जमशेदपुर : टाटा मोटर्स में अधिकारियों की संख्या 300 से 500 तक कम होगी. इसके लिए कंपनी एक अप्रैल 2017 से वीआरएस का पैकेज ला रही है. बोर्ड से इसका अप्रुवल दे दिया गया है. बड़े पैमाने पर किये जा रहे संस्थागत बदलाव के तहत दो स्तर के मैनेजमेंट सिस्टम को विकसित किया जा रहा है. चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के नेतृत्व में कंपनी के बोर्ड अधिकारियों की बैठक के दौरान इस पर आम सहमति बन चुकी है. हालांकि, मैनेजमेंट की ओर से इस पर अाधिकारिक बयान नहीं आया है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कई लोगों को पुणे के ग्लोबल डेवलपमेंट सेंटर में भी ट्रांसफर किया जा रहा है. अाने वाले दिनों में अधिकारियों के रोल में भी नये बदलाव किये जायेंगे ताकि कंपनी के खर्च में कमी आये और सर्विस की क्वालिटी को अपग्रेड किया जा सके. टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट में (टीएमएल सहित) 400 से ज्यादा एक्जीक्यूटिव स्तर के अधिकारी हैं. कंपनी के हर डिपार्टमेंट में एक्जीक्यूटिव स्तर के दो से तीन अधिकारी है. सबसे ज्यादा सीटीआर और प्लांट थ्री में एक्जीक्यूटिव स्तर के अधिकारी हैं.
बोर्ड मीटिंग में तय किया गया है कि जमशेदपुर, लखनऊ, पुणे, सानंद समेत अन्य प्लांट में वीआरएस स्कीम लायी जायेगी. किस एरिया से किसको हटाया जायेगा, यह अभी तय नहीं है, लेकिन समेकित तौर पर यह वीआरएस लाया जा रहा है. टाटा मोटर्स अपने उत्पाद की बिक्री बढ़ाने, गाड़ियों की क्वालिटी और बेहतर करने के साथ-साथ खर्च कम करने की रणनीति पर काम कर रही है, जिसके तहत पहले चरण में अधिकारियों में बदलाव लाने के पहले अधिकारियों की संख्या कम की जायेगी.
टाटा मोटर्स के एक प्रवक्ता ने ई-मेल के जरिये दिये बयान में कहा कि टाटा मोटर्स इसकी पुष्टि करती है कि संगठन को प्रभावी बनाने के लिये जारी परियोजना के तहत वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) लाने का प्रस्ताव किया गया है, जिसे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कई लोगों को पुणे के ग्लोबल डेवलपमेंट सेंटर में भी ट्रांसफर किया जा रहा है. अाने वाले दिनों में अधिकारियों के रोल में भी नये बदलाव किये जायेंगे ताकि कंपनी के खर्च में कमी आये और सर्विस की क्वालिटी को अपग्रेड किया जा सके. टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट में (टीएमएल सहित) 400 से ज्यादा एक्जीक्यूटिव स्तर के अधिकारी हैं. कंपनी के हर डिपार्टमेंट में एक्जीक्यूटिव स्तर के दो से तीन अधिकारी है. सबसे ज्यादा सीटीआर और प्लांट थ्री में एक्जीक्यूटिव स्तर के अधिकारी हैं.
बोर्ड मीटिंग में तय किया गया है कि जमशेदपुर, लखनऊ, पुणे, सानंद समेत अन्य प्लांट में वीआरएस स्कीम लायी जायेगी. किस एरिया से किसको हटाया जायेगा, यह अभी तय नहीं है, लेकिन समेकित तौर पर यह वीआरएस लाया जा रहा है. टाटा मोटर्स अपने उत्पाद की बिक्री बढ़ाने, गाड़ियों की क्वालिटी और बेहतर करने के साथ-साथ खर्च कम करने की रणनीति पर काम कर रही है, जिसके तहत पहले चरण में अधिकारियों में बदलाव लाने के पहले अधिकारियों की संख्या कम की जायेगी.
टाटा मोटर्स के एक प्रवक्ता ने ई-मेल के जरिये दिये बयान में कहा कि टाटा मोटर्स इसकी पुष्टि करती है कि संगठन को प्रभावी बनाने के लिये जारी परियोजना के तहत वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) लाने का प्रस्ताव किया गया है, जिसे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है.
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