लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनावों के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर बात बन गई है। सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है। हालांकि, आधिकारिक ऐलान अभी बाकी है। सूत्र बताते हैं कि समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को 105 सीटें देने पर रजामंदी दे दी है। एसपी खुद 298 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कई दौर की मीटिंग और दिमागी माथापच्ची के बाद यह फैसला हुआ है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर और अखिलेश के बीच भी मीटिंग हुई।बता दें कि शुक्रवार को सीएम अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट्स की लिस्ट घोषित कर दी थी। एसपी के इस कदम से कांग्रेस भौचक्की रह गई थी क्योंकि उसे उम्मीद थी कि गठबंधन के तहत सीटों पर फैसला होने के बाद दोनों पार्टियां मिलकर ऐसी कोई घोषणा करेंगी। इसके बाद, एसपी लीडर किरणमय नंद ने मीडिया में कहा कि कांग्रेस को ज्यादा से ज्यादा 80 सीटें दी जा सकती हैं। यह भी खबरें आईं कि अखिलेश कांग्रेस को 99 से ज्यादा सीटें देने के लिए राजी नहीं थे।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि एसपी की यह रणनीति कांग्रेस पर दबाव बनाने की थी। एसपी कभी नहीं चाहेगी कि वो अपनी राजनीतिक ताकत का बहुत बड़ा हिस्सा कांग्रेस के साथ शेयर करे। वहीं, कांग्रेस इस गठबंधन के सहारे यूपी की सत्ता में वापस लौटने की जुगत में है। पार्टी के नेताओं को लगता है कि इस गठबंधन की वजह से उनका प्रदर्शन कम से कम पिछले चुनाव के मुकाबले तो बेहतर ही रहेगा।
अखिलेश इस डील में शुरुआत से ही हावी नजर आए। गठबंधन की सुगबुगाहट आते ही कांग्रेस की सीएम फेस शीला दीक्षित ने अपनी दावेदारी छोड़ दी। वहीं, अखिलेश के सीटों के ऐलान के बावजूद कांग्रेस सार्वजनिक तौर पर यही कहती रही कि गठबंधन को लेकर बातचीत जारी है। सूत्रों के मुताबिक, बात बिगड़ती देख प्रियंका गांधी और बाद में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इस मामले में दखल दी।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि एसपी की यह रणनीति कांग्रेस पर दबाव बनाने की थी। एसपी कभी नहीं चाहेगी कि वो अपनी राजनीतिक ताकत का बहुत बड़ा हिस्सा कांग्रेस के साथ शेयर करे। वहीं, कांग्रेस इस गठबंधन के सहारे यूपी की सत्ता में वापस लौटने की जुगत में है। पार्टी के नेताओं को लगता है कि इस गठबंधन की वजह से उनका प्रदर्शन कम से कम पिछले चुनाव के मुकाबले तो बेहतर ही रहेगा।
अखिलेश इस डील में शुरुआत से ही हावी नजर आए। गठबंधन की सुगबुगाहट आते ही कांग्रेस की सीएम फेस शीला दीक्षित ने अपनी दावेदारी छोड़ दी। वहीं, अखिलेश के सीटों के ऐलान के बावजूद कांग्रेस सार्वजनिक तौर पर यही कहती रही कि गठबंधन को लेकर बातचीत जारी है। सूत्रों के मुताबिक, बात बिगड़ती देख प्रियंका गांधी और बाद में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इस मामले में दखल दी।
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