पटना
देश की राजनीति ने चौपाल से लेकर चाय पर चर्चा के बाद अब चूरा-दही के भोज तक का सफर तय कर लिया है। मकर संक्रांति पर जेडीयू की तरफ से आयोजित भोज को देखकर कुछ ऐसा ही लगता है। जेडीयू ने इस भोज के लिए बीजेपी को भी आमंत्रित किया है। सुशील मोदी जहां नीतीश कुमार से अपने 'दिल के रिश्ते' का हवाला दे रहे हैं, वहीं कांग्रेस इससे खफा नजर आ रही है। चर्चाएं हैं कि चूरा-दही पर भोज के बहाने नीतीश और बीजेपी में कहीं कुछ 'खिचड़ी' तो नहीं पक रही।
देश की राजनीति ने चौपाल से लेकर चाय पर चर्चा के बाद अब चूरा-दही के भोज तक का सफर तय कर लिया है। मकर संक्रांति पर जेडीयू की तरफ से आयोजित भोज को देखकर कुछ ऐसा ही लगता है। जेडीयू ने इस भोज के लिए बीजेपी को भी आमंत्रित किया है। सुशील मोदी जहां नीतीश कुमार से अपने 'दिल के रिश्ते' का हवाला दे रहे हैं, वहीं कांग्रेस इससे खफा नजर आ रही है। चर्चाएं हैं कि चूरा-दही पर भोज के बहाने नीतीश और बीजेपी में कहीं कुछ 'खिचड़ी' तो नहीं पक रही।
मकर संक्रांति के अवसर पर रविवार को जेडीयू ने चूरा-दही का भोज दिया है। इसमें बीजेपी नेताओं को भी बुलाया गया है। एबीपी न्यूज से बात करते हुए बीजेपी नेता सुशील मोदी ने न सिर्फ इस भोज में शामिल होने की पुष्टि की बल्कि नीतीश से दिल का रिश्ता भी बता डाला। सुशील ने यहां तक कह डाला कि उनका लालू की तुलना में कहीं ज्यादा नीतीश से करीबी रिश्ता है।
बीजेपी को बुलाए जाने से महागठबंधन का हिस्सा कांग्रेस कुछ नाराज नजर आ रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि दो सालों से बीजेपी को बुलाया नहीं भेजा जा रहा है। इस साल ऐसी क्या बात हो गई कि न्योता भेजा गया है, यह जेडीयू ही बताएगी। हालांकि उन्होंने यह भी कह दिया कि बिहार में महागठबंधन में कोई दिक्कत नहीं है।
भारत की राजनीति मे कब कौन किसका पिछवाड़े मे घुस जाये कोई पता नही| क्युकी सब के सब नेता स्वार्थ से लबालब भरे हुये है| हाथी के दांत वाली कहावत सभी नेताओ पर फिट बेठती है|
बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार ने कहा कि दो साल से बुलावा नहीं आया था, इस बार आया है। उन्होंने नीतीश कुमार से पुराने रिश्ते का हवाला देते हुए भोज में जाने की पुष्टि भी कर दी। सुशील मोदी लगे हाथ आरजेडी पर निशाना साधने से भी नहीं चूके।
सुशील मोदी ने कहा कि आरजेडी के लोग कह रहे हैं कि लालू पर अंकुश लगाने के लिए नीतीश ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब आरजेडी की राजनीति वही लोग जानें। बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा, 'हालांकि मुझे नहीं लगता कि भोज-भात में राजनीति देखी जानी चाहिए।'
हाल के दिनों में नीतीश कुमार के फिर से उभरते 'बीजेपी प्रेम' को लेकर काफी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। पहले नोटबंदी पर पीएम मोदी की तारीफ फिर प्रकाश पर्व पर पटना में मंच साझा कर नीतीश ने ऐसी चर्चाओं को और बल दिया है। हालांकि समय-समय पर महागठबंधन की राजनीति के तीनों धड़े यह बयान जरूर जारी कर रहे हैं कि गठबंधन में कोई समस्या नहीं है।
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