पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में जिस तरह से सपा-बसपा का सफाया करके प्रचंड बहुमत हासिल किया है, उसे देखकर विपक्षी पार्टियां नई रणनीति बनाने को मजबूर हुई हैं. सभी विपक्ष दल महागठबंधन बनाने पर जोर दे रही हैं जो 2019 के चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी का मुकाबला कर सके. जनता दल यूनाइटेड इस दिशा में सबसे आगे हैं जो नीतिश कुमार को अभी से 2019 के प्रोजेक्ट करने में लगी हुई है.
कल, राज्य विधानसभा में विधायक नीरज कुमार ने कहा, "वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए, नीतिश कुमार बीजेपी का मुकाबला करने के लिए सबसे बड़े चेहरे हैं." उनकी इस मांग का आरजेडी नेता इलियास हुसैन ने समर्थन किया जिन्होंने नीतिश कुमार को चंद्रगुप्त और पार्टी प्रमुख लालू यादव को चाणक्य करार दिया.
वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करके नीतिश कुमार लगातार तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. जेडूयू ने धुर विरोधी राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस से गठबंधन करके महागठबंधन बनाया था. इतना ही नहीं, नीतिश गठबंधन का सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरे थे. उत्तर प्रदेश की तरह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे बिहार में रैलियां की थीं. सबसे बड़ी बात यह थी कि उत्तर प्रदेश की तरह बिहार में मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा पार्टी ने नहीं की थी लेकिन महागठबंधन के आगे बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी थी. 2014 में सत्ता में आने के बाद यह बीजेपी की सबसे बड़ी अप्रत्याशित हार थी.
जेडीयू और आरजेडी के रुख के उलट कांग्रेस नीतिश कुमार को 2019 का पीएम प्रोजेक्ट करने के लिए तैयार नहीं है. बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा, "अभी ये सब बातें करना अपरिपक्वता है और खुशामदी करने जैसा है. हालांकि 2014 का चुनाव हारने के बाद कांग्रेस एक के बाद एक कई चुनाव हार चुकी है. हाल ही में उत्तर प्रदेश में पार्टी ने सबसे खराब प्रदर्शन किया है. पार्टी को महज 7 सीटों पर संतोष करना पड़ा है. यह अभी तक का उत्तर प्रदेश में सबसे खराब प्रदर्शन है. नीतीश कुमार को छोड़कर सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने नोटबंदी का विरोध किय था. वहीं, हाल ही में लालू और उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने कहा था कि वे अब राजनीति से दूर हो रहे हैं.
कल, राज्य विधानसभा में विधायक नीरज कुमार ने कहा, "वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए, नीतिश कुमार बीजेपी का मुकाबला करने के लिए सबसे बड़े चेहरे हैं." उनकी इस मांग का आरजेडी नेता इलियास हुसैन ने समर्थन किया जिन्होंने नीतिश कुमार को चंद्रगुप्त और पार्टी प्रमुख लालू यादव को चाणक्य करार दिया.
वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करके नीतिश कुमार लगातार तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. जेडूयू ने धुर विरोधी राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस से गठबंधन करके महागठबंधन बनाया था. इतना ही नहीं, नीतिश गठबंधन का सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरे थे. उत्तर प्रदेश की तरह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे बिहार में रैलियां की थीं. सबसे बड़ी बात यह थी कि उत्तर प्रदेश की तरह बिहार में मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा पार्टी ने नहीं की थी लेकिन महागठबंधन के आगे बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी थी. 2014 में सत्ता में आने के बाद यह बीजेपी की सबसे बड़ी अप्रत्याशित हार थी.
जेडीयू और आरजेडी के रुख के उलट कांग्रेस नीतिश कुमार को 2019 का पीएम प्रोजेक्ट करने के लिए तैयार नहीं है. बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा, "अभी ये सब बातें करना अपरिपक्वता है और खुशामदी करने जैसा है. हालांकि 2014 का चुनाव हारने के बाद कांग्रेस एक के बाद एक कई चुनाव हार चुकी है. हाल ही में उत्तर प्रदेश में पार्टी ने सबसे खराब प्रदर्शन किया है. पार्टी को महज 7 सीटों पर संतोष करना पड़ा है. यह अभी तक का उत्तर प्रदेश में सबसे खराब प्रदर्शन है. नीतीश कुमार को छोड़कर सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने नोटबंदी का विरोध किय था. वहीं, हाल ही में लालू और उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने कहा था कि वे अब राजनीति से दूर हो रहे हैं.
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