कहते हैं सत्ता का नशा कई लोगों के सर चढ़कर बोलता है. ऐसा ही कुछ देखने को मिला इटावा में, जहां भरथना सीट से बीजेपी विधायक सावित्री कठेरिया के बेटे धर्मेंद्र पुलिस थाने में रौब दिखाते दिखे. मीडिया में यह खबर आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने पार्टी विधायकों को सख्त हिदायत दी है.
दरअसल हुआ यह था कि बीजेपी विधायक के बेटे धर्मेंद्र ने थाने में साफ-सफाई को लेकर पुलिसकर्मी को डांट लगाई. वहीं जब उनसे लोगों ने सवाल किया वह किस हैसियत से इस तरह थाने में रौब झाड़ रहे हैं, तो धर्मेंद्र ने कहा कि 'योगी जी ने उससे ऐसा करने को कहा है.'
इससे पहले यूपी के शाहजहांपुर इलाके में भी विधायक पुत्र की दबंगई का मामला सामने आया था. यहां इलाके के बीजेपी विधायक रोशन लाल वर्मा के बेटों की दबंगई को लेकर इस तरह की शिकायत आई थी कि निगोही थाने के एसओ से लेकर सिपाहियों तक कुल 18 पुलिसवालों ने उनसे परेशान होकर एसपी से तबादले की गुहार लगाई थी.
सीएम योगी ने बीजेपी विधायक दल की बैठक में उन्हें थानों और अधिकारियों के साथ दबंगई नहीं करने को कहा है. इसके साथ ही उन्होंने विधायकों को सोशल मीडिया से सतर्क रहने को कहा है.
मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों और मंत्रियों से सख्त लहजे में कहा, अवास को लेकर कोई दबंगई न करें, जिसे जो अवास आवंटित हुआ है, उसी में रहें. उन्होंने पार्टी विधायकों से सरकारी अवास को ज्यादा सजाने संवारने पर खर्च नहीं करने को कहा और नसीहक दी कि जैसा भी अवास मिला उसी में साधारण बीजेपी के कार्यकर्ताओं की तरह रहे.
सीएम योगी ने विधायक- मंत्रियों के अलावा सरकारी अधिकारियों के लिए भी नई गाइडलाइन जारी की. इसमें उनसे ऑफिशियल मामलों को लेकर सोशल मीडिया पर कमेंट्स नहीं करने की खास हिदायत दी है.
योगी सरकार ने लखनऊ में तैनात IPS अधिकारी हिमांशु कुमार के मामले के बाद की यह सख्त निर्देश दिए हैं. हिमांशु ने वरिष्ठ अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया था, 'यहां यादव सरनेम वाले पुलिसकर्मियों को सस्पेंड या लाइन हाजिर करने की वरिष्ठ अधिकारियों में होड़ मची है.'
बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ही कानून व्यवस्था पर खास जोर दे रखा है. इससे पहले उन्होंने डीजीपी ने मुलाकात कर साफ कर दिया कि पुलिस किसी भी तरह की गुंडागर्दी को बर्दाश्त न करे.
बीजेपी की जीत के बाद बरेली से लेकर अन्य जगह पर उपद्रव की खबरें आई थी. इसे लकेर उन्होंने डीजीपी से कहा कि किसी तरह की गुंडागर्दी को बर्दाश्त न किया जाए . आदित्यनाथ ने कहा कि पुलिस सख्त रुख अपनाए और उत्सव की आड़ में उपद्रव को बर्दाश्त न करे.
दरअसल हुआ यह था कि बीजेपी विधायक के बेटे धर्मेंद्र ने थाने में साफ-सफाई को लेकर पुलिसकर्मी को डांट लगाई. वहीं जब उनसे लोगों ने सवाल किया वह किस हैसियत से इस तरह थाने में रौब झाड़ रहे हैं, तो धर्मेंद्र ने कहा कि 'योगी जी ने उससे ऐसा करने को कहा है.'
इससे पहले यूपी के शाहजहांपुर इलाके में भी विधायक पुत्र की दबंगई का मामला सामने आया था. यहां इलाके के बीजेपी विधायक रोशन लाल वर्मा के बेटों की दबंगई को लेकर इस तरह की शिकायत आई थी कि निगोही थाने के एसओ से लेकर सिपाहियों तक कुल 18 पुलिसवालों ने उनसे परेशान होकर एसपी से तबादले की गुहार लगाई थी.
सीएम योगी ने बीजेपी विधायक दल की बैठक में उन्हें थानों और अधिकारियों के साथ दबंगई नहीं करने को कहा है. इसके साथ ही उन्होंने विधायकों को सोशल मीडिया से सतर्क रहने को कहा है.
मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों और मंत्रियों से सख्त लहजे में कहा, अवास को लेकर कोई दबंगई न करें, जिसे जो अवास आवंटित हुआ है, उसी में रहें. उन्होंने पार्टी विधायकों से सरकारी अवास को ज्यादा सजाने संवारने पर खर्च नहीं करने को कहा और नसीहक दी कि जैसा भी अवास मिला उसी में साधारण बीजेपी के कार्यकर्ताओं की तरह रहे.
सीएम योगी ने विधायक- मंत्रियों के अलावा सरकारी अधिकारियों के लिए भी नई गाइडलाइन जारी की. इसमें उनसे ऑफिशियल मामलों को लेकर सोशल मीडिया पर कमेंट्स नहीं करने की खास हिदायत दी है.
योगी सरकार ने लखनऊ में तैनात IPS अधिकारी हिमांशु कुमार के मामले के बाद की यह सख्त निर्देश दिए हैं. हिमांशु ने वरिष्ठ अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया था, 'यहां यादव सरनेम वाले पुलिसकर्मियों को सस्पेंड या लाइन हाजिर करने की वरिष्ठ अधिकारियों में होड़ मची है.'
बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ही कानून व्यवस्था पर खास जोर दे रखा है. इससे पहले उन्होंने डीजीपी ने मुलाकात कर साफ कर दिया कि पुलिस किसी भी तरह की गुंडागर्दी को बर्दाश्त न करे.
बीजेपी की जीत के बाद बरेली से लेकर अन्य जगह पर उपद्रव की खबरें आई थी. इसे लकेर उन्होंने डीजीपी से कहा कि किसी तरह की गुंडागर्दी को बर्दाश्त न किया जाए . आदित्यनाथ ने कहा कि पुलिस सख्त रुख अपनाए और उत्सव की आड़ में उपद्रव को बर्दाश्त न करे.
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