छोटी-मोटी बचत जमा करने के लिए अब आप नजदीक के डाक घर की सेवाएं ले सकते हैं. भारती और पेटीएम के बाद भारतीय डाक को भी भारतीय रिजर्व बैंक ने भुगतान बैंक का लाइसेंस दे दिया है. रिजर्व बैंक ने भुगतान बैंकों को एक व्यक्ति या कारोबारी इकाई से ज्यादा से ज्यादा एक लाख रूपये तक की जमा राशियां स्वीकार करने की छूट दी है.
बैंक सेवाओं के विस्तार के इस मॉडल में मोबाइल फोन सेवा कंपनियों और सुपर-मार्केट श्रृंखला कंपनियों को व्यक्तियों और छोटे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की कारोबार की लेन-देन की जरूरतों को सुगम बनाने के लिए इस तरह के बैंक चालू करने की अनुमति देने का प्रावधान है. ये बैंक छोटी राशि की जमाएं लेने और पैसा ट्रांसफर करने जैसी सेवाएं देंगे. ये इंटरनेट बैंकिंग और कुछ अन्य सेवाएं भी दे सकेंगे.
भारतीय डाक का भुगतान बैंक गांवों, कस्बों और दूरदराज के इलाकों में बैंकिंग सुविधाओं से वंचित तथा कम बैंकिंग वाले इलाकों में भुगतान बैंक के जरिए लोगों में अपनी पैठ बनाएगा. भारतीय डाक के ये बैंक 'भारतीय डाक भुगतान बैंक' के नाम से जाने जाएंगे. भारतीय डाक की पूरे देश में 1 लाख, 54 हज़ार, 939 शाखाएं हैं और इनमें करीब 1.40 लाख शाखाएं ग्रामीण इलाकों में हैं.
2015 में केंद्रीय बैंक ने 11 भुगतान बैंक शुरू करने की योजना मंजूर की थी. इनमें एयरटेल एम कॉमर्स लिमिटेड और पेटीएम को पहले ही लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं.
यह एक तरह का आम बैंक ही है, लेकिन इसकी सेवाएं सीमित हैं. ये बैंक ग्राहकों से जमा ले सकते हैं किंतु लोन नहीं दे सकते. ये बैंक अपने ग्राहक से एक लाख रुपये तक की राशि जमा कर सकते हैं. ये एटीएम/डेबिट कार्ड जारी करेंगे, लेकिन क्रेडिट कार्ड नहीं. ये अपने ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग के द्वारा भुगतान और धन भेजने की सेवाएं मुहैया करा सकते हैं.
बैंक सेवाओं के विस्तार के इस मॉडल में मोबाइल फोन सेवा कंपनियों और सुपर-मार्केट श्रृंखला कंपनियों को व्यक्तियों और छोटे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की कारोबार की लेन-देन की जरूरतों को सुगम बनाने के लिए इस तरह के बैंक चालू करने की अनुमति देने का प्रावधान है. ये बैंक छोटी राशि की जमाएं लेने और पैसा ट्रांसफर करने जैसी सेवाएं देंगे. ये इंटरनेट बैंकिंग और कुछ अन्य सेवाएं भी दे सकेंगे.
भारतीय डाक का भुगतान बैंक गांवों, कस्बों और दूरदराज के इलाकों में बैंकिंग सुविधाओं से वंचित तथा कम बैंकिंग वाले इलाकों में भुगतान बैंक के जरिए लोगों में अपनी पैठ बनाएगा. भारतीय डाक के ये बैंक 'भारतीय डाक भुगतान बैंक' के नाम से जाने जाएंगे. भारतीय डाक की पूरे देश में 1 लाख, 54 हज़ार, 939 शाखाएं हैं और इनमें करीब 1.40 लाख शाखाएं ग्रामीण इलाकों में हैं.
2015 में केंद्रीय बैंक ने 11 भुगतान बैंक शुरू करने की योजना मंजूर की थी. इनमें एयरटेल एम कॉमर्स लिमिटेड और पेटीएम को पहले ही लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं.
यह एक तरह का आम बैंक ही है, लेकिन इसकी सेवाएं सीमित हैं. ये बैंक ग्राहकों से जमा ले सकते हैं किंतु लोन नहीं दे सकते. ये बैंक अपने ग्राहक से एक लाख रुपये तक की राशि जमा कर सकते हैं. ये एटीएम/डेबिट कार्ड जारी करेंगे, लेकिन क्रेडिट कार्ड नहीं. ये अपने ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग के द्वारा भुगतान और धन भेजने की सेवाएं मुहैया करा सकते हैं.
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