लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 'महागठबंधन' का ऐलान आज हो सकता है। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय लोक दल को जितनी सीटें समाजवादी पार्टी दे रही है उससे वह ज्यादा सीटों की मांग कर रही है। यह भी खबर आ रही है कि समाजवादी पार्टी ने इस पेंच के मद्देनजर कांग्रेस को अपनी कुछ सीटें राष्ट्रीय लोक दल को देने को कहा है। ऐसा लगता है कि सीटों के बंटवारे को लेकर पेंच फंस गया है जिससे गठबंधन को लेकर ऐलान में देरी हो रही है। इस बीच राष्ट्रीय लोक दल के मुखिया अजीत सिंह अपनी उम्मीदवारों की सूची का आज ऐलान कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए ‘महागठबंधन’ बनने में हो रही देरी के लिए सीटों के बंटवारे पर चल रही खींचतान को बड़ी वजह माना जा रहा है । कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने कल इस बात के संकेत उस वक्त दिए जब उन्होंने कहा कि भाजपा विरोधी गठबंधन का ब्योरा घोषित करने में ‘‘100 घंटे का वक्त भी लग सकता है ।’ यहां कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों ने जब संभावित गठबंधन के बारे में कई सवाल किए तो आजाद ने सिर्फ इतना कहा, ‘इसमें 48 घंटे भी लग सकते हैं और 100 घंटे भी लग सकते हैं ।’ आजाद ने और सवालों के जवाब देने से इनकार कर दिया ।
उत्तर प्रदेश मामलों के प्रभारी महासचिव आजाद का बयान उनकी कल की उस टिप्पणी से अलग है जिसमें उन्होंने कहा था कि गठबंधन के ब्योरे पर अगले दो दिन में फैसला हो जाएगा । कल आजाद ने कहा था कि कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है और इसके ब्योरे की घोषणा अगले दो दिन में कर दी जाएगी ।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी कहा था कि कांग्रेस के साथ गठबंधन पर फैसला ‘एक-दो दिन में’ कर लिया जाएगा । गठबंधन तय करने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं । इसी कवायद के तहत कांग्रेस को अखिलेश की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी 90 से 100 सीटों की पेशकश कर रही है । समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय लोक दल को भी इस गठजोड़ में शामिल करने की कोशिश कर रही है ।
उत्तर प्रदेश में कुल 403 विधानसभा सीटें हैं और गठबंधन की सूरत में सबसे ज्यादा सीटों पर अखिलेश की पार्टी लड़ेगी ।
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित ज्यादातर विपक्षी पार्टियों का मानना है कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा को उत्तर प्रदेश में रोकना जरूरी है, क्योंकि इस राज्य के विधानसभा चुनावों के परिणाम का अगले लोकसभा चुनाव पर काफी असर पड़ने की संभावना है ।
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित ज्यादातर विपक्षी पार्टियों का मानना है कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा को उत्तर प्रदेश में रोकना जरूरी है, क्योंकि इस राज्य के विधानसभा चुनावों के परिणाम का अगले लोकसभा चुनाव पर काफी असर पड़ने की संभावना है ।
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