मुंबई : पीएम मोदी के खिलाफ फतवा जारी करने वाले कोलकाता की टीपू सुल्तान मस्जिद के शाही इमाम सैयद मोहम्मद नुरुर रहमान बरकती को अब खुद ही फतवे का सामना करना पड़ रहा है। शाही इमाम बरकती के खिलाफ मुंबई के एक मुफ्ती ने फतवा जारी कर दिया है।
मदरसा-दारुल-उलूम अली हसन सुन्नत के मुफ्ती मंजर हसन खान अशरफी मिस्बही ने न केवल बरकती के मोदी के खिलाफ फतवे को सिरे से खारिज कर दिया बल्कि उन्होंने शाही इमाम के नमाज अदा करने के हक पर भी सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा, ऐसे बयानों को फतवा नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इससे समाज की शांति को खतरा पैदा होता है। यह उनकी व्यक्तिगत और राजनीतिक राय है और शरीयत इसका समर्थन नहीं करता है। मिस्बही ने दावा किया कि बरकती मुफ्ती नहीं हैं और उन्हें अपनी राजनीतिक राय को फतवे के तौर पर पेश कर उसकी पवित्रता को खत्म करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
इसके बाद बरकती की बारी थी। बरकती ने कहा, मिस्बही कौन हैं? मैंने इससे पहले कभी उनका नाम नहीं सुना। मुझे नहीं लगता कि उनकी बातों पर किसी को ध्यान देना चाहिए। मैं अपने बयान पर कायम रहूंगा जोकि मैंने समाज की भलाई के लिए दिए हैं।
0 comments:
Post a Comment