-- चुनावी ‘दंगल‘ में ब्राह्मण समाज की हुंकार
-- सहारनपुर से लखनऊ तक बैठकों का दौर
-- भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा ने किया मंथन
-- ब्राह्मण महासभा की बैठक में भी हुई चर्चा
जन लीडर न्यूज़
सहारनपुर। चुनावी माहौल में ब्राह्मण समाज को एकजुट करने के प्रयास जोरों पर हैं। सहारनपुर से लेकर राजधानी लखनऊ तक इस दिशा में कवायद की जा रही है। इसी से जुड़े बेहद अहम घटनाक्रम के तहत, सहारनपुर में अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा की बैठक में विभिन्न पार्टियों और सामाजिक संगठनों से जुड़े ब्राह्मण प्रतिनिधियों ने एक स्वर से ऐलान किया कि, मतदान के लिए प्रत्याशी चयन में उसके चाल-चरित्र और क्षेत्रीय विकास में रुचि के साथ समाज हित में सकारात्मकता के भाव को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। ब्राह्मणत्व के गुण का ध्यान रखना भी नितांत आवश्यक होगा। वहीं, लखनऊ में आयोजित अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा (राष्ट्रीय) की बैठक में तय हुआ कि, संगठन पांच फरवरी को स्पष्ट करेगा कि, इस बार किस राजनीतिक दल या प्रत्याशी को समर्थन दिया जाएगा ?
चुनावी माहौल में ब्राह्मण समाज के आंतरिक गलियारों में जबरदस्त हलचल का माहौल है। तमाम छोटे-बड़े संगठन पुरजोर कोशिश कर रहे हैं कि, इस बार लीक से अलग हटकर पूरी बिरादरी को न केवल एकजुट रखा जा सके बल्कि, यह भी समय रहते तय हो जाए कि, इस बार समाज किस प्रत्याशी को अपना समर्थन देगा। इसके लिए, बाकायदा विभिन्न प्रकार के प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें ब्राह्मण समाज के हित को सर्वोपरि रखा गया है। इसी सिलसिले के तहत, सोमवार को सहारनपुर की पैरामाउंट काॅलोनी में आयोजित अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा की बेहद महत्वपूर्ण बैठक में समाज के प्रबुद्ध एवं प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों ने गर्मजोशी के साथ सहभागिता की। इस दौरान, पूरी चुनाव प्रक्रिया व वर्तमान परिदृश्य में उभरकर सामने आई राजनीतिक संरचना पर गहन विचार विमर्श किया गया। अंततः सर्वसम्मति के आधार पर दो प्रस्ताव मुख्य रूप से पारित किए गए। इनके तहत, तय हुआ कि भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए समाज के स्तर से शत प्रतिशत मतदान सुनिश्चित किया जाएगा। जबकि, इसी क्रम में पारित किए गए दूसरे प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया कि, ‘मतदान के लिए प्रत्याशी के चयन की प्रक्रिया में संबंधित दावेदारों के चाल-चरित्र, क्षेत्र के विकास में उसकी रुचि और समाज हित में सकारात्मक दृष्टिकोण सहित ब्राह्मणत्व के गुण को बेहद बारीकी से देखा-परखा जाएगा।