भारत ने गुरूवार को ओडिशा के तट से स्वदेशी मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्च सिस्टम पिनाक मार्क-2 का सफल परीक्षण किया. पिनाका को डीआरडीओ के आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ने विकसित किया है. पिनाका 60 किलोमीटर की दूरी और साढ़े तीन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में एक साथ दुश्मन के कई ठिकानों को नष्ट कर सकती है. यह मिसाइल सिस्टम 44 सेकंड में बारह रॉकेट दागकर दुश्मन सेना को भारी मुश्किल में डालने में सक्षम है.
पिनाक मार्क-1 रॉकेट को नैविगेशन, गाइडेंस और कंट्रोल किट से जोड़कर गाइडेड पिनाक में बदल दिया गया है और इसे मार्क-2 कहा गया है. इससे पिनाक की रेंज और सटीकता बढ़ी है. रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि उड़ीसा के चांदीपुर में हुए टेस्ट में मिशन के सभी लक्ष्य पूरे हो गए. लॉ इंटेसिटी वाले संघर्षों में यह रॉकेट प्रणाली तुरंत जवाबी हमला करने में सक्षम है. पिनाका की मिसाइलें दागने की रफ्तार काफी ज्यादा है और इसमें एंटी राडार सिस्टम लगा है. इसके मिलने से सशस्त्र सेनाओं की मारक क्षमता बेहतर होगी.
गुरुवार को ओडिशा के तट पर चांदीपुर से से 12:15pm पर पिनाक को फायर किया गया. डिफेंस सोर्स के मुताबिक, 'ट्रायल के दौरान मिशन की सारे उद्देश्य पूरे हुए. पूरे उड़ान पथ के दौरान चांदीपुर में सभी रेडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल और टेलीमेंट्री सिस्टम पर सही से नजर रखी गई. रक्षा सूत्रों ने बताया कि इसे मल्टिबैरल रॉकेट लॉन्चर से छोड़ा गया.
पिनका खास तौर से दुश्मन के बंकरों को निशाना बनाने में इससे कामयाबी मिलती है. करगिल जंग के दौरान पिनाक मार्क -1 ने काफी साथ दिया था. रक्षा मंत्रालय के वैज्ञानिक सलाहकार और डीजी डॉ जी सतीश रेड्डी इस मिशन के दौरान मौजूद रहे. DRDO चेयरमैन डॉ एस क्रिस्टोफर ने मिशन के सफल होने पर पूरी टीम को बधाई दी.
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