पटना: बिहार सरकार ने प्रदेश में पिछले तीन सालों के दौरान बालिका नवजात मृत्यु दर के 17 प्रतिशत पहुंच जाने को स्वीकारते हुए शुक्रवार को कहा कि इसे कम करने के लिए सरकार नवजात के बेहतर देखभाल के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते निर्धन परिजनों को हुए पारिश्रमिक के नुकसान भरपायी के बारे में विचार कर रही है. बिहार विधानसभा में भाजपा सदस्य तारकेश्वर प्रसाद द्वारा पूछे गए एक अल्पसूचित प्रश्न का उत्तर देते हुए स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप ने कहा कि सरकार नवजात के बेहतर देखभाल के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते निर्धन परिजनों को हुए पारिश्रमिक के नुकसान भरपायी के बारे में विचार कर रही है.
उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता नवजात बालिकाओं का उचित ध्यान रखें इसके लिए सरकार द्वारा उन्हें प्रोत्साहन राशि दिए जाने की दिशा में काम किया जा रहा है. तेज प्रताप ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 36 नवजात विशेष देखभाल इकाई कार्यरत है और छह अन्य शीघ्र ही स्थापित किए जाने वाले हैं.
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त प्रदेश में 550 नवजात केंद्र कार्यरत हैं जहां चिकित्सीय देखभाल उपलब्ध कराया जा रहा है. तेज प्रताप ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बेहतर लिंग अनुपात के लिए लोगों को जागरुक करने खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में हाल में ही बेटी रक्षक रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है.
उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता नवजात बालिकाओं का उचित ध्यान रखें इसके लिए सरकार द्वारा उन्हें प्रोत्साहन राशि दिए जाने की दिशा में काम किया जा रहा है. तेज प्रताप ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 36 नवजात विशेष देखभाल इकाई कार्यरत है और छह अन्य शीघ्र ही स्थापित किए जाने वाले हैं.
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त प्रदेश में 550 नवजात केंद्र कार्यरत हैं जहां चिकित्सीय देखभाल उपलब्ध कराया जा रहा है. तेज प्रताप ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बेहतर लिंग अनुपात के लिए लोगों को जागरुक करने खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में हाल में ही बेटी रक्षक रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है.
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