टीम इंडिया रविवार को नागपुर में इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज बचाने के लिए उतरेगी.यह दूसरा मुकाबला कप्तान विराट कोहली के लिए करो या मरो वाला होगा. नए रूप में सामने आए अंग्रेजों के विरुद्ध विराट को टीम संयोजन पर ध्यान देना होगा. पहले टी-20 में इंग्लैंड से मिली हार के बाद टीम इंडिया के समक्ष एकमात्र चुनौती सीरीज को जीवंत बनाए रखने की होगी.
द्वीपक्षीय सीरीज की बात करें, तो आखिरी बार भारत ने अक्टूबर 2015 में अपनी पर धरती सीरीज गंवाई थी, जब उसे द. अफ्रीका के खिलाफ 2-3 से वनडे सीरीज में हार मिली थी. उसी महीने द. अफ्रीका के हाथों टीम इंडिया ने टी-20 सीरीज भी 0-2 से गंवाई थी.
कप्तान के रूप में भारत में कोई भी सीरीज नहीं हारे विराट के लिए इसलिए भी संभलने का मौका है, क्योंकि उनकी कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ लगातार दो मुकाबले गंवाए हैं. दूसरी तरफ, टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में न्यूजीलैंड के हाथों यहां वीडीसीए स्टेडियम में मिली हार की बुरी यादें भारतीयों के दिमाग में अब भी ताजा होंगी, जब भारत का मजबूत बल्लेबाजी क्रम कीवी फिरकी गेंदबाजों मिचेल सैंटनर और ईश सोढ़ी के सामने लड़खड़ा गया था.
द्वीपक्षीय सीरीज की बात करें, तो आखिरी बार भारत ने अक्टूबर 2015 में अपनी पर धरती सीरीज गंवाई थी, जब उसे द. अफ्रीका के खिलाफ 2-3 से वनडे सीरीज में हार मिली थी. उसी महीने द. अफ्रीका के हाथों टीम इंडिया ने टी-20 सीरीज भी 0-2 से गंवाई थी.
कप्तान के रूप में भारत में कोई भी सीरीज नहीं हारे विराट के लिए इसलिए भी संभलने का मौका है, क्योंकि उनकी कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ लगातार दो मुकाबले गंवाए हैं. दूसरी तरफ, टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में न्यूजीलैंड के हाथों यहां वीडीसीए स्टेडियम में मिली हार की बुरी यादें भारतीयों के दिमाग में अब भी ताजा होंगी, जब भारत का मजबूत बल्लेबाजी क्रम कीवी फिरकी गेंदबाजों मिचेल सैंटनर और ईश सोढ़ी के सामने लड़खड़ा गया था.
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