‘ दोनों प्रस्ताव के संदर्भ में अलग अलग पार्टियों से ताल ठोक रहे प्रत्याशियों को लेकर गहन चर्चा भी की गई। इससे कई अहम संकेत भी उभरकर आए, जिससे आने वाले दिनों में सहारनपुर नगर सहित जिले की विभिन्न सीटों पर राजनीतिक समीकरणों में जातिगत समीकरणों से बड़ा बदलाव आने के आसार अब साफ नजर आने लगे हैं। हालांकि, संगठन के स्तर से इस बाबत फिलहाल आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया। विपिन शर्मा के संचालन में आयोजित बैठक में अमर शर्मा, पूर्व डीजीसी गोकरणदत्त शर्मा, डाॅ. हर्षवर्धन, हरिओम मिश्रा, अनेश शर्मा, राकेश दीक्षित, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा, केके शर्मा, मनमोहन शर्मा, अर्जुन पंडित, राहुल शर्मा, संजय शर्मा, अशोक शर्मा आदि ने विचार रखे। रामपाल, सतीश शर्मा, मनोज शर्मा, गौरव कपिल, शिवम शर्मा, राजीव शर्मा, राहुल और अंकित शर्मा आदि मौजूद रहे।
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ब्राह्मण महासभा पांच फरवरी को खोलेगी पत्ते
सहारनपुर। ब्राह्मण समाज को एकजुट करने के साथ ही इस बार चुनावी परिदृश्य में समन्वित राय तैयार करने की गरज से अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा (राष्ट्रीय) की कार्यसमिति ने गहन मंथन किया। इस दौरान, महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष व पश्चिमी प्रदेश प्रभारी अंकित शर्मा सहित सभी पदाधिकारियों ने चुनाव को लेकर सामाजिक स्तर पर कायम उथल-पुथल की स्थिति के चलते तय किया कि, पांच फरवरी को प्रस्तावित बैठक में राजनीतिक दलों या उमीदवारों के समर्थन को लेकर सांगठनिक स्तर से स्थिति स्पष्ट की जाएगी।
सूबे की राजधानी लखनऊ में विधानसभा के नजदीक स्थित विधायक गेस्ट हाउस के कॉमन हाॅल में आयोजित महासभा की अहम बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष अंकित शर्मा ने कहा कि, 2017 के चुनाव में ब्राह्मण समाज के प्रबुद्ध मतदाता ही निर्णायक भूमिका में रहने वाले हैं। जो दल या उम्मीदवार ब्राह्मण समाज के अधिकार की लड़ाई लड़ने और उचित सम्मान देने का कार्य करेगा, उसके सर ही ताज सजेगा। संगठन की ओर से समाज हित के लिए प्रतिबद्ध प्रत्याशियों या दलों को समर्थन दिया जायेगा।युवा नेता अंकित शर्मा ने पुरजोर तरीके से अपनी बात रखते हुए कहा कि, लंबे वक्त से ब्राह्मणों को विभिन्न सियासी पार्टियों द्वारा कदम-कदम पर छला जा रहा है। ब्राह्मणों का शोषण रुकने का नाम नहीं ले रहा। लेकिन, यह सिलसिला अब और अधिक बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। समूचा समाज एकजुट होकर ईंट का जवाब अब वोट की चोट से करने के लिए पूरी तरह लामबंद हो चुका है। उन्होंने व बैठक में जुटे सभी पदाधिकारियों ने पूरे समाज से चुनाव के लिए कमर कसने को कहा। तय हुआ कि, संगठन के आह्वान पर ब्राह्मण समाज जल्द ही दल-बल के साथ चुनावी मैदान में उतरकर अहम भूमिका निभाएगा। इसी दौरान, अंकित शर्मा ने सचेत किया कि, कुछ राजनीतिक पार्टियों द्वारा एक ही विधानसभा से दो-दो ब्राह्मण उम्मीदवार उतारे जा रहे हैं। इसके पीछे सुनियोजित राजनीतिक एजेंडा ब्राह्मणों को कमजोर करना भर है। लेकिन एकजुटता कायम रखकर ऐसा किसी कीमत पर नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि, वे वेस्ट यूपी के 22 जिलों में लगातार सक्रिय हैं और हर हाल में पूरे समाज को एकजुट रखने में कहीं कोई कोर-कसर नहीं रख छोड़ेंगे। इसी नजरिए के साथ पांच फरवरी को प्रस्तावित बैठक में राजनीतिक दलों या उमीदवारों के समर्थन को लेकर सांगठनिक स्तर से स्थिति स्पष्ट की जाएगी।
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