहानि का केस दर्ज किया था.
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