लखनऊ. उत्तर प्रदेश में करारी हार झेलने के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए. मुलायम ने यूपी में मिली इस हार के लिए अखिलेश यादव और कांग्रेस पर जमकर भड़ास निकाली. मुलायम ने कहा कि गठबंधन नहीं होता तो यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार बनती.
एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में मुलायम सिंह ने कहा कि कांग्रेस को यूपी में कोई पसंद नहीं करता. उनका मानना है कि गठबंधन का घमंड समाजवादियों की ऐसी हार का सबसे बड़ा कारण बना है. हालांकि मुलायम ने अपने भाई शिवपाल यादव, साधना गुप्ता, अमर सिंह और अपर्णा यादव की तरफदारी की.
साधना गुप्ता के बारे में मुलायम ने कहा कि उन्होंने काफी सादगी से अपनी बात रखी थी. जबकि, अमर सिंह के बार में मुलायम का कहना है कि उनका गुस्सा होना जायज है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के भीतर मचे घमासान को शांत करने के लिए मुलायाम सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि, उस वक्त भी वो बेटे अखिलेश के कुछ फैसलों से खुश नहीं थे.
पिछले दिनों समाजवादी पार्टी में छिड़े घमासान के लिए भी उन्होंने अखिलेश यादव को ही जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि इस हार की सबसे बड़ी वजह वही घमासान रहा है. इस घमासान के बाद लोगों ने सपा को वोट इसलिए नहीं किया क्योंकि इस दौरान उनका अपमान किया गया था. पार्टी में मचे घमासान के बाद यही संदेश सपा कार्याकर्ताओं और जनता के बीच पहुंचा था. इस दौरान उन्होंने माना कि यह भाजपा के लिए बहुत बड़ी जीत है, लिहाजा अाज उनका दिन है. उन्होंने भाजपा की जीत और सपा की हार को विचित्र बताया है.
यूपी के अंतिम चरण के मतदान से पहले मीडिया के सामने आई उनकी पत्नी पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि साधना ने मीडिया के सामने आ कर कुछ भी गलत नहीं कहा. उनका कहना था कि साधना ने बेहद सादगी से यही कहा था कि इस दौरान उनका अपमान किया गया. साधन के बयान पर दी गई सफाई पर उन्होंने कहा कि साधना ने किसी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया था. उनका कहना सिर्फ इतना ही था कि उनका अपमान नहीं किया जाना चाहिए था.
यूपी के चुनाव प्रचार में न उतरने के बाबत मुलायम का कहना था कि वर्ष 2012 में उन्होनें करीब 300 रैलियां की थीं लेकिन इस बार उन्होंने केवल चार ही रैलियां की वह भी बेमन के साथ. हार के बाद मुलायम की अखिलेश्ा से बातचीत पर वह बोले की अब वह क्या बोलेगा. उन्होंने अखिलेश को सलाह दी कि हार के बाद भी उन्हें जनता के बीच जाकर जनता को बधाई और धन्यवाद देना चाहिए.
मुलायम ने यह भी कहा कि अब यदि पार्टी को जीत चाहिए तो पार्टी को काम करना होगा. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर दिनरात एक कर पार्टी बनाई और खड़ा किया था . लेकिन अब हार का दुख छोड़कर इस हार पर चिंतन किए जाने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि देश में किसी भी राज नेता ने अपने जीते जी सत्ता की कमान अपने बेटे को नहीं सौंपी थी लेकिन उन्होंने इसके उलट ऐसा किया अौर सत्ता का वारिस अखिलेश को बनाया था.
एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में मुलायम सिंह ने कहा कि कांग्रेस को यूपी में कोई पसंद नहीं करता. उनका मानना है कि गठबंधन का घमंड समाजवादियों की ऐसी हार का सबसे बड़ा कारण बना है. हालांकि मुलायम ने अपने भाई शिवपाल यादव, साधना गुप्ता, अमर सिंह और अपर्णा यादव की तरफदारी की.
साधना गुप्ता के बारे में मुलायम ने कहा कि उन्होंने काफी सादगी से अपनी बात रखी थी. जबकि, अमर सिंह के बार में मुलायम का कहना है कि उनका गुस्सा होना जायज है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के भीतर मचे घमासान को शांत करने के लिए मुलायाम सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि, उस वक्त भी वो बेटे अखिलेश के कुछ फैसलों से खुश नहीं थे.
पिछले दिनों समाजवादी पार्टी में छिड़े घमासान के लिए भी उन्होंने अखिलेश यादव को ही जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि इस हार की सबसे बड़ी वजह वही घमासान रहा है. इस घमासान के बाद लोगों ने सपा को वोट इसलिए नहीं किया क्योंकि इस दौरान उनका अपमान किया गया था. पार्टी में मचे घमासान के बाद यही संदेश सपा कार्याकर्ताओं और जनता के बीच पहुंचा था. इस दौरान उन्होंने माना कि यह भाजपा के लिए बहुत बड़ी जीत है, लिहाजा अाज उनका दिन है. उन्होंने भाजपा की जीत और सपा की हार को विचित्र बताया है.
यूपी के अंतिम चरण के मतदान से पहले मीडिया के सामने आई उनकी पत्नी पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि साधना ने मीडिया के सामने आ कर कुछ भी गलत नहीं कहा. उनका कहना था कि साधना ने बेहद सादगी से यही कहा था कि इस दौरान उनका अपमान किया गया. साधन के बयान पर दी गई सफाई पर उन्होंने कहा कि साधना ने किसी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया था. उनका कहना सिर्फ इतना ही था कि उनका अपमान नहीं किया जाना चाहिए था.
यूपी के चुनाव प्रचार में न उतरने के बाबत मुलायम का कहना था कि वर्ष 2012 में उन्होनें करीब 300 रैलियां की थीं लेकिन इस बार उन्होंने केवल चार ही रैलियां की वह भी बेमन के साथ. हार के बाद मुलायम की अखिलेश्ा से बातचीत पर वह बोले की अब वह क्या बोलेगा. उन्होंने अखिलेश को सलाह दी कि हार के बाद भी उन्हें जनता के बीच जाकर जनता को बधाई और धन्यवाद देना चाहिए.
मुलायम ने यह भी कहा कि अब यदि पार्टी को जीत चाहिए तो पार्टी को काम करना होगा. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर दिनरात एक कर पार्टी बनाई और खड़ा किया था . लेकिन अब हार का दुख छोड़कर इस हार पर चिंतन किए जाने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि देश में किसी भी राज नेता ने अपने जीते जी सत्ता की कमान अपने बेटे को नहीं सौंपी थी लेकिन उन्होंने इसके उलट ऐसा किया अौर सत्ता का वारिस अखिलेश को बनाया था.
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