शिलांग: मेघालय के राज्यपाल वी. षणमुगनाथन ने इस्तीफा दे दिया है. उनके स्टाफ के करीब 100 लोगों ने कथित तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखकर उनकी शिकायत की थी. इसमें उन्होंने लिखा था कि राज्यपाल राजभवन की गरिमा से समझौता कर रहे हैं और उन्होंने इसे 'यंग लेडीज क्लब' बना दिया है.अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल का भी अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे षणमुगनाथन ने इन आरोपों को खंडन किया है उन्होंने स्थानीय दैनिक 'शिलॉग टाइम्स' से बुधवार को कहा था, 'ये सारी बातें सही नहीं हैं. हमने सिर्फ एक उम्मीदवार का चयन किया. जिन लोगों का चयन नहीं हुआ, उन्हें ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए.'
स्टाफ के 98 लोगों का हस्ताक्षर किया खत सोशल मीडिया में जारी हुआ है, जिसमें उनके व्यवहार को लेकर तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं. इसमें यौन दुराचार से लेकर स्टाफ और अधिकारियों का उत्पीड़न भी शामिल है.
67 साल के षणमुगनाथन पर सिर्फ महिलाओं की नियुक्ति करने का आरोप है और कथित तौर पर राज्यपाल के आदेशानुसार महिलाओं की आवाजाही बेरोक-टोक है.
मीडिया रिपोर्टों में एक महिला के बयान का उल्लेख था, जो नौकरी की तलाश में राजभवन आई थी. महिला ने आरोप लगाया था कि वह जब राजभवन में साक्षात्कार देने आई थी, तो राज्यपाल ने उसके साथ अनुचित व्यवहार किया था.
मई 2015 में मेघालय के राज्यपाल के रूप में शपथ लेने वाले षण्मुगनाथन ने गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश में गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया था. गुरुवार को दिन में मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने कहा था कि वह इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्रालय के फैसले का इंतजार करेंगे. वहीं उम्मीद जताई जा रही है कि षणमुगनाथन आज दिल्ली आ सकते हैं.
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