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    Tuesday 4 April 2017

    सूफी मौलवियों की ओर से जारी संयुक्त बयान "गोमांस पर पूरे देश में लगे रोक" - sufi clerics demanded pm modi ban on beef in the whole country

    अजमेर : राजस्थान के प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जुटे सूफी संतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूरे देश में गोमांस की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि गोमांस पर पूरे देश में रोक लगनी चाहिए.


    सूफी संतों ने कहा कि गोमांस के चलते देश के हिंदू और मुसलमानों के बीच सौहार्द्र में कमी आ रही है. अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल अबेदीन अली खान ने 12वीं शताब्दी की इस दरगाह पर आयोजित 805वें उर्स के समापन के मौके पर जारी बयान में गोमांस पर रोक लगाने की मांग की है.


    सूफी मौलवियों की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी को करोड़ों मुसलमानों को राहत देते हुए इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए और बीफ को बैन करने के लिए अध्यादेश पारित होना चाहिए. दिल्ली की हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह के अलावा कर्नाटक के गुलबर्गा शरीफ, आध्र प्रदेश के हलकट्टा शरीफ और नगौर, बरेली, कलियार, भागलपुर, जयपुर और फुलवारी जैसी दरगाहों के मौलवियों ने भी इस मांग का समर्थन किया है.


    अजमेर दरगाह के दीवान ने कहा, ‘हमारे हिंदू भाई गाय को मां मानते हैं. दूसरे धर्म के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना इस्लाम के मूल सिद्धांतों में से एक है. हम अपने हिंदू भाइयों से अपील करते हैं कि जब तक बीफ बैन की मांग को नहीं मान लिया जाता है, हमारे साथ खड़े रहें.’


    उन्होंने यहां आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि गौवंश की प्रजातियों के मांस को लेकर मुल्क में सैंकड़ों साल से जिस गंगा जमुनी तहजीब से हिन्दू और मुसलमानों के मध्य मोहब्बत और भाईचारे का माहौल परंम्परागत रूप से स्थापित था, उसे ठेस पहुंची है. उसी सदभावना की विरासत के पुनस्र्थापन की फिर से जरूरत है. इसके लिये मुसलमानों को विवाद की जड़ को ही खत्म करने की पहल करते हुऐ गौवंश के मांस के सेवन को त्याग देना चाहिये.

    उन्होंने कहा कि गौवध और इनके मांस की बिक्री पर रोक लगने से इस मुल्की मजहबी रवादारी मोहब्बत और सदभावना फिर से उसी तरह कायम हो सकेगी जैसी सैंकड़ों सालों से रही है. चिश्ती के वंशज एवं सज्जादानशीन दरगाह दीवान ने गुजरात सरकार द्वारा गुजरात विधानसभा में पशु संरक्षण (संशोधन) अधिनियम 2011 पारित करने के फैसले की सराहना की.

    उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को गौवंश की हत्या पर पाबंदी लगाकर गौहत्या करने वालों को उम्रकैद की सजा का प्रावधान करना चाहिए और गाय को राष्ट्रीय पशु की घोषित कर देना चाहिए. अगर उद्देश्य सिर्फ गाय और इसके वंश को बचाना है क्योंकि वह हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है तो ये सिर्फ सरकार का नहीं बल्कि हर धर्म को मानने वाले का कर्तव्य है कि वह अपने धर्म के बताए रास्ते पर चलकर इनकी रक्षा करे.
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