नई दिल्ली: संसद द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली पारित किए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को इसे जन विरोधी बताया और कहा कि इस प्रणाली को जिस तरह कांग्रेस चाहती थी, यह वैसी नहीं है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने यहां मीडिया से कहा, "हम जिस जीएसटी को चाहते थे, यह वह नहीं है."उन्होंने कहा, "हम एक पूर्ण जीएसटी चाहते थे. जबकि एक आम आदमी विरोधी कानून बनाया गया है." उन्होंने इसके लागू होने के बाद व्यापारियों, किसानों और अन्य को होने वाली संभावित समस्याओं का जिक्र किया.
सिब्बल ने कहा, "हम महंगाई को नीचे लाना चाहते थे, लेकिन मौजूदा जीएसटी उस दिशा में मददगार नहीं होगी, क्योंकि इसमें कर प्रतिशत दर बहुत ऊंची है." कांग्रेस ने फिर संसद में इसका विरोध क्यों नहीं किया? सिब्बल ने कहा कि पार्टी इसके कुछ प्रावधानों पर चिंता जाहिर कर रही थी, लेकिन इसे चूंकि एक धन विधेयक के रूप में पेश किया गया, लिहाजा इसमें बहुत कुछ नहीं किया जा सकता था.
कांग्रेस सदस्यों ने राज्यसभा में बहस में हिस्सा लेते हुए कम ब्याज दर का सुझाव दिया था और कहा था कि सरकार इसे धन विधेयक के रूप में पेश न करे. गौरतलब है कि बहुप्रतीक्षित केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक, एकीकृत जीएसटी विधेयक, मुआवजा जीएसटी विधेयक ओर केंद्र शासित क्षेत्र जीएसटी विधेयक 2017 राज्यसभा में गुरुवार को पारित हो गया और उसे लोकसभा को भेज दिया गया. लोकसभा ने इन विधेयकों को पिछले सप्ताह पारित कर दिया था.
सिब्बल ने कहा, "हम महंगाई को नीचे लाना चाहते थे, लेकिन मौजूदा जीएसटी उस दिशा में मददगार नहीं होगी, क्योंकि इसमें कर प्रतिशत दर बहुत ऊंची है." कांग्रेस ने फिर संसद में इसका विरोध क्यों नहीं किया? सिब्बल ने कहा कि पार्टी इसके कुछ प्रावधानों पर चिंता जाहिर कर रही थी, लेकिन इसे चूंकि एक धन विधेयक के रूप में पेश किया गया, लिहाजा इसमें बहुत कुछ नहीं किया जा सकता था.
कांग्रेस सदस्यों ने राज्यसभा में बहस में हिस्सा लेते हुए कम ब्याज दर का सुझाव दिया था और कहा था कि सरकार इसे धन विधेयक के रूप में पेश न करे. गौरतलब है कि बहुप्रतीक्षित केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक, एकीकृत जीएसटी विधेयक, मुआवजा जीएसटी विधेयक ओर केंद्र शासित क्षेत्र जीएसटी विधेयक 2017 राज्यसभा में गुरुवार को पारित हो गया और उसे लोकसभा को भेज दिया गया. लोकसभा ने इन विधेयकों को पिछले सप्ताह पारित कर दिया था.
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