नई दिल्ली: यूपी विधानसभा चुनावों के मद्देजर राज्य में महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है। अजीत सिंह की अगुवाई वाली पार्टी राष्ट्रीय लोक दल के साथ अब समाजवादी पार्टी और कांग्रेस से गठबंधन नहीं होगा। अब सिर्फ समाजवादी पार्टी का कांग्रेस के साथ ही गठबंधन होगा। समाजवादी पार्टी के उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने इसे लेकर आज घोषणा की।
किरणमय नंदा ने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल से सपा का कोई गठबंधन नहीं होगा, केवल कांग्रेस से तालमेल होगा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी 300 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बाकी की अन्य सीटें कांग्रेस को मिलेंगी। साथ ही उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी का अन्य किसी भी क्षेत्रिय पार्टियों से भी गठबंधन नहीं होगा। जल्द ही कांग्रेस के साथ गठबंधन का ऐलान हो जाएगा। सपा का कांग्रेस के साथ गठबंधन की अधिकारिक रुप से घोषणा होनी अभी बाकि है। हालांकि राष्ट्रीय लोक दल के गठबंधन से अलग होने की स्थिति अब इसका ऐलान कभी भी हो सकता है।
दरअसल इससे पहले के घटनाक्रम में राष्ट्रीय लोक दल को जितनी सीटें समाजवादी पार्टी दे रही थी उससे वह ज्यादा सीटों की मांग कर रही थी। सीटों के बंटवारे पर खींचतान बढ़ा और कल महागठबंधन का ऐलान नहीं हो सका। यह भी खबर आई कि समाजवादी पार्टी ने इस पेंच के मद्देनजर कांग्रेस को अपनी कुछ सीटें राष्ट्रीय लोक दल को देने को कहा।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी कहा था कि कांग्रेस के साथ गठबंधन पर फैसला ‘एक-दो दिन में’ कर लिया जाएगा । गठबंधन तय करने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं । इसी कवायद के तहत कांग्रेस को अखिलेश की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी 90 से 100 सीटों की पेशकश कर रही है । समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय लोक दल को भी इस गठजोड़ में शामिल करने की कोशिश की लेकिन सीटों को लेकर बात अटक गई और अंत में राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन में शामिल नहीं हुआ।
उत्तर प्रदेश में कुल 403 विधानसभा सीटें हैं और गठबंधन की सूरत में सबसे ज्यादा सीटों पर अखिलेश की पार्टी लड़ेगी । कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित ज्यादातर विपक्षी पार्टियों का मानना है कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा को उत्तर प्रदेश में रोकना जरूरी है, क्योंकि इस राज्य के विधानसभा चुनावों के परिणाम का अगले लोकसभा चुनाव पर काफी असर पड़ने की संभावना है ।
किरणमय नंदा ने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल से सपा का कोई गठबंधन नहीं होगा, केवल कांग्रेस से तालमेल होगा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी 300 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बाकी की अन्य सीटें कांग्रेस को मिलेंगी। साथ ही उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी का अन्य किसी भी क्षेत्रिय पार्टियों से भी गठबंधन नहीं होगा। जल्द ही कांग्रेस के साथ गठबंधन का ऐलान हो जाएगा। सपा का कांग्रेस के साथ गठबंधन की अधिकारिक रुप से घोषणा होनी अभी बाकि है। हालांकि राष्ट्रीय लोक दल के गठबंधन से अलग होने की स्थिति अब इसका ऐलान कभी भी हो सकता है।
दरअसल इससे पहले के घटनाक्रम में राष्ट्रीय लोक दल को जितनी सीटें समाजवादी पार्टी दे रही थी उससे वह ज्यादा सीटों की मांग कर रही थी। सीटों के बंटवारे पर खींचतान बढ़ा और कल महागठबंधन का ऐलान नहीं हो सका। यह भी खबर आई कि समाजवादी पार्टी ने इस पेंच के मद्देनजर कांग्रेस को अपनी कुछ सीटें राष्ट्रीय लोक दल को देने को कहा।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी कहा था कि कांग्रेस के साथ गठबंधन पर फैसला ‘एक-दो दिन में’ कर लिया जाएगा । गठबंधन तय करने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं । इसी कवायद के तहत कांग्रेस को अखिलेश की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी 90 से 100 सीटों की पेशकश कर रही है । समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय लोक दल को भी इस गठजोड़ में शामिल करने की कोशिश की लेकिन सीटों को लेकर बात अटक गई और अंत में राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन में शामिल नहीं हुआ।
उत्तर प्रदेश में कुल 403 विधानसभा सीटें हैं और गठबंधन की सूरत में सबसे ज्यादा सीटों पर अखिलेश की पार्टी लड़ेगी । कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित ज्यादातर विपक्षी पार्टियों का मानना है कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा को उत्तर प्रदेश में रोकना जरूरी है, क्योंकि इस राज्य के विधानसभा चुनावों के परिणाम का अगले लोकसभा चुनाव पर काफी असर पड़ने की संभावना है ।
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