डीयू विवाद से चर्चा में आई गुरमेहर कौर ने भले ही कैंपेन से खुद को अलग कर लिया हो लेकिन विवाद पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रहा है. देशभक्ति और देशद्रोह को लेकर जारी सियासी बयानबाजी के बीच राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने गुरमेहर को खुला खत लिखा है. राजीव चंद्रशेखर ने आवाज उठाने और शहीद के परिवार से होने को लेकर गुरमेहर का पूरा सर्मथन तो किया लेकिन पाकिस्तान के मामले पर आईना भी दिखा दिया.
राजीव चंद्रशेखर ने गुरमेहर से कहा है कि शांति के पक्ष में आवाज उठाना अच्छी बात है लेकिन ये समझना होगा कि पाकिस्तान की आतंकवाद की नीतियों का नतीजा देश से हजारों परिवारों को भुगतना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा पीड़ित सैनिकों के परिवारवाले हैं साथ ही हमारी देश की शांति और सुरक्षा के लिए भी पाकिस्तान खतरा है ऐसे में उसे जिम्मेदार नहीं बताना उचित नहीं है.
हम इन हत्याओं का कारण युद्ध को बता कर शांति की कामना नहीं कर सकते. 15,000 से ज़्यादा लोगों ने सीमा पार के आतंकी हमलों की वजह से अपनी जान गवा दी. यह नतीजा है पाकिस्तान द्वारा हमारे देश में की गई हिंसा का. किसी को युद्ध या हिंसा नही चाहिए. भारत महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन का नतीजा है. हिंसा कभी स्थाई रूप से शांति नहीं ला सकता.
राजीव चंद्रशेखर ने अपने खत में गुरमेहर की राजनीतिक सक्रियता की तारीफ की है लेकिन साथ ही कहा है कि अगर आप राजनीति से जुड़ती हैं तो साथ ही जरूरी है कि आप देश की संस्कृति और मूल्यों को भी समझते हैं. आपके अन्य लोगों के वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन देश के सम्मान और एकता को लेकर मतभेद कैसे हो सकते हैं?
उन्होंने गुरमेहर को यह भी कहा, "मुझे यकीन है आप अपने पिता और परिवार द्वारा सिखाए गए मूल्यों और सिद्धांतों पर चलेंगी. लेकिन आपको एक बात ध्यान रखने की जरुरत है. राजनीति न सिर्फ़ उन लोगों के साथ खड़े रहना है जो आप जैसा सोचते हैं. बल्कि यह भी देखना है कि कहीं वही लोग आपकी राष्ट्रीय एकता जैसी सोच से अलग सोच तो नहीं रखते? किसी राजनीतिक विवाद में पड़ने का मतलब ही है कि आप आलोचना सुनने के लिए तैयार रहें.''
राजीव चंद्रशेखर ने गुरमेहर से कहा है कि शांति के पक्ष में आवाज उठाना अच्छी बात है लेकिन ये समझना होगा कि पाकिस्तान की आतंकवाद की नीतियों का नतीजा देश से हजारों परिवारों को भुगतना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा पीड़ित सैनिकों के परिवारवाले हैं साथ ही हमारी देश की शांति और सुरक्षा के लिए भी पाकिस्तान खतरा है ऐसे में उसे जिम्मेदार नहीं बताना उचित नहीं है.
हम इन हत्याओं का कारण युद्ध को बता कर शांति की कामना नहीं कर सकते. 15,000 से ज़्यादा लोगों ने सीमा पार के आतंकी हमलों की वजह से अपनी जान गवा दी. यह नतीजा है पाकिस्तान द्वारा हमारे देश में की गई हिंसा का. किसी को युद्ध या हिंसा नही चाहिए. भारत महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन का नतीजा है. हिंसा कभी स्थाई रूप से शांति नहीं ला सकता.
राजीव चंद्रशेखर ने अपने खत में गुरमेहर की राजनीतिक सक्रियता की तारीफ की है लेकिन साथ ही कहा है कि अगर आप राजनीति से जुड़ती हैं तो साथ ही जरूरी है कि आप देश की संस्कृति और मूल्यों को भी समझते हैं. आपके अन्य लोगों के वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन देश के सम्मान और एकता को लेकर मतभेद कैसे हो सकते हैं?
उन्होंने गुरमेहर को यह भी कहा, "मुझे यकीन है आप अपने पिता और परिवार द्वारा सिखाए गए मूल्यों और सिद्धांतों पर चलेंगी. लेकिन आपको एक बात ध्यान रखने की जरुरत है. राजनीति न सिर्फ़ उन लोगों के साथ खड़े रहना है जो आप जैसा सोचते हैं. बल्कि यह भी देखना है कि कहीं वही लोग आपकी राष्ट्रीय एकता जैसी सोच से अलग सोच तो नहीं रखते? किसी राजनीतिक विवाद में पड़ने का मतलब ही है कि आप आलोचना सुनने के लिए तैयार रहें.''
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