केंद्र सरकार एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में नौकरीपेशा लोगों को इनकम टैक्स में छूट की सौगात दे सकती है. सूत्रों के मुताबिक इस बात की बहुत संभावना है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने बजट भाषण में टैक्स छूट की लिमिट 2.5 लाख से बढ़ाने का ऐलान करें. यही नहीं कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर लगने वाला टैक्स भी खत्म या कम किया जा सकता है.
साउथ ब्लॉक के सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय लोगों की ओर से लगातार उठाई जा रही टैक्स छूट की मांग के प्रति गंभीर है. इसके चलते आगामी बजट में टैक्स स्लैब की समीक्षा की जा सकती है. अगर ऐसा हुआ तो अब तक आयकर छूट की ढाई लाख रुपये की सीमा को आगे बढ़ाया जा सकता.
सूत्रों के मुताबिक केन्द्र सरकार कैशलेस व्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए आगामी बजट में डेबिट और क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले चार्ज को कम करने पर विचार कर रही है. इससे पहले चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में बनी मुख्यमंत्रियों की समिति ने रिजर्व बैंक और केन्द्र सरकार से एमडीआर चार्ज खत्म करने की सिफारिश की थी. इस समिति की रिपोर्ट पर सरकार विचार कर रही है और सूत्रों के मुताबिक आगामी बजट में केन्द्र सरकार समिति की कुछ सिफारिशों को लागू करने घोषणा कर सकती है.
हालांकि वित्त मंत्रालय की तरफ से संकेत मिला है कि वह जंक टैक्स अथवा फैट टैक्स लगाने पर विचार नहीं कर रही है.
साउथ ब्लॉक के सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय लोगों की ओर से लगातार उठाई जा रही टैक्स छूट की मांग के प्रति गंभीर है. इसके चलते आगामी बजट में टैक्स स्लैब की समीक्षा की जा सकती है. अगर ऐसा हुआ तो अब तक आयकर छूट की ढाई लाख रुपये की सीमा को आगे बढ़ाया जा सकता.
सूत्रों के मुताबिक केन्द्र सरकार कैशलेस व्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए आगामी बजट में डेबिट और क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले चार्ज को कम करने पर विचार कर रही है. इससे पहले चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में बनी मुख्यमंत्रियों की समिति ने रिजर्व बैंक और केन्द्र सरकार से एमडीआर चार्ज खत्म करने की सिफारिश की थी. इस समिति की रिपोर्ट पर सरकार विचार कर रही है और सूत्रों के मुताबिक आगामी बजट में केन्द्र सरकार समिति की कुछ सिफारिशों को लागू करने घोषणा कर सकती है.
हालांकि वित्त मंत्रालय की तरफ से संकेत मिला है कि वह जंक टैक्स अथवा फैट टैक्स लगाने पर विचार नहीं कर रही है.
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