नई दिल्ली : चार दशक से अधिक समय तक सौराष्ट्र क्रिकेट संघ (एससीए) का हिस्सा रहे अनुभवी प्रशासक निरंजन शाह ने आज कहा कि भारतीय क्रिकेट में लोढा समिति के सुधारवादी कदमों को लागू करने को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद वह राज्य संघ से बाहर हो गए हैं।
शाह ने कहा कि उनके एससीए में सचिव पद से इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है क्योंकि लोढा समिति की सिफारिशों ने उन्हें क्रिकेट प्रशासन में किसी भी पद पर बने रहने के लिए अयोग्य कर दिया है। अन्य सिफारिशों में लोढा समिति ने बीसीसीआई और राज्य संघों में पदाधिकारियों की अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष तक सीमित कर दी है। शाह 72 वर्ष के हैं।
शाह ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद मैं सौराष्ट्र क्रिकेट से बाहर हो गया हूं। कहने के लिए कुछ नहीं है और इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है। पात्रता योग्यताओं को लेकर अदालत का आदेश स्पष्ट है।’ यह पूछने पर कि क्या वह सलाहकार की भूमिका के लिए तैयार हैं, शाह ने कहा, ‘यह फैसला नये पदाधिकारियों को करना है। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि मैं संतुष्ट व्यक्ति के रूप में सौराष्ट्र क्रिकेट छोड़ रहा हूं। एससीए देश में सर्वश्रेष्ठ संचालित संघों में से एक है।’
सौराष्ट्र क्रिकेट का हिस्सा रहने के अलावा शाह सचिव और उपाध्यक्ष के रूप में बीसीसीआई से भी जुड़े रहे। शाह ने कहा कि इसे लेकर भ्रम है कि लोढा समिति की सिफारिशों को कैसे लागू किया जाए, विशेषकर प्रत्येक कार्यकाल के बाद तीन साल के ब्रेक हो। एन. श्रीनिवासन की अगुआई वाले तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) में भी भ्रम की स्थिति है।
टीएनसीए सचिव काशी विश्वनाथन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के उन्हें अयोग्य कर दिया है। विश्वनाथन ने कहा, ‘इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता। मैं पहले ही 10 साल से अधिक समय से टीएनसीए का सचिव हूं और इसलिए मैं अयोग्य हूं। लोढा समिति की सिफारिशों को कैसे लागू किया जाए इसके लिए टीएनसीए कार्यकारी समिति की बैठक बुला रहा है।’
शाह ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद मैं सौराष्ट्र क्रिकेट से बाहर हो गया हूं। कहने के लिए कुछ नहीं है और इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है। पात्रता योग्यताओं को लेकर अदालत का आदेश स्पष्ट है।’ यह पूछने पर कि क्या वह सलाहकार की भूमिका के लिए तैयार हैं, शाह ने कहा, ‘यह फैसला नये पदाधिकारियों को करना है। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि मैं संतुष्ट व्यक्ति के रूप में सौराष्ट्र क्रिकेट छोड़ रहा हूं। एससीए देश में सर्वश्रेष्ठ संचालित संघों में से एक है।’
सौराष्ट्र क्रिकेट का हिस्सा रहने के अलावा शाह सचिव और उपाध्यक्ष के रूप में बीसीसीआई से भी जुड़े रहे। शाह ने कहा कि इसे लेकर भ्रम है कि लोढा समिति की सिफारिशों को कैसे लागू किया जाए, विशेषकर प्रत्येक कार्यकाल के बाद तीन साल के ब्रेक हो। एन. श्रीनिवासन की अगुआई वाले तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) में भी भ्रम की स्थिति है।
टीएनसीए सचिव काशी विश्वनाथन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के उन्हें अयोग्य कर दिया है। विश्वनाथन ने कहा, ‘इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता। मैं पहले ही 10 साल से अधिक समय से टीएनसीए का सचिव हूं और इसलिए मैं अयोग्य हूं। लोढा समिति की सिफारिशों को कैसे लागू किया जाए इसके लिए टीएनसीए कार्यकारी समिति की बैठक बुला रहा है।’
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