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    Wednesday 29 March 2017

    जीएसटी के माध्यम से देश में ‘एक राष्ट्र, एक कर' की प्रणाली लागू करने का मार्ग प्रशस्त होगा: अरुण जेटली - GST debate in lok sabha arun jaitley

    नयी दिल्ली : वस्तु एवं सेवा कर को संवैधानिक मंजूरी प्राप्त पहला संघीय अनुबंध करार देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त कर का भार नहीं डालते हुए जीएसटी के माध्यम से देश में ‘एक राष्ट्र, एक कर' की प्रणाली लागू करने का मार्ग प्रशस्त होगा.

    जीएसटी लागू होने के बाद वस्तु एवं जिंस की कीमतों में वृद्धि की आशंकाओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कर की दरें वर्तमान स्तर पर रखी जायेंगी ताकि इसका मुद्रास्फीति संबंधी प्रभाव नहीं पडे. अरुण जेटली ने लोकसभा में जीएसटी से जुडे चार विधेयकों केंद्रीय माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (सी जीएसटी बिल), एकीकृत माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (आई जीएसटी बिल), संघ राज्य क्षेत्र माल एवं सेवाकर विधेयक 2017 (यूटी जीएसटी बिल) और माल एवं सेवाकर (राज्यों को प्रतिकर) विधेयक 2017 को सर्व सम्मति से पारित करने की जरुरत बतायी ताकि देश में ‘एक राष्ट्र, एक कर' की व्यवस्था को लागू किया जा सके.


    वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद कर ढांचे को सर्व सम्मति से तय कर रही है और इस बारे में अब तक 12 बैठकें हो चुकी हैं. यह विधेयक केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझी सम्प्रभुत्ता के सिद्धांत पर आधारित है और यह ऐसी पहली पहल है. उन्होंने कहा, ‘‘ यह संवैधानिक मंजूरी प्राप्त पहला संघीय अनुबंध है. यह ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी विधेयक है. जीएसटी परिषद सही मायने में पहला संघीय संस्थान है. इसमें केंद्र ने अपनी सम्प्रभुत्ता रखी है, इसमें राज्यों ने अपनी सम्प्रभुत्ता रखी है. इसके साथ केंद्र-राज्य संबंध के नाजुक तार को कायम रखा गया है.'
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