सानिया ने अपना पहला ग्रैंडस्लैम ऑस्ट्रेलियाई ओपन में ही जीता था. उन्होंने और हमवतन महेश भूपति ने 2009 में तब मिश्रित युगल का खिताब हासिल किया था. उन्होंने आखिरी ग्रैंडस्लैम खिताब भी पिछले साल हिंगिस के साथ महिला युगल में ऑस्ट्रेलियाई ओपन में ही जीता था. पहले दो अंक गंवाने के बाद डोडिग ने 30-30 के स्कोर पर डबल फाल्ट किया और फिर फोरहैंड बाहर मारकर मैच के पहले गेम में ही सर्विस गंवा दी.
काबेल और स्पीयर्स शुरू से ही बेहतरीन फार्म में थी और उन्होंने नेट पर भी शानदार खेल दिखाया. सानिया ने भी तीसरे गेम में अपनी सर्विस गंवा दी. वह काबेल की शानदार वॉली थी जो दोनों खिलाडियों से काफी पीछे पड़ी जिससे उन्होंने ब्रेक प्वाइंट हासिल किया. स्पीयर्स ने बैकहैंड सर्विस रिटर्न विनर जमाकर ब्रेक हासिल करके 3-0 की बढ़त बनायी.
काबेल और स्पीयर्स ने इसके बाद भी आसानी से अपनी सर्विस बचायी और स्कोर 4-0 कर दिया. डोडिग ने इसके बाद पांचवें गेम में अपनी सर्विस पर अंक बनाया जिससे इस दूसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी ने खाता खोला लेकिन तब तक नुकसान हो चुका था. पहले सेट में बने रहने के लिये सानिया 1-5 के स्कोर पर सर्विस कर रही थी. उन्होंने अपनी सर्विस बचाकर स्कोर 2-5 कर दिया. इसके बाद स्पीयर्स सेट के लिये सर्विस कर रही थी लेकिन उसने पहले दो अंक गंवा दिये जिससे स्कोर 0-30 हो गया.
इसके तुरंत बाद डोडिग ने फोरहैंड विनर लगाया जिससे यह टीम ब्रेक प्वाइंट तक पहुंची लेकिन वे इसका फायदा नहीं उठा पाये. सानिया ने निर्णायक अंक पर अपना बैकहैंड बाहर मार दिया और इस तरह से उन्होंने पहला सेट गंवा दिया. दूसरे सेट के शुरू में ही डोडिग अपनी सर्विस पर दबाव में आ गये थे. एक बार उनकी सर्विस टूटने की नौबत आ गयी थी लेकिन वह इसे बचाने में सफल रहे. इसके बाद सानिया और डोडिग ने अगले गेम में ब्रेक प्वाइंट लेकर स्कोर 2-0 कर दिया.
सानिया ने अपनी सर्विस आसानी से बचाकर जल्द ही स्कोर 3-0 करके वापसी के अच्छे संकेत दिये. सानिया ने हालांकि सातवें गेम में अपनी सर्विस गंवा दी जिससे काबेल और स्पीयर्स को वापसी का मौका मिल गया. भारतीय खिलाड़ी ने डबल फाल्ट किया जिससे उनकी प्रतिद्वंद्वी टीम को दो ब्रेक प्वाइंट मिल गये. स्पीयर्स ने सिर के उपर से शानदार वॉली जमाकर पहले ब्रेक प्वाइंट पर ही अंक बना दिया.
इसके बाद स्पीयर्स ने अपनी सर्विस बचायी और दोनों टीमें 4-4 से बराबरी पर आ गयी. डोडिग आज अपनी लय में नहीं थे और उन्होंने दो डबल फाल्ट किये. इनमें से दूसरा डबल फाल्ट ब्रेक प्वाइंट पर किया गया. इसके बाद काबेल ने अपनी सर्विस पर अंक बनाकर खिताब जीता.
काबेल और स्पीयर्स शुरू से ही बेहतरीन फार्म में थी और उन्होंने नेट पर भी शानदार खेल दिखाया. सानिया ने भी तीसरे गेम में अपनी सर्विस गंवा दी. वह काबेल की शानदार वॉली थी जो दोनों खिलाडियों से काफी पीछे पड़ी जिससे उन्होंने ब्रेक प्वाइंट हासिल किया. स्पीयर्स ने बैकहैंड सर्विस रिटर्न विनर जमाकर ब्रेक हासिल करके 3-0 की बढ़त बनायी.
काबेल और स्पीयर्स ने इसके बाद भी आसानी से अपनी सर्विस बचायी और स्कोर 4-0 कर दिया. डोडिग ने इसके बाद पांचवें गेम में अपनी सर्विस पर अंक बनाया जिससे इस दूसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी ने खाता खोला लेकिन तब तक नुकसान हो चुका था. पहले सेट में बने रहने के लिये सानिया 1-5 के स्कोर पर सर्विस कर रही थी. उन्होंने अपनी सर्विस बचाकर स्कोर 2-5 कर दिया. इसके बाद स्पीयर्स सेट के लिये सर्विस कर रही थी लेकिन उसने पहले दो अंक गंवा दिये जिससे स्कोर 0-30 हो गया.
इसके तुरंत बाद डोडिग ने फोरहैंड विनर लगाया जिससे यह टीम ब्रेक प्वाइंट तक पहुंची लेकिन वे इसका फायदा नहीं उठा पाये. सानिया ने निर्णायक अंक पर अपना बैकहैंड बाहर मार दिया और इस तरह से उन्होंने पहला सेट गंवा दिया. दूसरे सेट के शुरू में ही डोडिग अपनी सर्विस पर दबाव में आ गये थे. एक बार उनकी सर्विस टूटने की नौबत आ गयी थी लेकिन वह इसे बचाने में सफल रहे. इसके बाद सानिया और डोडिग ने अगले गेम में ब्रेक प्वाइंट लेकर स्कोर 2-0 कर दिया.
सानिया ने अपनी सर्विस आसानी से बचाकर जल्द ही स्कोर 3-0 करके वापसी के अच्छे संकेत दिये. सानिया ने हालांकि सातवें गेम में अपनी सर्विस गंवा दी जिससे काबेल और स्पीयर्स को वापसी का मौका मिल गया. भारतीय खिलाड़ी ने डबल फाल्ट किया जिससे उनकी प्रतिद्वंद्वी टीम को दो ब्रेक प्वाइंट मिल गये. स्पीयर्स ने सिर के उपर से शानदार वॉली जमाकर पहले ब्रेक प्वाइंट पर ही अंक बना दिया.
इसके बाद स्पीयर्स ने अपनी सर्विस बचायी और दोनों टीमें 4-4 से बराबरी पर आ गयी. डोडिग आज अपनी लय में नहीं थे और उन्होंने दो डबल फाल्ट किये. इनमें से दूसरा डबल फाल्ट ब्रेक प्वाइंट पर किया गया. इसके बाद काबेल ने अपनी सर्विस पर अंक बनाकर खिताब जीता.
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