भारतीय रेल से सफर करने जा रहे हैं और आपके पास किसी मेल अथवा एक्सप्रेस ट्रेन से कराया रिजर्वेशन वेटिंग लिस्ट में है तो 1 अप्रैल को आपको लॉटरी लग सकती है. IRCTC आपको उस रूट पर चलने वाली अगली राजधानी एक्सप्रेस अथवा शताब्दी एक्सप्रेस में कन्फर्म टिकट दे सकता है. इस कन्फर्म टिकट के लिए IRCTC आपसे पैसे नहीं लेगी और आपको कहेगी हैपी फर्स्ट अप्रैल.
यदि आपने मेल या एक्सप्रेस ट्रेन का टिकट बुक किया है और आपका नाम वेटिंग लिस्ट में रह जाता है तो आपको एक अप्रैल से राजधानी या शताब्दी ट्रेनों में सफर करने का मौका मिल सकता है, बशर्ते कि आपने टिकट बुक कराते समय विकल्प चुना हो.
IRCTC ने एक अप्रैल से नई योजना शुरू की है. इसके तहत वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को उस रूट की अगली वैकल्पिक ट्रेन में कंफर्म सीट दी जा सकती है. इस योजना के मुताबिक यात्रियों से कोई अतिरिक्त पैसा नहीं लिया जाएगा, ना ही किराए में अंतर के लिए कोई रिफंड (रकम वापसी) दिया जाएगा.
विकल्प नाम की इस योजना के तहत सभी मुख्य मार्गों पर राजधानी, शताब्दी, दुरंतो या सुविधा जैसी अन्य विशेष सेवा वाली ट्रेनों में खाली रह चुकी सीटों को भरा जाएगा.
दरअसल रेलवे को विभिन्न कारणों से टिकटों कैंसल किए जाने के चलते यात्रियों को साल में करीब 7,500 करोड़ रुपये (रिफंड) करना पड़ता है. इस योजना से रेलवे दोहरा लक्ष्य को पूरा करेगी.
रेलवे के पायलट प्रोजेक्ट के तहत विकल्प टिकट योजना फिलहाल दिल्ली-हावड़ा, दिल्ली-चेन्नई, दिल्ली-मुम्बई और दिल्ली-सिकंदराबाद के बीच चलने वाली सभी ट्रेनों के साथ-साथ देशभर में तकरीबन 150 ट्रेनों में चलाई जा रही है. पायलेट प्रोजेक्ट में काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. रेल मंत्रालय ने अब इसे देश भर की सभी ट्रेनों में लागू करने के लिए 1 अप्रैल 2017 का दिन तय किया है.
यदि आपने मेल या एक्सप्रेस ट्रेन का टिकट बुक किया है और आपका नाम वेटिंग लिस्ट में रह जाता है तो आपको एक अप्रैल से राजधानी या शताब्दी ट्रेनों में सफर करने का मौका मिल सकता है, बशर्ते कि आपने टिकट बुक कराते समय विकल्प चुना हो.
IRCTC ने एक अप्रैल से नई योजना शुरू की है. इसके तहत वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को उस रूट की अगली वैकल्पिक ट्रेन में कंफर्म सीट दी जा सकती है. इस योजना के मुताबिक यात्रियों से कोई अतिरिक्त पैसा नहीं लिया जाएगा, ना ही किराए में अंतर के लिए कोई रिफंड (रकम वापसी) दिया जाएगा.
विकल्प नाम की इस योजना के तहत सभी मुख्य मार्गों पर राजधानी, शताब्दी, दुरंतो या सुविधा जैसी अन्य विशेष सेवा वाली ट्रेनों में खाली रह चुकी सीटों को भरा जाएगा.
दरअसल रेलवे को विभिन्न कारणों से टिकटों कैंसल किए जाने के चलते यात्रियों को साल में करीब 7,500 करोड़ रुपये (रिफंड) करना पड़ता है. इस योजना से रेलवे दोहरा लक्ष्य को पूरा करेगी.
रेलवे के पायलट प्रोजेक्ट के तहत विकल्प टिकट योजना फिलहाल दिल्ली-हावड़ा, दिल्ली-चेन्नई, दिल्ली-मुम्बई और दिल्ली-सिकंदराबाद के बीच चलने वाली सभी ट्रेनों के साथ-साथ देशभर में तकरीबन 150 ट्रेनों में चलाई जा रही है. पायलेट प्रोजेक्ट में काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. रेल मंत्रालय ने अब इसे देश भर की सभी ट्रेनों में लागू करने के लिए 1 अप्रैल 2017 का दिन तय किया है.
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