उत्तर प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के लिए केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा का नाम अब तय माना जा रहा है. यूपी के सिंहासन पर विराजमान होने से पहले सिन्हा शनिवार सुबह दर्शन करने काल भैरव मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने चौसट जोगिनी और नव ग्रह पूजन किया. इसके बाद वह विश्वनाथ मंदिर और संकटमोचन के भी दर्शन करने पहुंचे.
सूत्रों के मुताबिक, सिन्हा के नाम पर PMO से हरी झंडी मिल गई है और शनिवार शाम होने वाली बीजेपी विधायक दल की बैठक मं बस इसका औपचारिक ऐलान होना है. इसके अगले दिन 19 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में दोपहर करीब 2.15 बजे यूपी की नई सरकार स्मृति उपवन में शपथ लेगी. इस शपथ ग्रहण में समारोह करीब 50 हजार लोगों के मौजूद रहने की उम्मीद है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मनोज सिन्हा के नाम पर बनी आम सहमति की जानकारी संघ को भी दे दी गई है. गाजीपुर से सांसद सिन्हा केंद्र सरकार में रेल राज्यमंत्री हैं. आईआईटी बीएचयू से इंजीनियरिंग में स्नातक मनोज सिन्हा छात्र नेता के तौर पर भी काफी सक्रिय थे.
यही नहीं, मनोज सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. पीएम मोदी और मनोज सिन्हा के बीच आरएसएस के दिनों से ही अच्छे संबंध बताए जाते हैं. जब नरेंद्र मोदी आरएसएस प्रचारक थे, तब मनोज सिन्हा के गांव आते-जाते रहते थे. वहीं पीएम मोदी जब गुजरात के सीएम थे, तब वह मनोज सिन्हा का प्रचार करने गाजीपुर जाया करते थे.
सूत्रों के मुताबिक, सिन्हा के नाम पर PMO से हरी झंडी मिल गई है और शनिवार शाम होने वाली बीजेपी विधायक दल की बैठक मं बस इसका औपचारिक ऐलान होना है. इसके अगले दिन 19 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में दोपहर करीब 2.15 बजे यूपी की नई सरकार स्मृति उपवन में शपथ लेगी. इस शपथ ग्रहण में समारोह करीब 50 हजार लोगों के मौजूद रहने की उम्मीद है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मनोज सिन्हा के नाम पर बनी आम सहमति की जानकारी संघ को भी दे दी गई है. गाजीपुर से सांसद सिन्हा केंद्र सरकार में रेल राज्यमंत्री हैं. आईआईटी बीएचयू से इंजीनियरिंग में स्नातक मनोज सिन्हा छात्र नेता के तौर पर भी काफी सक्रिय थे.
यही नहीं, मनोज सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. पीएम मोदी और मनोज सिन्हा के बीच आरएसएस के दिनों से ही अच्छे संबंध बताए जाते हैं. जब नरेंद्र मोदी आरएसएस प्रचारक थे, तब मनोज सिन्हा के गांव आते-जाते रहते थे. वहीं पीएम मोदी जब गुजरात के सीएम थे, तब वह मनोज सिन्हा का प्रचार करने गाजीपुर जाया करते थे.
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