नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने शुक्रवार रात जल्लीकट्टू से जुड़े अध्यादेश को मंजूरी देकर तमिलनाडु सरकार के लिए इसकी उदघोषणा करने का रास्ता साफ कर दिया. पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि तमिलनाडु की समृद्ध संस्कृति पर गर्व है. तमिल लोगों की सांस्कृतिक आकांक्षाओं को पूरा करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु के विकास के लिए पूर्णरूपेण समर्पित है.
तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के मुद्दे पर पिछले चार दिनों से जारी विरोध प्रदर्शनों के कारण कामकाज ठप हो गया और इस कोशिश से विरोध प्रदर्शनों के रुकने की उम्मीद है. केंद्र से अध्यादेश को मंजूरी मिलने पर चेन्नई की मरीना बीच पर मौजूद हजारों प्रदर्शनकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई. पीएम मोदी के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम को आश्वासन देने के बाद गृह, विधि और पयार्वरण मंत्रालयों ने राज्य के मसौदा अध्यादेश की समीक्षा की और संशोधन को मंजूरी दी, जो प्रदर्शन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जानवरों की सूची से सांड़ों को गैर अधिसूचित कर देगा. इससे सुनिश्चित होगा कि पशु क्रूररता निरोधक अधिनियम के प्रावधान सांड़ों पर लागू नहीं होंगे. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि अध्यादेश राज्य सरकार के पास भेज दिया गया है. इसे राष्ट्रपति के पास नहीं भेजा गया और सीधा राज्य सरकार के पास भेज दिया गया.
तमिलनाडु के मंत्रिमंडल की अध्यादेश को मंजूरी देने के लिए शनिवार सुबह बैठक करने और उद्घोषणा के लिए इसे सिफारिश के लिए राज्यपाल विद्यासागर राव के पास भेजने की संभावना है. राव महाराष्ट्र के भी राज्यपाल हैं और वह शनिवार सुबह चेन्नई पहुंचेंगे. जल्लीकट्टू जैसे सांस्कृतिक मुद्दे संविधान की समवर्ती सूची में हैं. इस पर राज्य सरकार अध्यादेश ला तो सकती है लेकिन इसके लिए उसे केंद्र की मंजूरी की जरूरत होती है.
इससे पहले केंद्रीय पयार्वरण मंत्रालय और कानून मंत्रालय ने अध्यादेश के मसौदे को मंजूर कर गृह मंत्रालय को भेज दिया था. गृह मंत्रालय ने भी रात को इसे मंजूरी दे दी. इससे पहले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी से विचार विमर्श किया. पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने कहा कि गुरुवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम से भेंट के दौरान पीएम मोदी ने विभिन्न सांस्कृतिक खेलकूदों खासकर जल्लीकट्टू से जुड़ी भावनाओं एवं सांस्कृतिक मूल्यों को सराहा था.
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