नई दिल्ली: लोकसभा में विमानन कर्मचारी के साथ अभद्र व्यवहार करने वाले शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ द्वारा अपना पक्ष रखे जाने के दौरान एकाएक ऐसी स्थिति पैदा हो गई कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह और अन्य नेताओं को बचाव के लिए बीच में कूदना पड़ा. शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ ने उन पर लगाए हवाई यात्रा प्रतिबंध के लिए विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू को जिम्मेदार ठहराया. विमानन मंत्री ने इस पर कहा कि इस प्रतिबंध में सरकार का कोई भी हस्तक्षेप नहीं है, बल्कि कानून अपना काम कर रहा है.
विमानन मत्री के यह कहते ही सदन में हंगामा मच गया. शिवसेना सांसद हल्ला मचाते हुए स्पीकर के पास पहुंच गए. लेकिन गायकवाड़ और अशोक गजपति राजू आपस में बहस में उलझे हुए थे, कि शिवसेना सांसद अनंत गीते गुस्से में विमानन मंत्री की तरफ बढ़ने लगे. अनंत गीते यह चिल्ला रहे थे कि अब किसी विमान को मुंबई से उड़ान नहीं भरने दी जाएगी.
वहां मौजूद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तुरंत हालात को भांप लिया और विमानन मंत्री के बचाव में उनके नजदीक पहुंच गए. बाद में अनंत गीते को उन्होंने किसी तरह समझा कर शांत किया. हालात की गंभीरता देख स्पीकर को कुछ समय के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी और सदन के बाहर नेताओं की एक बैठक करके मामले को शांत करवाया.
दरअसल रवींद्र गायकवाड़ ने सदन में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि बिना जांच के ही उन्हें दोषी ठहराया दिया गया और उन पर प्रतिबंध लगा दिए गए. बिना जांच के ही उनका मीडिया ट्रायल हुआ है. उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की जांच की जानी चाहिए, फिर जाकर कोई कदम उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनके साथ हुए दुर्व्यवहार के कारण उन्हें गुस्सा आ गया था, जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया.
गायकवाड़ की सफाई पर विमानन मंत्री ने कहा कि इस पूरी कार्यवाई में सरकार का कोई भी रोल नहीं है. कानून अपना काम कर रहा है. साथ ही उन्होंने यह कहा कि विमानों में सुरक्षा के मुद्दे पर किसी भी तरह से समझौता नहीं किया जा सकता.
विमानन मत्री के यह कहते ही सदन में हंगामा मच गया. शिवसेना सांसद हल्ला मचाते हुए स्पीकर के पास पहुंच गए. लेकिन गायकवाड़ और अशोक गजपति राजू आपस में बहस में उलझे हुए थे, कि शिवसेना सांसद अनंत गीते गुस्से में विमानन मंत्री की तरफ बढ़ने लगे. अनंत गीते यह चिल्ला रहे थे कि अब किसी विमान को मुंबई से उड़ान नहीं भरने दी जाएगी.
वहां मौजूद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तुरंत हालात को भांप लिया और विमानन मंत्री के बचाव में उनके नजदीक पहुंच गए. बाद में अनंत गीते को उन्होंने किसी तरह समझा कर शांत किया. हालात की गंभीरता देख स्पीकर को कुछ समय के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी और सदन के बाहर नेताओं की एक बैठक करके मामले को शांत करवाया.
दरअसल रवींद्र गायकवाड़ ने सदन में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि बिना जांच के ही उन्हें दोषी ठहराया दिया गया और उन पर प्रतिबंध लगा दिए गए. बिना जांच के ही उनका मीडिया ट्रायल हुआ है. उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की जांच की जानी चाहिए, फिर जाकर कोई कदम उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनके साथ हुए दुर्व्यवहार के कारण उन्हें गुस्सा आ गया था, जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया.
गायकवाड़ की सफाई पर विमानन मंत्री ने कहा कि इस पूरी कार्यवाई में सरकार का कोई भी रोल नहीं है. कानून अपना काम कर रहा है. साथ ही उन्होंने यह कहा कि विमानों में सुरक्षा के मुद्दे पर किसी भी तरह से समझौता नहीं किया जा सकता.
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