नई दिल्ली: समाचार पत्र मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस इंड्रस्ट्रीज लिमिटेड को इस हफ्ते जियो पेमेंट्स बैंक का संचालन शुरू करने के लिए हरी झंडी मिली और इसी के साथ कंपनी ने एक नई उपलब्धि हासिल कर ली. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ रिलायंस की यह सेवा इस महीने के आखिर तक शुरू होने वाली है. मिंट ने यह बात इससे संबंधित योजनाओं से जुड़े लोगों के हवाले से कही. अरबपति मुकेश अंबानी ने हाल ही में जियो सिम के जरिए अपने मोबाइल ग्राहकों की संख्या 1 करोड़ पहुंचा दी है और जब कोई फ्री सेवाएं प्रदान करता है तो यह आकंड़ा हासिल करना कोई मुश्किल काम नहीं है.
असली लड़ाई तो तब शुरू होगी जब जियो अपने विशाल यूजर बेस के जरिए रेवन्यू हासिल करेगा और फिर प्रॉफिट पाने लगेगा. जियो पेमेंट बैंक के जरिए अंबानी और अच्छी कमाई कर सकता है और वह भी ऐसी परिस्थिति में जब डिजिटल पेमेंट और मोबाइल फोन्स कंपनियों, दोनों, से उसे कड़ी टक्कर लेनी है. पेमेंट बैंक के क्षेत्र में उसके प्रतिद्वंदी वन97 कम्युनिकेशन्स लिमिटेड से लेकर भारती एयरटेल तक हैं.
यदि अंबानी चाहते हैं कि उनके हिस्से का पलड़ा भारी रहे तो उन्हें अपना खुद का पेमेंट बैंक लॉन्च करने से एक कदम आगे बढ़ाते हुतए पेटीएम को खऱीद लेना चाहिए. पेटीएम वॉलेट यूजर्स की बात करें तो साल 2016 के आखिर तक इसके पास 17.7 करोड़ यूजर्स हो चुके थे. नोटबंदी के बाद से विशालतम लाभ लेने वाले पेटीएम से 1 अरब ट्रांजेक्शन किए गए. अब यदि जियो इसे खरीद लेती है, जोकि अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग लिमिटेड द्वारा सहयोग प्राप्त है, तो उसे 7.7 करोड़ से लेकर 17.7 करोड़ नए यूजर प्राप्त हो सकते हैं. जियो को अलीबाबा और इससे जुड़ी एंट फाइनैंशल से जुड़ने का भी लाभ होगा. इससे रिलायंस रीटेल लिमिटेड को भी बूस्ट मिल सकता है जबकि अलीबाबा को भी भारतीय बाजार में जगह बनाने में मदद मिलेगी.
एक अनुमान के मुताबिक, पेटीएम का वैल्यूएशन करीब 5 बिलियन डॉलर यानी 500 करोड़ डॉलर हो सकता है. लेकिन टेलिकॉम के क्षेत्र में भारत के इस सबसे अमीर आदमी ने जब 25 बिलियन डॉलर यानी 2500 करोड़ डॉलर लगा दिए तो यह रकम तो समंदर में बूंद के बराबर है.
असली लड़ाई तो तब शुरू होगी जब जियो अपने विशाल यूजर बेस के जरिए रेवन्यू हासिल करेगा और फिर प्रॉफिट पाने लगेगा. जियो पेमेंट बैंक के जरिए अंबानी और अच्छी कमाई कर सकता है और वह भी ऐसी परिस्थिति में जब डिजिटल पेमेंट और मोबाइल फोन्स कंपनियों, दोनों, से उसे कड़ी टक्कर लेनी है. पेमेंट बैंक के क्षेत्र में उसके प्रतिद्वंदी वन97 कम्युनिकेशन्स लिमिटेड से लेकर भारती एयरटेल तक हैं.
यदि अंबानी चाहते हैं कि उनके हिस्से का पलड़ा भारी रहे तो उन्हें अपना खुद का पेमेंट बैंक लॉन्च करने से एक कदम आगे बढ़ाते हुतए पेटीएम को खऱीद लेना चाहिए. पेटीएम वॉलेट यूजर्स की बात करें तो साल 2016 के आखिर तक इसके पास 17.7 करोड़ यूजर्स हो चुके थे. नोटबंदी के बाद से विशालतम लाभ लेने वाले पेटीएम से 1 अरब ट्रांजेक्शन किए गए. अब यदि जियो इसे खरीद लेती है, जोकि अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग लिमिटेड द्वारा सहयोग प्राप्त है, तो उसे 7.7 करोड़ से लेकर 17.7 करोड़ नए यूजर प्राप्त हो सकते हैं. जियो को अलीबाबा और इससे जुड़ी एंट फाइनैंशल से जुड़ने का भी लाभ होगा. इससे रिलायंस रीटेल लिमिटेड को भी बूस्ट मिल सकता है जबकि अलीबाबा को भी भारतीय बाजार में जगह बनाने में मदद मिलेगी.
एक अनुमान के मुताबिक, पेटीएम का वैल्यूएशन करीब 5 बिलियन डॉलर यानी 500 करोड़ डॉलर हो सकता है. लेकिन टेलिकॉम के क्षेत्र में भारत के इस सबसे अमीर आदमी ने जब 25 बिलियन डॉलर यानी 2500 करोड़ डॉलर लगा दिए तो यह रकम तो समंदर में बूंद के बराबर है.
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