नई दिल्ली: कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं को लेकर नया खुलासा होने से सुरक्षाबलों के कान खड़े हुए गए हैं. खुफिया विभाग के हवाले से पता चला है कि अब सीमा पार से बैठे आका आतंकियों की ही तरह पत्थरबाजों को व्हाट्सअप के जरिए संचालित कर रहे हैं. बात यहीं नहीं खत्म होती खबर तो ये भी है कि अब व्हाट्सअप जैसे सोशल ग्रुपों पर कश्मीर की पत्थरबाजी की ऑनलाइन और लाइव रिपोर्टिंग की जा रही है. इन सबकी मॉनिटरिंग सीमा पार से हो रहा है.
केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी इसकी पुष्टि की. उन्होंने लोकसभा में कहा कि कश्मीर में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों पर होने वाली पत्थरबाजी के पीछे सीधे तौर पर पाकिस्तान का हाथ बताया है. गृहमंत्री ने कश्मीर के युवकों से अपील कि वे पाकिस्तान के बहकावे में ना आएं. उनके द्वारा लगातार भारत को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है. मैं सदन को जानकारी देना चाहता हूं कि भीड़ को पाकिस्तान में कुछ सोशल ग्रुप मीडिया के कुछ ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल करके इकट्ठा करते हैं. व्हाट्सअप,फेसबुक में इन सब सारी चाजों का इस्तमाल हो रहा है. ये सोशल मीडिया ग्रुप पाकिस्तान में ही स्थित हैं. राजनाथ सिंह ने साफ किया कि आतंकवाद से जैसे हमारे जवान को निपटना चाहिए वैसे निपटेंगे. अभी निपट रहे हैं और आगे भी निपटेंगे.
वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पाकिस्तानी एजेंसिया सोशल मीडिया पर झूठे प्रचार के माध्यम से कश्मीर घाटी के युवाओं को उकसा रही हैं. उन्होंनें युवाओं से अपील की वे ऐसे दुष्प्रचार के बहकावे में ना आएं. कुछ ऐसी ही बात जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक एसपी वैध ने भी की है. पुलिस के डीजीपी ने युवाओं से कहा कि वे मुठभेड़ वाली जगह से दूर रहें और सुरक्षाबलों पर पथराव न करें वरना गोली नहीं जानती है कि किसे लगेगी.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के सूत्रों के मुताबिक- पत्थरबाजी के लिए पाकिस्तानी एडिमन वाले कई व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं. इन ग्रुपों पर सुरक्षा बलों के मुठभेड़ स्थल की सटीक लोकेशन और समय भेजा जाता है. इसके बाद युवाओं से वहां पहुंचने को कहा जाता है. सुरक्षा बलों के मुताबिक- जैसे ही आतंकियों के साथ मुठभेड़ शुरू होती है तो पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के लोग लोकेशन और सुरक्षाबलों के मूवमेंट को रोकने को लेकर सटीक जानकारी भेजकर युवाओं को एक जगह इकट्ठा होने को कहते हैं. इसके बाद इनके जरिए सुरक्षाबलों पर पथराव से लेकर हिंसक प्रदर्शन तक करवाया जाता है. यही नहीं इन व्हाट्सएप ग्रुप्स में एक एरिया के युवाओं को अगले एरिया के युवाओं से जोड़ने के लिए लिंक भी डाले जाते हैं.
आपको बता दें कि 28 मार्च को कश्मीर के बडगाम में एक घर में छिपे आतंकी को पकड़ने की मुहिम में जुटे सेना, सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों पर पत्थरबाजी की गई. जवाबी कार्रवाई में तीन नागरिक मारे गए. पत्थरबाजी में सुरक्षाबलों के 63 जवान भी घायल हुए. इससे पहले सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने ऐसे लोगों को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा थ कि सेना की कार्रवाई में बाधा डालने वालों से कड़ाई से निपटा जाएगा और आतंकियों की मदद करने वालों को भी आतंकी ही समझा जाएगा. बावजूद इसके हालात सुधरने के नाम नहीं ले रहे. वजह है इन सबका सीमा पार से सीधा कनेक्शन.
केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी इसकी पुष्टि की. उन्होंने लोकसभा में कहा कि कश्मीर में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों पर होने वाली पत्थरबाजी के पीछे सीधे तौर पर पाकिस्तान का हाथ बताया है. गृहमंत्री ने कश्मीर के युवकों से अपील कि वे पाकिस्तान के बहकावे में ना आएं. उनके द्वारा लगातार भारत को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है. मैं सदन को जानकारी देना चाहता हूं कि भीड़ को पाकिस्तान में कुछ सोशल ग्रुप मीडिया के कुछ ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल करके इकट्ठा करते हैं. व्हाट्सअप,फेसबुक में इन सब सारी चाजों का इस्तमाल हो रहा है. ये सोशल मीडिया ग्रुप पाकिस्तान में ही स्थित हैं. राजनाथ सिंह ने साफ किया कि आतंकवाद से जैसे हमारे जवान को निपटना चाहिए वैसे निपटेंगे. अभी निपट रहे हैं और आगे भी निपटेंगे.
वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पाकिस्तानी एजेंसिया सोशल मीडिया पर झूठे प्रचार के माध्यम से कश्मीर घाटी के युवाओं को उकसा रही हैं. उन्होंनें युवाओं से अपील की वे ऐसे दुष्प्रचार के बहकावे में ना आएं. कुछ ऐसी ही बात जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक एसपी वैध ने भी की है. पुलिस के डीजीपी ने युवाओं से कहा कि वे मुठभेड़ वाली जगह से दूर रहें और सुरक्षाबलों पर पथराव न करें वरना गोली नहीं जानती है कि किसे लगेगी.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के सूत्रों के मुताबिक- पत्थरबाजी के लिए पाकिस्तानी एडिमन वाले कई व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं. इन ग्रुपों पर सुरक्षा बलों के मुठभेड़ स्थल की सटीक लोकेशन और समय भेजा जाता है. इसके बाद युवाओं से वहां पहुंचने को कहा जाता है. सुरक्षा बलों के मुताबिक- जैसे ही आतंकियों के साथ मुठभेड़ शुरू होती है तो पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के लोग लोकेशन और सुरक्षाबलों के मूवमेंट को रोकने को लेकर सटीक जानकारी भेजकर युवाओं को एक जगह इकट्ठा होने को कहते हैं. इसके बाद इनके जरिए सुरक्षाबलों पर पथराव से लेकर हिंसक प्रदर्शन तक करवाया जाता है. यही नहीं इन व्हाट्सएप ग्रुप्स में एक एरिया के युवाओं को अगले एरिया के युवाओं से जोड़ने के लिए लिंक भी डाले जाते हैं.
आपको बता दें कि 28 मार्च को कश्मीर के बडगाम में एक घर में छिपे आतंकी को पकड़ने की मुहिम में जुटे सेना, सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों पर पत्थरबाजी की गई. जवाबी कार्रवाई में तीन नागरिक मारे गए. पत्थरबाजी में सुरक्षाबलों के 63 जवान भी घायल हुए. इससे पहले सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने ऐसे लोगों को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा थ कि सेना की कार्रवाई में बाधा डालने वालों से कड़ाई से निपटा जाएगा और आतंकियों की मदद करने वालों को भी आतंकी ही समझा जाएगा. बावजूद इसके हालात सुधरने के नाम नहीं ले रहे. वजह है इन सबका सीमा पार से सीधा कनेक्शन.
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