-- फिर सवालों से घिरी नगर निगम की कार्यप्रणाली-- 16 साल पहले मृत व्यक्ति के नाम नोटिस जारी -- परिजन परेशान, समस्या का नहीं हो रहा निदान
अमित गुप्ता
सहारनपुर। नगर निगम अपने कृत्यों के लिये समय-समय पर सुर्खियों में आता रहा है। इसी क्रम में, एक बार फिर नगर निगम की बेहद गंभीरर और संवेदनशील गलती जगजाहिर हुई है। निगम ने 16 वर्ष पूर्व परलोक सिधार चुके एक व्यक्ति के नाम ही उसके घर पर नोटिस भेज दिया। इसे देखकर मृतक के परिजनों के होश उड़ गये। आनन-फानन में परिजन नगर निगम में संबंधित अधिकारियों से मिले तो देर तक इधर-उधर दौडने के बावजूद मामले में कोई हल न निकल पाया।
मामला थाना जनकपुरी क्षेत्र स्थित न्यू नंद विहार निवासी स्वर्गीय रणजीत सिंह के परिवार का है। हाल में, नगर निगम की ओर से उनके घर पर चार नोटिस भेज दिए गए। हैरानी की बात यह है कि इन चारों नोटिस में एक नोटिस मृतक स्वर्गीय रणजीत सिंह के नाम जारी किया गया है। मृतक के नाम का नोटिस देखकर उनके परिजन घबरा गये और उन्होंने तुरंत नगर निगम का रुख किया। परिजनों ने इस बाबत, संबंधित अधिकारियों से बात की तो उन्होंने सफाई देते हुए बताया कि, दरअसल हाऊस टैक्स में नाम जोड़ने के लिये दिए जाने वाले ऐसे नोटिस में मृतक के नाम पर भी नोटिस दिया जाता है। चूंकि, यह मामला मृतक रणजीत के पुत्र त्रिभुवन ने दर्ज किया है। लिहाजा, इसी आधार पर नोटिस जारी किया गया।
काबिल-ए-गौर पहलू यह है कि, रणजीत की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी 65 वर्षीय विजयबाला के नाम कई वर्ष से हाउस टैक्स का बिल आ रहा है। विजयबाला का कहना है कि, वह जीवित रहते हुए आखिर किस प्रकार अपने बेटों के नाम संपत्ति कर सकती हैं। वह भी तब, जब उनके पति ने एक बेटे को अपने मरने से पहले ही संपत्ति से बेदखल कर दिया था। बकौल विजयबाला, इसके बावजूद बेटा बार-बार किसी न किसी तरीके से उन्हें परेशान करता रहता है। आरोप लगाया कि, इसी सिलसिले के तहत, एक बार फिर उसने सुनियोजित ढंग से नगर निगम के मार्फत स्वर्गीय पिता के नाम नोटिस जारी कराया है। विजयबाला का आरोप है कि, उसकी ओर से इस मामले में नगर निगम में आपत्ति भी डाली गई थी, जिसकी सूचना संबंधित कर्मचारियों द्वारा दूसरे पक्ष को दे दी गई। इसके चलते दूसरा पक्ष भी नगर निगम पहुंच गया, जहां दोनों पक्षों की ओर से जमकर हंगामा हुआ। उधर, इस संबंध में नगर आयुक्त ओपी वर्मा का स्पष्ट कहना है कि, मामला हाऊस टैक्स विभाग का है। उसी के स्तर पर इसकी सही जानकारी सामने आ सकेगी।
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पहले भी हुए कारनामे
सहारनपुर। यह पहला वाकया नहीं है, जब नगर निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली पर इस तरह सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। कुछ ही वक्त पहले निगम के अमले पर पाकिस्तान की विदेश मंत्री और वहीं की एक चर्चित मीडिया शख्सियत के नाम पर सर्टिफिकेट जारी करने के बेहद गंभीर आरोप लगे थे। प्रधानमंत्री के नाम पर भी निगम की ओर से कागजात बना दिए गए थे। ये और ऐसे तमाम मामलों को लेकर ही निगम का पूरा अमला आए दिन कटघरे में खड़ा नजर आता है।
Government and Public, Report by Amit Gupta |
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