उत्तर प्रदेश में बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई का विरोध कर रहे मीट कारोबारियों का प्रतिनिधिमंडल बृहस्पतिवार शाम छह बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेगा. योगी सरकार द्वारा बूचड़खानों पर कार्रवाई का विरोध करते हुए मीट विक्रेता शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं. चिकन विक्रताओं ने अपने शटर बंद कर दिए हैं. बूचड़खाने बंद होने से भैंसे के गोश्त की किल्लत के चलते चिकन और मटन के व्यंजन बेच रहे टुंडे और रहीम जैसे मशहूर नामों सहित मांसाहार बेचने वालों ने भी दुकानें बंद कर दी हैं.
वहीं, बिरयानी और सीक कबाब बेचने की जगह मीट विक्रेता दूसरे कारोबार से जुड़ने को मजबूर हैं. मीट कारोबारियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से इस समस्या का हल निकालने की गुहार लगाई है. यूपी की सत्ता संभालने के बाद से योगी ने अवैध बूचड़खानों पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई शुरू की है, जिसके चलते मीट कारोबार पर बुरा असर पड़ा है. सूबे में मीट का कारोबार ठप होने से नाराज कारोबारी इसका विरोध कर रहे हैं.
इस मामले पर बातचीत के लिए सीएम योगी ने मीट कारोबारियों के प्रतिनिधि के रूप में ऑल इंडिया जमैतुल कुरैसी यूपी को आमंत्रित किया है. सत्ता में आते ही योगी सरकार ने न सिर्फ अवैध बूचड़खानों को बंद करने के आदेश दिए हैं, बल्कि गो तस्करी और गोवध पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया. विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने प्रदेश की जनता से यह वादा किया था.
योगी सरकार की ओर से अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई से मीट कारोबार में लगे लाखों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. मीट व्यापारियों का दावा है कि मंडी में अब माल नहीं है. जिन्होंने स्टाक (भंडार) रखा था, उनका माल भी खत्म हो गया है. आसपास के जिलों से माल लेकर कोई ट्रक मंडी नहीं पहुंच रहा है. हमीरपुर, बांदा और बाराबंकी सहित कुछ अन्य जिलों में भी मटन और चिकन की दुकानें बंद हैं.
इनका सवाल है कि मीट आपूर्ति नहीं होने पर ग्राहकों की मांग कैसे पूरी की जा सकती है? राजधानी के लोगों को आशंका है कि इन हालात में सब्जियों के दाम चढ सकते हैं. इससे पहले मंगलवार को ऑल इंडिया मीट एंड लाइवस्टोक एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन और ऑल इंडिया जमैतुल कुरैसी उत्त प्रदेश ने मामले को लेकर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह से मुलाकात की थी.
वहीं, बिरयानी और सीक कबाब बेचने की जगह मीट विक्रेता दूसरे कारोबार से जुड़ने को मजबूर हैं. मीट कारोबारियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से इस समस्या का हल निकालने की गुहार लगाई है. यूपी की सत्ता संभालने के बाद से योगी ने अवैध बूचड़खानों पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई शुरू की है, जिसके चलते मीट कारोबार पर बुरा असर पड़ा है. सूबे में मीट का कारोबार ठप होने से नाराज कारोबारी इसका विरोध कर रहे हैं.
इस मामले पर बातचीत के लिए सीएम योगी ने मीट कारोबारियों के प्रतिनिधि के रूप में ऑल इंडिया जमैतुल कुरैसी यूपी को आमंत्रित किया है. सत्ता में आते ही योगी सरकार ने न सिर्फ अवैध बूचड़खानों को बंद करने के आदेश दिए हैं, बल्कि गो तस्करी और गोवध पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया. विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने प्रदेश की जनता से यह वादा किया था.
योगी सरकार की ओर से अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई से मीट कारोबार में लगे लाखों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. मीट व्यापारियों का दावा है कि मंडी में अब माल नहीं है. जिन्होंने स्टाक (भंडार) रखा था, उनका माल भी खत्म हो गया है. आसपास के जिलों से माल लेकर कोई ट्रक मंडी नहीं पहुंच रहा है. हमीरपुर, बांदा और बाराबंकी सहित कुछ अन्य जिलों में भी मटन और चिकन की दुकानें बंद हैं.
इनका सवाल है कि मीट आपूर्ति नहीं होने पर ग्राहकों की मांग कैसे पूरी की जा सकती है? राजधानी के लोगों को आशंका है कि इन हालात में सब्जियों के दाम चढ सकते हैं. इससे पहले मंगलवार को ऑल इंडिया मीट एंड लाइवस्टोक एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन और ऑल इंडिया जमैतुल कुरैसी उत्त प्रदेश ने मामले को लेकर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह से मुलाकात की थी.
0 comments:
Post a Comment