नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने आज सहारा समूह की उस अर्जी को खारिज किया, जिसमें सेबी को 600 करोड़ चुकाने के लिए और वक्त देने की मांग की गई थी. सर्वोच्च अदालत ने संकेत दिया कि अगर सहारा समूह 6 फरवरी तक राशि जमा नहीं करता है तो सुब्रत राय को जेल भी भेजा जा सकता है.
बता दें कि कामनकाज संस्था ने आयकर छापे मे बरामद डायरियों मे राजनेताओं को पैसे देने की बात कही थी जिनकी जांच की मांग की गई थी. सहारा बिड़ला डायरी में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री को पैसे देने की बात दर्ज है जिसकी जांच मांगी गई थी. अटार्नी जनरल ने विरोध करते हुए कहा कि किसी भी काग़ज़ मे दर्ज इंट्री के आधार पर जांच के आदेश नही हो सकते.
नोटबंदी का बहाना भी नहीं चला
समूह ने कोर्ट में कहा कि उसे नोटबंदी के चलते पैसा जुटाने में परेशानी हो रही है, पर अदालत ने इस दलील को मानने से इनकार कर दिया. सहारा समूह ने कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि पैसा जमा कराने के लिए उसे और वक्त दिया जाए क्योंकि नोटबंदी की वजह से वह पैसा नहीं जुटा पा रहा है. समूह ने कोर्ट में कहा कि नोटबंदी के चलते उसे संपत्ति बेचने में भी परेशानी आ रही है, पर कोर्ट ने ऐसी किसी भी दलील को स्वीकार नहीं किया. बता दें कि 28 नवंबर, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को जेल से बाहर रहने के लिए 6 फरवरी, 2017 तक 600 करोड़ रुपए जमा कराने का निर्देश दिया था.
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