अहमदाबाद: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आज बहुत लम्बे समय के बाद गुजरात विधानसभा पहुंचे. वे अहमदाबाद के नारणपुरा से विधायक भी हैं. आज जब वे विधानसभा पहुंचे तो गेट पर ही उनके स्वागत के लिए कई मंत्री, विधायक और कार्यकर्ता मौजूद थे. विधानसभा का सत्र शुक्रवार को खत्म हो रहा है इसलिए शाह विधायक के तौर पर हाजिरी देने पहुंचे थे. विधानसभा बहस में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोला. बैठक के बाद वे कांग्रेस के नेता शंकरसिंह वाघेला से चाय पर चर्चा के लिए मिले. इस मुलाकात से अटकलों का दौर शुरू हुआ है. हालांकि शंकरसिंह ने कहा कि शाह की ओर से इस मुलाकात की पेशकश की गई थी इसलिए वे पुराने सहयोगी के नाते मिले हैं.
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में जीत का जश्न मनाकर गुजरात में बीजेपी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए अमित शाह का गुजरात आगमन हुआ. यहां पार्टी ने उनका जोरदार स्वागत किया. इस मौके पर पूरे राज्य के करीब एक लाख कार्यकर्ता जुटे. लेकिन जब गुजरात में भाजपा में भी इस चुनावी जीत का फायदा उठाने के लिए जल्द चुनाव की सुगबुगाहट तेज है तब अमित शाह ने इसे खारिज करते हुए नवम्बर में ही चुनाव की संभावना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि ''मित्रो नरेंद्र भाई के नेतृत्व में चल रहा भारतीय जनता पार्टी का विजय रथ घूमते-घूमते नवम्बर में गुजरात आने वाला है. मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि जब भाजपा का रथ गुजरात आ रहा है तो क्या भाजपा कार्यकर्ता तैयार हैं. मोदी साहब से कह दूं.''
अमित शाह ने गुजरात चुनाव में पहले से ज्यादा सीटों पर जीत की उम्मीद जताई. अमित शाह के लिए यह रैली महत्वपूर्ण थी क्योंकि राज्य में अब भी पाटीदार आरक्षण आंदोलन, ठाकोर समाज का आंदोलन और दलित भी सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. ऐसे में कार्यकर्ताओं में जीत का भरोसा जताना जरूरी लग रहा है.
अमित शाह ने कहा कि गंगा के किनारे कानपुर के एक सम्मेलन में कार्यकर्ताओं ने निर्णय किया था कि इस बार 300 से ज्यादा सीटों वाली सरकार बनानी है. इसी तरह उस महान साबरमती नदी के किनारे, जहां पर स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखी गई, आज भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता यह संकल्प लेने के लिए इकट्ठे हुए हैं कि इस बार गुजरात में 150 से ज्यादा सीटें लाना है. उत्तर प्रदेश के बाद अमित शाह मिशन गुजरात में जुट गए हैं. गुरुवार को वे विधायक के तौर पर विधानसभा में हाजिरी देंगे और पार्टी की चुनावी तैयारियों का जायजा भी लेंगे.
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में जीत का जश्न मनाकर गुजरात में बीजेपी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए अमित शाह का गुजरात आगमन हुआ. यहां पार्टी ने उनका जोरदार स्वागत किया. इस मौके पर पूरे राज्य के करीब एक लाख कार्यकर्ता जुटे. लेकिन जब गुजरात में भाजपा में भी इस चुनावी जीत का फायदा उठाने के लिए जल्द चुनाव की सुगबुगाहट तेज है तब अमित शाह ने इसे खारिज करते हुए नवम्बर में ही चुनाव की संभावना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि ''मित्रो नरेंद्र भाई के नेतृत्व में चल रहा भारतीय जनता पार्टी का विजय रथ घूमते-घूमते नवम्बर में गुजरात आने वाला है. मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि जब भाजपा का रथ गुजरात आ रहा है तो क्या भाजपा कार्यकर्ता तैयार हैं. मोदी साहब से कह दूं.''
अमित शाह ने गुजरात चुनाव में पहले से ज्यादा सीटों पर जीत की उम्मीद जताई. अमित शाह के लिए यह रैली महत्वपूर्ण थी क्योंकि राज्य में अब भी पाटीदार आरक्षण आंदोलन, ठाकोर समाज का आंदोलन और दलित भी सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. ऐसे में कार्यकर्ताओं में जीत का भरोसा जताना जरूरी लग रहा है.
अमित शाह ने कहा कि गंगा के किनारे कानपुर के एक सम्मेलन में कार्यकर्ताओं ने निर्णय किया था कि इस बार 300 से ज्यादा सीटों वाली सरकार बनानी है. इसी तरह उस महान साबरमती नदी के किनारे, जहां पर स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखी गई, आज भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता यह संकल्प लेने के लिए इकट्ठे हुए हैं कि इस बार गुजरात में 150 से ज्यादा सीटें लाना है. उत्तर प्रदेश के बाद अमित शाह मिशन गुजरात में जुट गए हैं. गुरुवार को वे विधायक के तौर पर विधानसभा में हाजिरी देंगे और पार्टी की चुनावी तैयारियों का जायजा भी लेंगे.
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