नई दिल्ली: संसद परिसर में उस समय हड़कंप मच गया जब किसी हमले के मद्देनजर बजने वाला अलार्म बज गया और सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े सभी लोग अपनी अपनी जगहों पर पोजीशन में नजर आए. बताया तो यहां तक जा रहा है कि संसद में मौजूद सभी सांसद भी घबरा गए थे.
जानकारी के अनुसार आज संसद के गेट से अचानक एक अज्ञात वाहन टकरा गया. वाहन के गेट से टकराते ही पूरे परिसर में किसी हमले के मद्देनजर बजने वाला अलार्म बज उठा और सभी लोग सुरक्षित स्थान की जाने लगे. उधर, दूसरी तरफ संसद की सुरक्षा में लगे सुरक्षा बलों के लोगों ने भी अपने हथियार तान कर मोर्चा संभाल लिया और किसी हमले की आशंका के चलते पोजिशन में खड़े हो गए.
इस पोजिशन में हथियार लेकर कुछ मिनटों तक सभी सुरक्षा कर्मी अपने अपने स्थान पर खड़े रहे. बाद में जब यह बाद साफ हुई कि यह एक मामूली दुर्घटना है तब जाकर सभी सुरक्षा कर्मियों ने पोजिशन बदली और हथियारों के साथ फिर मुस्तैद खड़े हो गए.
गौरतलब है कि 2001 में संसद पर आतंकी हमला हुआ था. इस समय भी आतंकी एक कार के साथ संसद परिसर में घुस गए थे और अंधाधुध फायरिंग करने लगे थे. इस हमले में पांच पुलिस वाले, 1 संसद का सुरक्षा गार्ड और एक माली की मौत हो गए थी. उस समय में पांचों आतंकियों के मंसूबे पर सुरक्षा कर्मियों ने पानी फेर दिया था.
इस हमले के बाद से संसद की सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से बदल दिया गया था. कई ऐसे इंतजाम किए गए हैं जिसे किसी प्रकार के हमले को नाकाम किया जा सके.
जानकारी के अनुसार आज संसद के गेट से अचानक एक अज्ञात वाहन टकरा गया. वाहन के गेट से टकराते ही पूरे परिसर में किसी हमले के मद्देनजर बजने वाला अलार्म बज उठा और सभी लोग सुरक्षित स्थान की जाने लगे. उधर, दूसरी तरफ संसद की सुरक्षा में लगे सुरक्षा बलों के लोगों ने भी अपने हथियार तान कर मोर्चा संभाल लिया और किसी हमले की आशंका के चलते पोजिशन में खड़े हो गए.
इस पोजिशन में हथियार लेकर कुछ मिनटों तक सभी सुरक्षा कर्मी अपने अपने स्थान पर खड़े रहे. बाद में जब यह बाद साफ हुई कि यह एक मामूली दुर्घटना है तब जाकर सभी सुरक्षा कर्मियों ने पोजिशन बदली और हथियारों के साथ फिर मुस्तैद खड़े हो गए.
गौरतलब है कि 2001 में संसद पर आतंकी हमला हुआ था. इस समय भी आतंकी एक कार के साथ संसद परिसर में घुस गए थे और अंधाधुध फायरिंग करने लगे थे. इस हमले में पांच पुलिस वाले, 1 संसद का सुरक्षा गार्ड और एक माली की मौत हो गए थी. उस समय में पांचों आतंकियों के मंसूबे पर सुरक्षा कर्मियों ने पानी फेर दिया था.
इस हमले के बाद से संसद की सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से बदल दिया गया था. कई ऐसे इंतजाम किए गए हैं जिसे किसी प्रकार के हमले को नाकाम किया जा सके.
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