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    Friday 13 January 2017

    महात्‍मा गांधी की जगह कोई नहीं ले सकता - Mahatma Gandhi and his place

    नई दिल्‍ली : खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के 2017 के कैलेंडर में इस बार हुए कुछ बदलावों को लेकर आपत्ति जताई जाने लगी है। केवीआईसी डायरी के नए साल के कैलेंडर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगी है। इस कैलेंडर को लेकर अब आपत्ति जताई जा रही है। केवीआईसी डायरी विवाद पर बीजेपी नेता और केंद्रीय सूक्ष्म लघु उद्योग मंत्री कलराज मिश्र ने शुक्रवार को सफाई दी कि महात्‍मा गांधी की बराबरी कोई नहीं कर सकता है। महात्‍मा गांधी की जगह कोई नहीं ले सकता है। उन्‍होंने कहा कि साल 2014 में खादी विलेज डायरी (केवीआईसी) में गांधी की तस्‍वीर थी। साल 2016 में इस डायरी में किसी की तस्‍वीर नहीं थी। खादी ग्रामोउद्योग के कैलेंडर में गांधी की जगह मोदी के फोटो लगाए जाने पर कलराज मिश्र ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि इसमें पीएम मोदी का फोटो कैसे आया। मुझे ये जानकारी खबरों के जरिए मिली है। उन्‍होंने कहा कि गांधी हमारे लिए पूज्य हैं और कोई सवाल ही नहीं खड़ा होता अन्य किसी को उनका स्थान लेने का। सरकारी सूत्रों के अनुसार, पहले कभी भी केवीआईसी के किसी सामान पर महात्मा गांधी की तस्वीर नहीं छपी है। 1996, 2002, 2005, 2011, 2012, 2013 और 2016 की कैलेंडर डायरी पर गांधी की तस्वीर नहीं थी। सूत्रों का कहना है कि जो लोग इस विवाद को तूल दे रहे है, उनको समझना चाहिए कि कांग्रेस के 50 सालों के राज में खादी की बिक्री 2 फीसदी से 7 फीसदी तक सीमित रही थी लेकिन पिछले 2 साल में खादी की बिक्री में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है जो 34 फीसदी तक पहुंच गयी है। यह सब पीएम की खादी को जन स्वीकृति दिलवाने के परिणामस्वरूप हुई है। बताया जा रहा है कि केवीआईसी में ऐसा कोई नियम नहीं है कि कैलेंडर डायरी पर महात्मा गांधी की तस्वीर ही लगाई जाएगी। सूत्रों के मुताबिक मोदी की इस कैलेंडर पर लगी तस्वीर गरीब महिलाओं को चरखा वितरण कार्यक्रम की है। वहीं आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि कैलेंडर और डायरी के कवर फोटो को देखकर केवीआईसी के अधिकांश कर्मचारियों और अधिकारियों को झटका लगा। हालांकि, अब तक खादी ग्रामोद्योग आयोग के कैलेंडर पर महात्मा गांधी की चरखा चलाते तस्‍वीरें हुआ करती थीं। आयोग ने नये साल में जो कैलेंडर जारी किया है, उसमें महात्मा गांधी की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चरखा चलाते तस्‍वीर है। डायरी से भी बापू की तस्‍वीर गायब है। इस बदलाव का विरोध करते हुए कर्मचारियों ने यहां प्रदर्शन किया और गांधीजी की तस्‍वीर के साथ फिर से कैलेंडर प्रकाशित करने की मांग की। बता दें कि खादी के पर्याय कहे जाने वाले बापू वर्ष 2017 के कैलेंडर और डायरी के कवर पर हमेशा की तरह इस बार नहीं दिख रहे हैं। डायरी के कवर और कैलेंडर पर खादी के कुर्ते में मोदी बापू की ही मुद्रा में चरखा कातते नजर आ रहे हैं। इस कैलेंडर में पीएम मोदी की तस्‍वीर को लेकर विवाद बढ़ गया है। इस बारे में केवीआइसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि पूरा खादी उद्योग ही गांधी जी की विचारधारा पर केंद्रित है। वह केवीआइसी की आत्मा हैं। इसलिए उनकी अनदेखी करने का तो सवाल ही नहीं उठता। सक्सेना ने बताया कि मोदी बहुत लंबे समय से खादी पहनते आ रहे हैं। उन्होंने इसे जनमानस में तो ख्याति दिलाई ही है, विदेशियों के बीच भी इसे प्रसिद्ध कर दिया है। दरअसल वह खादी के सबसे बड़े ब्रांड एम्बेस्डर हैं। उल्लेखनीय है कि मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के समय से ही खादी की अपनी पोशाकों के लिए जाने जाते रहे हैं। बता दें कि ये पूरा विवाद खादी ग्रामोउद्योग के कैलेंडर में महात्मा गांधी की जगह पीएम मोदी का फोटो लगाए जाने से शुरू हुआ।
    Courtesy - ZEE News
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