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    Saturday 4 March 2017

    केंद्रीय जीएसटी तथा एकीकृत जीएसटी विधेयकों पर व्यापक रुप से सहमति लेकिन अंतिम मंजूरी मार्च के मध्य में -GST council approved central and unified gst bill

    नयी दिल्ली : जीएसटी परिषद की आज हुई बैठक में इस नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के लिए प्रस्तावित दो प्रमुख विधेयकों... केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी)और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी). की रुपरेखा पर सहमति रही लेकिन इस पर अंतिम मंजूरी मार्च के मध्य में ही मिलने की संभावना है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज राज्यों के वित्त मंत्रियों से मुलाकात की और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनाये गये जीएसटी विधेयक पर चर्चा की लेकिन राज्य जीएसटी विधेयक के संदर्भ में कोई चर्चा नहीं हुई.

    पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा,  राज्यों ने 26 बदलाव की मांग की थी जिसे केंद्र ने स्वीकार कर लिया है. यह भारत की संघीय व्यवस्था का गुण प्रदर्शित करता है. केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी)  और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) पर परिषद की मार्च के मध्य में होने वाली अगली बैठक में विचार किया जाएगा.  मित्रा ने आगे कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकारे ढाबा और छोटे रेस्तरां कारोबारियों के लिये एक निपटान योजना रखने पर सहमत हुए हैं.


    उन्होंने कहा, ‘‘राज्य यह मांग कर रहे थे कि ढाबा और छोटे रेस्तरां निपटारा योजना अपना सकते हैं. केंद्र इस पर सहमत हो गया है कि इन छोटे कारोबारी पर 5 प्रतिशत कर लगेगा और यह केंद्र एवं राज्यों के बीच बराबर बांटा जाएगा. दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि परिषद की आज की बैठक में केंद्रीय जीएसटी तथा एकीकृत जीएसटी विधेयकों पर व्यापक रुप से सहमति रही.


    उन्होंने कहा, ‘‘रीयल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए। हर कोई जानता है कि जमीन जायदाद के क्षेत्र में काफी कालाधन प्रयोग होता है. ऐसे में रीयल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने से कालाधन पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी. '' जम्मू कश्मीर के वित्त मंत्री हसीब द्राबू ने कहा कि विधेयकों में कुछ मामूली ‘संपादकीय बदलाव' की जरुरत है और उसे फिर से कानूनी विभाग को भेजा जाना है. मित्रा ने कहा कि आईजीएसटी कानून राज्य एवं केंद्र के अधिकारियों को एक-दूसरे के वर्ग में आने वाली इकाइयों की जांच का अधिकार देगा. उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘इस बात पर सहमति बनी कि राज्यों के पास केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आने वाली इकाइयों की जांच का अधिकार होगा। साथ ही, हम इसे अधिसूचना के रुप में नहीं चाहते. हम इसे कानून के अंदर ही रखना चाहते हैं ताकि भविष्य में कोई दूसरी परिषद आये और यह न कह दे कि राज्यों के पास यह अधिकार नहीं होगा.

    सहमति बनने के बाद एक जुलाई से जीएसटी के देश में लागू होने का रास्ता लगभग साफ हो गया है. राज्य जीएसटी (सीजीएसटी) के मसौदे को मंजूरी भी जल्दी मिलने वाली है, यह विधेयक राज्यों की विधानसभाओं द्वारा अनुमोदित किया जाएगा. एसजीएसटी के साथ यूटी-जीएसटी, सीजीएसटी विधेयक के तर्ज पर होगा, जीएसटी परिषद 16 मार्च को बैठक में इस पर विचार करेगी. सीजीएसटी, आईजीएसटी और यूटी-जीएसटी कानून को नौ मार्च से शुरु बजट सत्र के दूसरे चरण में संसद में रखा जाएगा.

    जेटली ने कहा है कि जीएसटी लागू करने के लिए एक जुलाई की सीमा संभव दिखती है. उन्होंने कहा कि शिखर दर अपेक्षाकृत ऊंची रखी जाएगी पर लागू की जाने वाली दरें 5,12, 18 और 28 ही रहेगी.


    जीएसटी परिषद की 11वीं बैठक में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी), राज्य जीएसटी (एसजीएसटी), एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) विधेयकों पर विचार-विमर्श किया. इस परिषद में केंद्रीय वित्त मंत्री तथा राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं. इस बीच राज्यों व केंद्र के अधिकारियों की समिति की बैठक गुरुवार को ही हो चुकी है, जिसमें विधि मंत्रालय के विचार पर चर्चा की गयी थी.
    बता दें कि जीएसटी परिषद की पिछले महीने हुई बैठक में राज्यों को क्षतिपूर्ति संबंधी कानून को मंजूरी दी गयी. हालांकि, सीजीएसटी, एसजीएसटी, आईजीएसटी विधेयकों के आधा दर्जन प्रावधानों की कानूनी भाषा के चलते इन्हें मंजूरी नहीं दी जा सकी.

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