कानपुर. रक्षा मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में सितंबर 2016 में हुए आतंकी हमले के बाद बड़ा सबक लिया है. सेना के कैंप में आग लगा दी गई थी. इस घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए आयुध निर्माणी बोर्ड ने आयुध उपस्कर निर्माणी कानपुर को "फायर रेजिस्ट फैब्रिक" (आग से बचने का विशेष कपड़ा) तकनीक से टेंट का उत्पादन करने के आदेश दिए हैं. रिसर्च भी पूरा कर लिया गया है. इस विशेष टेंट के उत्पादन की तैयारी अब बड़े पैमाने पर की जा रही है.
आग थी शहादत का कारण
उरी हमले के बाद रक्षा मंत्रालय ने आयुध निर्माणी बोर्ड को गोपनीय रिपोर्ट भेजी. इसमें लिखा कि शहीद हुए 18 सैनिकों में ज्यादातर की शहादत का कारण आतंकियों की गोली नहीं बल्कि टेंट में आग लगना था. इस रिपोर्ट के आधार पर आयुध निर्माण बोर्ड ने ओईएफ कानपुर को "फायर रेजिस्ट फैब्रिक" से टेंट का उत्पादन करने का निर्देश दिया.
टेंट को छू भी नहीं सकेगी आग
ओईएफ के रिसर्च एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने नई तकनीक पर शोध पूरा कर लिया है. जल्द ही इसका ट्रायल सेना करेगी. इसके बाद टेंट उत्पादन की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा. इस तकनीक से बनी हुई टेंट में आग बिल्कुल नहीं पकड़ेगी. ओईएफ के वरिष्ठ महाप्रबंधक डीके श्रीवास्तव ने बताया कि आर एंड डी विंग ने काम लगभग पूरा कर लिया है. जल्द ही हम इसका उत्पादन शुरू करने जा रहे हैं. इससे सेना को आग से बचाने की दिशा में काम हो सकेगा.
सेना को भेजी एक हजार अंगीठी
आयुध उपस्कर निर्माणी ने सेना को हीटर स्पेस ऑयल बर्निंग (अंगीठी) का उत्पादन पूरा कर लिया है. यह सभी उत्पाद सेना को भी सौंप दिए गए हैं. जबकि, अर्द्ध सैनिक बलों को एक हजार अंगीठी देने का काम ओईएफ प्रबंधन ने तेजी से शुरू कर दिया है. पूरा आर्डर मार्च 2017 तक पूरा कर लिया जाएगा.
वाटर प्रूफ बैग किट का ट्रायल शुरू
ओईएफ द्वारा तैयार वाटर प्रूफ बैग किट मार्क टू का ट्रायल शुरू हो चुका है. सेना इसका परीक्षण करने लगी है कि क्या यह उनके लिए फिट बैठ रहा है या नहीं. सूत्रों की मानें तो सेना को यह उत्पाद पसंद आया है और वह ओईएफ को बड़ा आर्डर देने का मन बना चुकी है.
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