बेंगलुरु : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में14वें प्रवासी दिवस सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा से लेकर 'ब्रेन-ड्रेन' को 'ब्रेन-गेन' में बदलने और ब्लैक मनी जैसे अहम मुद्दों पर बात की। प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ सरकार की मुहिम का साथ देने के लिए प्रवासी भारतीयों को शुक्रिया कहा। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से कहा कि आपके सपने हमारे सपने हैं और 21वीं सदी भारत की सदी है। पीएम ने कहा कि वह पासपोर्ट का रंग नहीं देखते बल्कि खून का रिश्ता देखते हैं।
पीएम मोदी ने कहा, 'आज ही के दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से वापस भारत आए थे। यह एक ऐसा पर्व है जब कोई देश विदेश में रहने वाली अपनी संतानों से मिलता है। विदेशों में रहने वाले भारतीयों का सम्मान इसलिए होता है क्योंकि वे वहां के लिए अपना योगदान देते हैं। प्रवासी भारतीयों की मेहनत, अनुशासन और शांतिप्रियता दूसरे प्रवासियों के लिए मिसाल की तरह है।' पीएम मोदी ने कहा,'मैंने अपने विदेश दौरों पर प्रवासी भारतीयों से बात की। उनके बीच भारत के सामाजिक और आर्थिक बदलाव में अपना योगदान देने की ललक है। प्रवासी भारतीयों में देश के विकास के लिए अदम्य इच्छाशक्ति है। वे देश की विकासयात्रा में हमारे बेशकीमत सहयात्री हैं।'प्रधानमंत्री ने कहा कि विदेश में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा और कल्याण भारत सरकार की प्राथमिकता है। पीएम ने कहा,'मैं चाहता हूं कि भारतीय दूतावास सक्रियता से अपना काम करें और वहां रहने वाले भारतीयों की मदद के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहें। हम पासपोर्ट का कलर नहीं देखते हैं, खून का रिश्ता देखते हैं। कोई दुनिया के किसी भी देश में क्यों न रहता हो उसे भारत से करीबी का अहसास होना चाहिए।' पीएम मोदी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के काम और सक्रियता की तारीफ की। उन्होंने यमन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाए जाने के लिए भारतीय सेना के ऑपरेशन की भी तारीफ की।
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