सिंगापुर : 8 नवंबर 2016 को लागू किए गए नोटबंदी के फैसले की वजह से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की रफ्तार भले ही कम रहने का अनुमान जताया गया है, लेकिन इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था, चीन के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन करेगी। भारतीय मूल के एक विद्वान और सिंगापुर के पूर्व डिप्लोमैट ने इस बात की संभावना जताई है।
नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में ली कुआन यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के डीन किशोर महबूबानी ने दुनिया की तमाम प्रमुख यूनिविर्सिटीज के एक कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'अगर नोटबंदी की वजह से अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त होती भी है तो यह लंबे समय के लिए भारत के विकास की रफ्तार में बदलाव नहीं लाएगा। नोटबंदी के कारण अस्थायी तौर पर सुस्ती के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार चीन के मुकाबले ज्यादा रहेगी।' इसके साथ ही महबूबानी ने नोटबंदी को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद बताया।
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि नोटबंदी का फैसला बढ़िया है क्योंकि इसकी वजह से अर्थव्यवस्था में काफी पैसा आया है। इसलिए भारतीय इकॉनमी के लिए यह फैसला फायदेमंद है। बैंकों में ज्यादा पैसा आने के कारण भारतीय रिजर्व बैंक को कम कर्ज लेने की जरूरत पड़ेगी। थोड़ी सुस्ती के बावजूद भारतीय इकॉनमी चीन के मुकाबले तेजी से आगे बढ़ेगी। भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी रफ्तार है।'इस सम्मेलन में दुनिया में तेजी से आ रहे बदलावों पर भी चर्चा की गई। महबूबानी ने सम्मेलन से इतर पत्रकारों से कहा, 'हम एकध्रुवीय दुनिया से बहुध्रुवीय दुनिया की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसा होना छोटे देशों के लिए बढ़िया है क्योंकि उनके पास ज्यादा विकल्प होंगे। बहुध्रुवीय दुनिया की तरफ आगे बढ़ने से सिंगापुर के लिए भी नए मौके पैदा होंगे। हम चीन, ब्रिटेन, भारत और यूरोप के साथ बढ़िया रिश्ते रख सकते हैं।'
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