नई दिल्ली : जल्द ही आप अपने स्मार्टफोन को दिल्ली मेट्रो में टोकन की तरह इस्तेमाल कर सकेंगे। दिल्ली मेट्रो जल्द 'क्विक रिस्पॉन्स' (QR) पर आधारित कोड-बेस्ड टिकटिंग सिस्टम लाने जा रहा है। शुरुआत में यह सुविधा जामा मस्जिद और लाल किला स्टेशनों पर उपलब्ध होंगी। उपभोक्ता इन दोनों स्टेशनों पर टोकन खरीदने की जगह ई-टिकट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के प्रवक्ता अनुज दयाल ने कहा कि यह व्यवस्था फिलहाल प्रयोग के तौर पर की जा रही है। इसे अगले महीने से शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'दोनों स्टेशनों के एक द्वार पर इन ई-टिकटों को इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस प्रयोग के नतीजों के आधार पर हम फैसला करेंगे कि यह सुविधा पूरी तरह से शुरू की जाए या नहीं।'
फरवरी में दिल्ली मेट्रो के ITO से कश्मीरी गेट की नई हेरिटेज लाइन शुरू होने के बाद ही इस ई-टिकटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जा सकेगा। अधिकारियों का कहना है कि QR कोड-बेस्ड टिकटिंग सिस्टम स्मार्ट कार्ड्स की जगह ले ले, इस बात की संभावना नहीं है। मौजूदा समय में करीब 70 फीसदी मेट्रो यात्री स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। दयाल ने कहा, 'अगर ई-टिकट व्यवस्था सफल साबित होती है, तब भी इसे स्मार्ट कार्ड की जगह नहीं लाया जा सकता है। इसका कारण यह है कि इंटरनेट के द्वारा भुगतान की स्पीड काफी कम होती है। हां, इतना जरूर हो सकता है कि ई-टिकटिंग को टोकन की जगह लागू कर दिया जाए।'QR कोड-बेस्ड टिकट्स उसी तरह काम करेंगे जैसे कि फिल्म देखने के लिए बुक कराए गए ई-टिकट काम करते हैं। इस व्यवस्था में यात्री ऑनलाइन टिकट खरीदेंगे, जिससे कि उन्हें एक टिकट की जगह एक कोड मिलेगा। स्टेशन के द्वार पर लगी QR कोड रीडिंग मशीन स्मार्टफोन के माध्यम से इस कोड को पढ़ लेगी।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के प्रवक्ता अनुज दयाल ने कहा कि यह व्यवस्था फिलहाल प्रयोग के तौर पर की जा रही है। इसे अगले महीने से शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'दोनों स्टेशनों के एक द्वार पर इन ई-टिकटों को इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस प्रयोग के नतीजों के आधार पर हम फैसला करेंगे कि यह सुविधा पूरी तरह से शुरू की जाए या नहीं।'
फरवरी में दिल्ली मेट्रो के ITO से कश्मीरी गेट की नई हेरिटेज लाइन शुरू होने के बाद ही इस ई-टिकटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जा सकेगा। अधिकारियों का कहना है कि QR कोड-बेस्ड टिकटिंग सिस्टम स्मार्ट कार्ड्स की जगह ले ले, इस बात की संभावना नहीं है। मौजूदा समय में करीब 70 फीसदी मेट्रो यात्री स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। दयाल ने कहा, 'अगर ई-टिकट व्यवस्था सफल साबित होती है, तब भी इसे स्मार्ट कार्ड की जगह नहीं लाया जा सकता है। इसका कारण यह है कि इंटरनेट के द्वारा भुगतान की स्पीड काफी कम होती है। हां, इतना जरूर हो सकता है कि ई-टिकटिंग को टोकन की जगह लागू कर दिया जाए।'QR कोड-बेस्ड टिकट्स उसी तरह काम करेंगे जैसे कि फिल्म देखने के लिए बुक कराए गए ई-टिकट काम करते हैं। इस व्यवस्था में यात्री ऑनलाइन टिकट खरीदेंगे, जिससे कि उन्हें एक टिकट की जगह एक कोड मिलेगा। स्टेशन के द्वार पर लगी QR कोड रीडिंग मशीन स्मार्टफोन के माध्यम से इस कोड को पढ़ लेगी।
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