चेन्नई : जनभावना का सम्मान करते हुए केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद जल्लीकट्टू से संबंधित अध्यादेश को राज्यपाल विद्यासागर राव ने आज मंजूरी दे दी. मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम कल सुबह 10 बजे जल्लीकट्टू के आयोजन का उद्घाटन करेंगे. राज्य सरकार के मंत्री जिलों में इस आयोजन का उद्घाटन करेंगे. तमिलनाडु का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे महाराष्ट्र के राज्यपाल सीएच विद्यासागर राव जल्लीकट्टू उत्सव के आयोजन के पक्ष में अध्यादेश लाने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र से मंजूरी मिलने की पृष्ठभूमि में आज चेन्नई पहुंचे.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री कल जहां 10 बजे जल्लीकट्टू उत्सव की शुरुआत करेंगे, वहीं राज्य के कई मंत्री स्वयं के लिए तय किये गये जिलों में उत्सव में 11 बजे से शामिल होंगे. उधर, राज्य सरकार ने फैसला किया है कि वह इस अध्यादेश की जगह एक बिल लायेगी. यह बिल 23 जनवरी से शुरू होने वाली राज्य विधानसभा में लायी जायेगी. बिल को सदन की मंजूरी मिलने के बाद वह कानून बन जायेगा.
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने सांडों को काबू करने के इस खेल पर प्रतिबंध लगाया हुआ था. राजभवन के एक अधिकारी ने कहा, ‘राव शाम करीब चार बजे चेन्नई पहुंचे.' महाराष्ट्र के राज्यपाल राव के पास तमिलनाडु का अतिरिक्त कार्यभार है. अगस्त में के. रोसैय्या का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें प्रभार सौंपा गया था.
तमिलनाडु कैबिनेट ने जल्लीकट्टू पर आज अध्यादेश को अंतिम मंजूरी देते हुए उसे अंतिम अनुमति के लिए राज्यपाल के पास भेजा था. तमिलनाडु सरकार ने जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए अध्यादेश जारी करने का प्रस्ताव रखा था. चूंकि यह विषय संविधान की समवर्ती सूची में आता है, ऐसे में तमिलनाडु के लिए केंद्र से मंजूरी लेना अनिवार्य था.
केंद्र ने जल्लीकट्टू के आयोजन का रास्ता साफ करते हुए एक अध्यादेश को पहले ही मंजूरी दे दी थी. केंद्र के तीन मंत्रालयों गृह, कानून एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इस अध्यादेश की जांच के बाद इसे हरी झंडी दिखा दी थी. केंद्र द्वारा जल्लीकट्टू अध्यादेश को मंजूरी दिये जाने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि तमिलनाडु की जनता की सांस्कृतिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास किये जायेंगे.
नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया था, ‘तमिलनाडु की समृद्ध संस्कृति पर हमें गर्व है. तमिल लोगों की सांस्कृतिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सभी प्रयास किये जा रहे हैं.' मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु की प्रगति के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और राज्य को नयी ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए काम करती रहेगी.
मालूम हो कि इस संबंध में गुरुवार को तमिलनाडु के सीएम पन्नीरसेल्वम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सहयोग मांगा था. बाद में मीडिया में यह खबर आयी कि केंद्र सरकार के शीर्ष वकील ने तमिलनाडु सरकार को सलाह दी कि यह स्थानीय उत्सव है, इसलिए वह स्वयं इस पर अध्यादेश ला सकता है.
आज दिन में अन्न्नद्रमुक सांसदों ने भी राष्ट्रपति से जल्लीकट्टू अध्यादेश के संबंध में मुलाकात की थी.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री कल जहां 10 बजे जल्लीकट्टू उत्सव की शुरुआत करेंगे, वहीं राज्य के कई मंत्री स्वयं के लिए तय किये गये जिलों में उत्सव में 11 बजे से शामिल होंगे. उधर, राज्य सरकार ने फैसला किया है कि वह इस अध्यादेश की जगह एक बिल लायेगी. यह बिल 23 जनवरी से शुरू होने वाली राज्य विधानसभा में लायी जायेगी. बिल को सदन की मंजूरी मिलने के बाद वह कानून बन जायेगा.
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने सांडों को काबू करने के इस खेल पर प्रतिबंध लगाया हुआ था. राजभवन के एक अधिकारी ने कहा, ‘राव शाम करीब चार बजे चेन्नई पहुंचे.' महाराष्ट्र के राज्यपाल राव के पास तमिलनाडु का अतिरिक्त कार्यभार है. अगस्त में के. रोसैय्या का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें प्रभार सौंपा गया था.
तमिलनाडु कैबिनेट ने जल्लीकट्टू पर आज अध्यादेश को अंतिम मंजूरी देते हुए उसे अंतिम अनुमति के लिए राज्यपाल के पास भेजा था. तमिलनाडु सरकार ने जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए अध्यादेश जारी करने का प्रस्ताव रखा था. चूंकि यह विषय संविधान की समवर्ती सूची में आता है, ऐसे में तमिलनाडु के लिए केंद्र से मंजूरी लेना अनिवार्य था.
केंद्र ने जल्लीकट्टू के आयोजन का रास्ता साफ करते हुए एक अध्यादेश को पहले ही मंजूरी दे दी थी. केंद्र के तीन मंत्रालयों गृह, कानून एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इस अध्यादेश की जांच के बाद इसे हरी झंडी दिखा दी थी. केंद्र द्वारा जल्लीकट्टू अध्यादेश को मंजूरी दिये जाने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि तमिलनाडु की जनता की सांस्कृतिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास किये जायेंगे.
नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया था, ‘तमिलनाडु की समृद्ध संस्कृति पर हमें गर्व है. तमिल लोगों की सांस्कृतिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सभी प्रयास किये जा रहे हैं.' मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु की प्रगति के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और राज्य को नयी ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए काम करती रहेगी.
मालूम हो कि इस संबंध में गुरुवार को तमिलनाडु के सीएम पन्नीरसेल्वम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सहयोग मांगा था. बाद में मीडिया में यह खबर आयी कि केंद्र सरकार के शीर्ष वकील ने तमिलनाडु सरकार को सलाह दी कि यह स्थानीय उत्सव है, इसलिए वह स्वयं इस पर अध्यादेश ला सकता है.
आज दिन में अन्न्नद्रमुक सांसदों ने भी राष्ट्रपति से जल्लीकट्टू अध्यादेश के संबंध में मुलाकात की थी.
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