पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस नहीं जारी किया है. भगोड़े ललित मोदी ने ट्वीट कर खुद इसकी जानकारी दी. उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की भारत सरकार की अपील को इंटरपोल ने खारिज कर दिया है.
पूर्व आईपीएल कमिश्नर के मुताबिक इंटरपोल ने कहा कि उसकी सूची में ललित मोदी का ना म नहीं है. भारत सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर ललित मोदी के खिलाफ यह नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है. मोदी ने इंटरपोल के 24 मार्च 2017 के नोटिस की प्रति भी पोस्ट किया है.
आर्थिक गड़बड़ी के आरोप में फंसने के बाद ललित मोदी 2010 में यूपीए सरकार के दौरान भारत से भाग गए थे. उनको ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया अभी तक लंबित है. भारत सरकार की ओर से ललित मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने और प्रत्यर्पण की कोशिश की जा रही है. अगर मामले में इंटरपोल ने ललित मोदी के खिलाफ नोटिस जारी करने की अपील को खारिज कर दिया है, तो यह भारत सरकार के लिए झटका होगा. इसको लेकर राजनीतिक गतिरोध फिर से छिड़ सकता है.
इंटरपोल की ओर से राहत दिए जाने संबंधी ललित मोदी के ट्वीट से फिर से देश में राजनीतिक घमासान छिड़ सकता है. मामले को लेकर विपक्ष सरकार पर हमला बोल सकता है. इससे पहले 10 मार्च को सरकार ने कहा था कि वह ललित मोदी के भारत में प्रत्यर्पण के लिए सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है. ललित मोदी और शराब कारोबारी विजय माल्या का नाम लिए बिना वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में कहा था कि भारत राजनयिक चैनल के जरिए मामले को ब्रिटेन के साथ उठा रहा है. उन्होंने यहां तक कहा था कि वह मामले को भारत दौरे पर आए अपने ब्रिटिश समकक्ष के समक्ष भी उठा चुके हैं.
पूर्व आईपीएल कमिश्नर के मुताबिक इंटरपोल ने कहा कि उसकी सूची में ललित मोदी का ना म नहीं है. भारत सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर ललित मोदी के खिलाफ यह नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है. मोदी ने इंटरपोल के 24 मार्च 2017 के नोटिस की प्रति भी पोस्ट किया है.
आर्थिक गड़बड़ी के आरोप में फंसने के बाद ललित मोदी 2010 में यूपीए सरकार के दौरान भारत से भाग गए थे. उनको ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया अभी तक लंबित है. भारत सरकार की ओर से ललित मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने और प्रत्यर्पण की कोशिश की जा रही है. अगर मामले में इंटरपोल ने ललित मोदी के खिलाफ नोटिस जारी करने की अपील को खारिज कर दिया है, तो यह भारत सरकार के लिए झटका होगा. इसको लेकर राजनीतिक गतिरोध फिर से छिड़ सकता है.
इंटरपोल की ओर से राहत दिए जाने संबंधी ललित मोदी के ट्वीट से फिर से देश में राजनीतिक घमासान छिड़ सकता है. मामले को लेकर विपक्ष सरकार पर हमला बोल सकता है. इससे पहले 10 मार्च को सरकार ने कहा था कि वह ललित मोदी के भारत में प्रत्यर्पण के लिए सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है. ललित मोदी और शराब कारोबारी विजय माल्या का नाम लिए बिना वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में कहा था कि भारत राजनयिक चैनल के जरिए मामले को ब्रिटेन के साथ उठा रहा है. उन्होंने यहां तक कहा था कि वह मामले को भारत दौरे पर आए अपने ब्रिटिश समकक्ष के समक्ष भी उठा चुके हैं.
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