येरूशलम: इस्राइल ने भारत के साथ दो अरब अमेरिकी डॉलर का एक करार किया है, जिसके तहत वह भारत को मिसाइल रक्षा प्रणाली की आपूर्ति करेगा. इस्राइल के सरकारी उद्यम इस्राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ (आईएआई) ने यह जानकारी देते हुए घोषणा की कि उसे भारत को मध्यम श्रेणी के सतह से हवा में मार करने वाली उन्नत मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति के लिए करीब दो अरब डॉलर का उसका सबसे बड़ा रक्षा ठेका मिला है.
आईएआई ने कहा कि इसके साथ ही वह लंबी दूरी की हवाई और मिसाइल रक्षा प्रणाली की भी आपूर्ति करेगा. इस ठेके में से आईएआई का हिस्सा 1.6 अरब अमेरिकी डॉलर का होगा, जबकि शेष हिस्सा एक अन्य सरकारी रक्षा कंपनी राफेल को मिलेगा, जो सिस्टमों के लिए उपकरणों की आपूर्ति करेगी.
आईएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जोसेफ वीस ने एक बयान में कहा, "ये ठेके भारत की सरकार द्वारा आईएआई की क्षमताओं तथा अत्याधुनिक तकनीक में असीम विश्वास को प्रदर्शित करते हैं, जिन्हें हम भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' नीति के अंतर्गत अपने स्थानीय साझीदारों की सहायता से विकसित कर रहे हैं..."
राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन ने पिछले साल नवंबर में अपनी भारत यात्रा के दौरान इस सौदे पर भारतीय नेताओं के साथ चर्चा की थी, और अब उन्होंने जोसेफ वीस को फोन कर बधाई दी, और इस 'ऐतिहासिक' रक्षा ठेके को 'बेहद खास' करार दिया है.
तकनीक को बांटने और 'मेक इन इंडिया' के तहत भारतीय कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम स्थापित करने के प्रति इस्राइल की इच्छा को भारत में भी पसंद किया जा रहा है.
आईएआई ने कहा कि इसके साथ ही वह लंबी दूरी की हवाई और मिसाइल रक्षा प्रणाली की भी आपूर्ति करेगा. इस ठेके में से आईएआई का हिस्सा 1.6 अरब अमेरिकी डॉलर का होगा, जबकि शेष हिस्सा एक अन्य सरकारी रक्षा कंपनी राफेल को मिलेगा, जो सिस्टमों के लिए उपकरणों की आपूर्ति करेगी.
आईएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जोसेफ वीस ने एक बयान में कहा, "ये ठेके भारत की सरकार द्वारा आईएआई की क्षमताओं तथा अत्याधुनिक तकनीक में असीम विश्वास को प्रदर्शित करते हैं, जिन्हें हम भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' नीति के अंतर्गत अपने स्थानीय साझीदारों की सहायता से विकसित कर रहे हैं..."
राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन ने पिछले साल नवंबर में अपनी भारत यात्रा के दौरान इस सौदे पर भारतीय नेताओं के साथ चर्चा की थी, और अब उन्होंने जोसेफ वीस को फोन कर बधाई दी, और इस 'ऐतिहासिक' रक्षा ठेके को 'बेहद खास' करार दिया है.
तकनीक को बांटने और 'मेक इन इंडिया' के तहत भारतीय कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम स्थापित करने के प्रति इस्राइल की इच्छा को भारत में भी पसंद किया जा रहा है.
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