उत्तर प्रदेश में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद योगी आदित्यनाथ आज उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है. उनके साथ केशव मौर्य और दिनेश शर्मा उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इससे पहले योगी आदित्यनाथ सुबह-सुबह शपथ ग्रहण समारोह स्थल लखनऊ के स्मृतिवन पर पहुंचे और जायजा लिया था. मंच पर अमित शाह, मुलायम सिंह यादव, लालकृष्ण आडवाणी, अखिलेश यादव, शिवराज सिंह चौहान, नितिन गडकरी, उमा भारती, रविशंकर प्रसाद समेत कई बड़े नेता मौजूद हैं. इसके साथ ही अखिलेश और मुलायम सिंह यादव से मंच पर गर्मजोशी से मिले अमित शाह.
योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला उतना सहजता से नहीं हुआ जितना सतह पर दिखाई दे रहा है. संभवतया इसीलिए नतीजे आने के बाद योगी आदित्यनाथ की ताजपोशी का फैसला लेने में बीजेपी आलाकमान को एक सप्ताह का वक्त लगा. सूत्रों के मुताबिक योगी आदित्यनाथ इस पद के लिए आलाकमान की पहली पसंद नहीं थे. इससे पहले नरेंद्र मोदी और अमित शाह केंद्र सरकार में मंत्री मनोज सिन्हा को मुख्यमंत्री बनाने का मन बना चुके थे और वह इस रेस में अंतिम क्षणों तक सबसे आगे भी दिखाई दे रहे थे लेकिन माना जा रहा है कि संघ इस नाम पर मुहर लगाने से हिचक रहा था. सूत्रों के मुताबिक संघ बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद यूपी में एक कद्दावर राजनीतिक शख्सियत के हाथों में कमान देखना चाहता था और इस वजह से सिन्हा के नाम पर सहमति नहीं बन पाई.
योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला उतना सहजता से नहीं हुआ जितना सतह पर दिखाई दे रहा है. संभवतया इसीलिए नतीजे आने के बाद योगी आदित्यनाथ की ताजपोशी का फैसला लेने में बीजेपी आलाकमान को एक सप्ताह का वक्त लगा. सूत्रों के मुताबिक योगी आदित्यनाथ इस पद के लिए आलाकमान की पहली पसंद नहीं थे. इससे पहले नरेंद्र मोदी और अमित शाह केंद्र सरकार में मंत्री मनोज सिन्हा को मुख्यमंत्री बनाने का मन बना चुके थे और वह इस रेस में अंतिम क्षणों तक सबसे आगे भी दिखाई दे रहे थे लेकिन माना जा रहा है कि संघ इस नाम पर मुहर लगाने से हिचक रहा था. सूत्रों के मुताबिक संघ बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद यूपी में एक कद्दावर राजनीतिक शख्सियत के हाथों में कमान देखना चाहता था और इस वजह से सिन्हा के नाम पर सहमति नहीं बन पाई.
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