कायरो: आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) प्रमुख अबु बक्र अल बगदादी ने एक विदाई भाषण में इराक में अपने समूह की हार स्वीकार कर ली है । उसने लड़ाकों को अपने देश लौटने और खुद को विस्फोट से उड़ा लेने का आदेश दिया है। बगदादी ने ‘फेयलवेल स्पीच’ शीर्षक नाम से एक बयान जारी किया है और इसे मंगलवार को आईएस प्रचारकों और मौलवियों में बांटा गया। बगदादी का यह बयान इराकी सेना के आईएस बहुल मोसुल पर कब्जे के बाद आया है।
इराकी टीवी नेटवर्क अलसुमारिया ने अल अरबिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि बगदादी ने आईएस कार्यालय से एक आदेश जारी किया है, जिसमें समूह के लड़ाकों और समूह के गैर-अरब लड़ाकों को अपने देश लौटने या फिर खुद को विस्फोट से उड़ाने का निर्देश दिया है। मीडिया रिपोर्ट में बगदादी को हमले में गंभीर रूप से घायल बताया गया है। उसके सिर पर ढाई करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम है।
गौर हो कि पूर्वी सीरिया और उत्तरी इराक में आईएस के कब्जे के बाद बगदादी ने 2014 में खुद को खलीफा घोषित किया था। अभी तक यह साफ नहीं है कि बगदादी इस समय सेना से घिरे हुए इलाके में ही फंसा है या कहीं और है। रिपोर्ट के मुताबिक आईएस के कई बड़े आतंकी इस समय इराक से कूच कर पड़ोसी देश सीरिया में पहुंच चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय और अमेरिकी सेनाओं के सहयोग से इराकी सेना ने 17 अक्टूबर को मोसुल से आईएस को खदेड़ने का अभियान शुरू किया था। जनवरी तक मोसुल के पूर्वी हिस्से पर सेना का कब्जा हो गया था।
इराकी टीवी नेटवर्क अलसुमारिया ने अल अरबिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि बगदादी ने आईएस कार्यालय से एक आदेश जारी किया है, जिसमें समूह के लड़ाकों और समूह के गैर-अरब लड़ाकों को अपने देश लौटने या फिर खुद को विस्फोट से उड़ाने का निर्देश दिया है। मीडिया रिपोर्ट में बगदादी को हमले में गंभीर रूप से घायल बताया गया है। उसके सिर पर ढाई करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम है।
गौर हो कि पूर्वी सीरिया और उत्तरी इराक में आईएस के कब्जे के बाद बगदादी ने 2014 में खुद को खलीफा घोषित किया था। अभी तक यह साफ नहीं है कि बगदादी इस समय सेना से घिरे हुए इलाके में ही फंसा है या कहीं और है। रिपोर्ट के मुताबिक आईएस के कई बड़े आतंकी इस समय इराक से कूच कर पड़ोसी देश सीरिया में पहुंच चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय और अमेरिकी सेनाओं के सहयोग से इराकी सेना ने 17 अक्टूबर को मोसुल से आईएस को खदेड़ने का अभियान शुरू किया था। जनवरी तक मोसुल के पूर्वी हिस्से पर सेना का कब्जा हो गया था।
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