भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 टेस्ट मैचों की सीरीज का अंतिम मैच बेहद अहम हो गया है. फिलहाल सीरीज 1-1 की बराबरी पर है. ऐसे में धर्मशाला में खेला जा रहा चौथा टेस्ट निर्णायक है. जहां टीम इंडिया लगातार सातवीं सीरीज जीत पर नजर गड़ाए हैं, वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम 13 साल बाद भारत में पहली सीरीज जीत के बारे में सोच रही है. हो भी क्यों न उसने इस सीरीज में टीम इंडिया को जबर्दस्त टक्कर जो दी है. टीम इंडिया के लिए एक बुरी खबर यह रही कि कप्तान विराट कोहली इस मैच से चोट के कारण बाहर हो गए हैं. उनकी जगह अजिंक्य रहाणे टीम की कप्तानी संभाल रहे हैं. कंगारू कप्तान स्टीव स्मिथ ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया है. ऑस्ट्रेलिया ने लंच तक 1 विकेट पर 131 रन बना लिए हैं. डेविड वॉर्नर (54) और स्टीव स्मिथ (72) क्रीज पर हैं. स्मिथ ने शानदार फॉर्म जारी रखते हुए 67 गेंदों में और वॉर्नर ने 72 गेंदों में फिफ्टी पूरी की. वॉर्नर को पारी की पहली ही गेंद पर जीवनदान मिल चुका है. उमेश यादव ने एकमात्र सफलता हासिल की है.
टीम इंडिया को पहली सफलता पहली ही गेंद पर मिल जाती, लेकिन भुवनेश्वर कुमार की बाहर की ओर स्विंग होती गेंद पर थर्ड स्लिप पर खड़े करुण नायर ने डेविड वॉर्नर का कैच छोड़ दिया और गेंद चार रनों के लिए बाउंड्री पार कर गई. इसके बाद उमेश यादव ने दूसरे ओवर की चौथी गेंद पर अन्य ओपनर मैच रेनशॉ (1) को बोल्ड करके टीम इंडिया के पहली सफलता दिलाई. उस समय कंगारुओं का स्कोर 10 रन था. पहला विकेट जल्दी खोने के बाद कप्तान स्टीव स्मिथ और जीवनदान के साथ खेल रहे डेविड वॉर्नर ने भारतीय गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया शतकीय साझेदारी पूरी कर ली. इस बीच स्मिथ ने तेजी से रन बटोरते हुए 67 गेंदों में फिफ्टी पूरी कर ली. इसके बाद वॉर्नर ने भी 72 गेंदों में 24वीं फिफ्टी लगा दी. पहला टेस्ट खेल रहे 'चाइनामैन बॉलर' कुलदीप यादव को कप्तान रहाणे ने 29वें ओवर में आक्रमण पर लगाया. ओवर की दूसरी ही गेंद पर उन्होंने वॉर्नर को चकमा दिया, लेकिन वह बच गए. ऑस्ट्रेलिया ने लंच से पहले के 30 ओवरों में 131 रन बटोरे.
नवंबर, 2011 के बाद से लगातार 54 टेस्ट से टीम का हिस्सा रहे कप्तान विराट कोहली भले ही इस मैच में नहीं खेल रहे हैं, लेकिन उनकी सक्रियता में कमी नहीं आई है. विराट ने अनूठे अंदाज में टीम का हौसला बढ़ाने का फैसला किया और मैच के छठे ओवर में शॉर्ट ब्रेक के दौरान साथियों के लिए ड्रिंक लेकर पहुंच गए
टीम इंडिया को पहली सफलता पहली ही गेंद पर मिल जाती, लेकिन भुवनेश्वर कुमार की बाहर की ओर स्विंग होती गेंद पर थर्ड स्लिप पर खड़े करुण नायर ने डेविड वॉर्नर का कैच छोड़ दिया और गेंद चार रनों के लिए बाउंड्री पार कर गई. इसके बाद उमेश यादव ने दूसरे ओवर की चौथी गेंद पर अन्य ओपनर मैच रेनशॉ (1) को बोल्ड करके टीम इंडिया के पहली सफलता दिलाई. उस समय कंगारुओं का स्कोर 10 रन था. पहला विकेट जल्दी खोने के बाद कप्तान स्टीव स्मिथ और जीवनदान के साथ खेल रहे डेविड वॉर्नर ने भारतीय गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया शतकीय साझेदारी पूरी कर ली. इस बीच स्मिथ ने तेजी से रन बटोरते हुए 67 गेंदों में फिफ्टी पूरी कर ली. इसके बाद वॉर्नर ने भी 72 गेंदों में 24वीं फिफ्टी लगा दी. पहला टेस्ट खेल रहे 'चाइनामैन बॉलर' कुलदीप यादव को कप्तान रहाणे ने 29वें ओवर में आक्रमण पर लगाया. ओवर की दूसरी ही गेंद पर उन्होंने वॉर्नर को चकमा दिया, लेकिन वह बच गए. ऑस्ट्रेलिया ने लंच से पहले के 30 ओवरों में 131 रन बटोरे.
नवंबर, 2011 के बाद से लगातार 54 टेस्ट से टीम का हिस्सा रहे कप्तान विराट कोहली भले ही इस मैच में नहीं खेल रहे हैं, लेकिन उनकी सक्रियता में कमी नहीं आई है. विराट ने अनूठे अंदाज में टीम का हौसला बढ़ाने का फैसला किया और मैच के छठे ओवर में शॉर्ट ब्रेक के दौरान साथियों के लिए ड्रिंक लेकर पहुंच गए
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